बालाघाट किरनापुर। स्कूल भवन और शिक्षक नहीं तो कैसे पढ़ाई करेंगे देश के भविष्य
बालाघाटलाँजी किरनापुर विधानसभा क्षेत्र के जहां स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य सेवा आदिवासी क्षेत्र मे कमी को लेकर खबरो के माध्यम से सच का आईना दिखाया गया है। मध्य-प्रदेश एक ओर शिक्षा को लेकर ढिंढोरा पीट रही है, वही दूसरी ओर आये दिन स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य सेवा को लेकर शासन प्रशासन और विधायक, सांसद पर सवाल खड़े कर रहें है।आपको बता दे की इससे पूर्व मे भी पीपलगॉवकला के मेंड्रा आदिवासी क्षेत्र से शिक्षा स्वास्थ्य सड़क से जुझती सेवा को लेके बड़े प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। वही अब शिक्षा को लेके मामला आया है जिसमे आदिवासी क्षेत्र कसंगी के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इस उद्देश्य से सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालय को एकिकृत माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन कर दिया गया है। लेकिन स्कूल भवन में पर्याप्त जगह नहीं होने और भवन जर्जर होने से कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चे एक कमरे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बताया कि स्कूल के छत से प्लास्टर गिरता है। जिससे वे डर के साये में भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर है। साथ ही उन्होंने कहा कि आठ कक्षाओं में सिर्फ तीन शिक्षक है। जो पूरे कक्षा को पढ़ाते हैं,जिससे वे पूर्ण रूप से पढ़ाई नहीं कर पाते है। आपको बता दे की शिक्षा विभाग के अधिकारियोंं एवं जन प्रतिनिधियों का समय समय पर निरिक्षण किया जाता तो आज इस तरह से समस्याओं से बच्चे नही जुझते । स्कूल प्रबंधन को इस संबंध में विभाग को अवगत कराया गया है। लेकिन उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन एवं छात्र छात्राओं ने जल्द से जल्द नया भवन बनाये जाने की मांग की गई है।