जांच करने पहुंचे अधिकारियों के निर्देशों का भी नहीं हो रहा पालन
सत्यनारायण अग्रवाल कर रहे एस्ट्रोटर्फ मैदान के निर्माण का कार्य

हरीश राहंगडाले बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बड़ी संख्या में हॉकी प्रेमी लोग है हॉकी खेल को जिले की जनता द्वारा बहुत पसंद किया जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि हर वर्ष नेहरु स्पोर्टिंग क्लब द्वारा अखिल भारतीय स्वर्णकप ऑल इंडिया हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में खेल प्रेमी दर्शकों द्वारा पहुंचकर हॉकी का लुत्फ उठाया जाता है तथा हर वर्ष बालाघाट में हॉकी का सफलतम आयोजन होता है। जिसको देखते हुए बालाघाट जिलेवासियों की ओर से लंबे समय से एस्ट्रोटर्फ मैदान की मांग की जा रही थी जिस पर शासन की ओर से स्वीकृति एस्ट्रोटर्फ मैदान के लिए दिलाई गई और बालाघाट में चंद्रशेखर स्पोर्टिंग मैदान में 7 करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से एस्ट्रोटर्फ मैदान का निर्माण किया जा रहा है।

नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के साथ ही जिले की हाकी प्रेमी जनता का यह कहना था कि लंबे समय के बाद बालाघाट में एस्ट्रोटर्फ मैदान की सौगात मिल गई है तो एस्ट्रोटर्फ मैदान टेक्निकल रूप से अच्छा हो तथा इसका हॉकी खिलाड़ियों को भरपूर लाभ मिले। लेकिन जिस प्रकार से एस्ट्रोटर्फ मैदान का निर्माण किया जा रहा है उसमें बहुत सी खामियां देखी जा रही है इसमें एस्टोटर्फ मैदान निर्माण के जो मापदंड होते हैं उसका बिल्कुल पालन नहीं किया गया है जिसके चलते नेहरू स्पोर्टिंग क्लब और हॉकी खिलाड़ियों में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर भारी असंतोष व्याप्त है।

गलत तरीके से बनाया गया पवेलियन

वैसे तो एस्ट्रोटर्फ मैदान के निर्माण कार्य के लिए एजेंसी पुलिस हाउसिंग है वही पुलिस हाउसिंग द्वारा इस कार्य को कराने के लिए इसका जिम्मा भाजपा नेता सत्यनारायण अग्रवाल को सौंपा गया। एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान के निर्माण को लेकर जो सावधानियां रखी जाती है उसमें 60 बाई 100 गज का यह एस्ट्रोटर्फ मैदान होना चाहिए तथा उसके बाद अतिरिक्त आसपास 5 - 5 मीटर की चारों ओर जगह छोड़ी जाती है तथा उससे भी 10 मीटर हटकर गैलरी या कहे पवेलियन का निर्माण किया जाता है। ऐसा ना करते हुये पवेलियन को मैदान से चिपककर बना दिया गया है, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि टेक्निकल मापदंड का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है।

कोरोना के समय शुरू किया गया था काम

बताया जा रहा है कि एस्टोटर्फ मैदान निर्माण की स्वीकृति मिले 2 वर्ष से अधिक समय हो चुका है। जैसे ही स्वीकृति मिली और वर्क आर्डर हुआ कोरोना महामारी जैसा समय होते हुये भी ठेकेदार द्वारा कोरोना के समय में स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। उस दौरान नेहरू स्पोर्टिंग क्लब द्वारा आवश्यक सुझाव निर्माण एजेंसी को दिए गए थे जिसका बखूबी ध्यान रखते हुए नापजोख कर इंजीनियर द्वारा डिजाइन तैयार किया गया था लेकिन टेक्निकल बातों का ठेकेदार द्वारा बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया और पवेलियन खड़ा कर दिया गया है। जब पवेलियन बनकर खड़ा हो गया और नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों द्वारा इसे देखा गया तो उसे देखकर बहुत निराशा व्यक्त की गई।


जांच करने पहुंचे थे अधिकारी

ज्ञात हो कि हॉकी खिलाड़ियों द्वारा गलत तरीके से बनाये जा रहे पवेलियन को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की गई थी, जिस पर पिछले दिनों भोपाल से चीफ इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तथा आर्किटेक्ट बालाघाट पहुंचे थे। जिनके द्वारा हॉकी मैदान में निर्माणाधीन पवेलियन का बारीकी से निरीक्षण किया गया तथा उन तकनीकी अधिकारियों द्वारा भी माना गया कि निर्धारित मापदंड के अनुसार कार्य यहां नहीं किया गया है। निर्माण में खामी पाए जाने पर चिन्हित कर इसे सुधार कर शीघ्र नक्शा भेजने की बात कही गई थी लेकिन एक माह बितने पर भी इसके आगे की क्या कार्यवाही की गई यह तकनीकी अधिकारियों द्वारा अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है जिसका इंतजार नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के पदाधिकारियों और हाकी खिलाड़ियों द्वारा किया जा रहा है। 

क्या सुधार किया गया यह अभी तक नहीं किया गया स्पष्ट - विजय वर्मा

नेहरू स्पोर्टिंग मैदान में हो रहे एस्ट्रोटर्फ मैदान के निर्माण को लेकर जब नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के वरिष्ठ पदाधिकारी विजय वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह बात सही है जिस मापदंड के साथ एस्ट्रोटर्फ मैदान का निर्माण किया जाना था उसका पालन होते हुए नहीं दिख रहा है। अगर इसमें जल्द सुधार नहीं किया गया तो बाद में हाकी खिलाड़ियों और खेल प्रेमी जनता में हर समय निर्माण को लेकर नाराजगी बनी रहेगी। पिछले दिनों आए अधिकारियों द्वारा मापदंड का अभाव पाकर चिन्हित कर नया नक्शा तैयार कर भेजने की बात कही गई थी लेकिन उसकी जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं की गई है। यह एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान लंबे समय के इंतजार के बाद बनाया जा रहा है तो पूरे निर्धारित सभी मापदंड का पालन करते हुये बनाया जाना चाहिए ताकि इस हॉकी मैदान का जिले की खेल प्रेमी जनता भरपूर लुत्फ उठाया जा सकें।