बालाघाट, कटंगी। चुनाव बीतने के बाद वादों से मुकर जाना नेताओं की फितरत में शुमार है। एक ऐसा ही वादा करके विधायक जी मुकर गए। दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान अंतर्राज्यीय राजीव सागर परियोजना से नहलेसरा बांध के केनाल में पानी पहुँचाने के लिए किसानों ने जोड़ सडक़ में आंदोलन किया था। इस दौरान भाजपा के तत्कालीन विस चुनाव प्रत्याशी व वर्तमान क्षेत्रीय विधायक गौरव सिंह पारधी ने किसानों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया था कि चुनाव जीतने के बाद वे प्राथमिकता से इस काम को करवाएंगे। हुआ भी कुछ ऐसा ही। विधायक बनते ही पारधी ने सिंचाई विभाग के स्थानीय दफ्तर पहुंचकर अधिकारियों से बात की। उस वक्त किसानों को लगा कि अब दिल्ली दूर नहीं। लेकिन विधायक की अधिकारियों से हुई चर्चा के डेढ़ वर्ष बाद राजीव सागर परियोजना से नहलेसरा केनाल में पानी पहुंचना तो दूर इस प्रोजेक्ट पर कोई काम ही नहीं हुआ। विधायक भी भूल गए कि उन्होंने किसानों से ऐसा कोई वादा किया था। विधायक के इस रवैये को लेकर नहलेसरा बांध के केनाल पर आश्रित 23 गांवों के किसानों में रोष व्याप्त है। वे स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। किसानों ने इस बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर एक बार फिर सरकार और प्रशासन को घेरने की योजना बना ली है। पंच उप सरपंच महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष राहंगडाले ने इसे लेकर विधायक गौरव सिंह पारधी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। श्री राहंगडाले ने कहा कि मैं स्वयं भाजपा का सदस्य हूँ और समय-समय पर किसानों की मांगों को उठाते रहता हूँ। विस चुनाव के दौरान हमने क्षेत्र के अनेक गांवों का सर्वे करने के बाद राजीव सागर परियोजना का पानी नहलेसरा केनाल में पहुँचाने की मांग उठाई थी और आंदोलन किया था। उस वक्त भाजपा प्रत्याशी गौरव सिंह पारधी ने जिस तरह से किसानों को सांत्वना दी थी तो उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए हमने आंदोलन रद्द किया था लेकिन आज विधायक बनने के डेढ़ वर्ष बाद भी किसानों की इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा नहीं किया गया है। यह क्षेत्र के किसानों के साथ अन्याय है। मेरी विधायक जी से मांग है कि वे किसानों से किए गए वादे को पूरा करने के बारे में सोचे। यदि आगामी दिनों में इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए तो हम किसानों के साथ पुन: आंदोलन करने बाध्य होंगे। 
इन गांवों को कुड़वा डेम के पानी की दरकार 
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत टेकाड़ी का, महदुली, पौनिया, धनकोसा, बोथवा, चौखंडी, चिकमारा, बोलडोंगरी, सांवरी, नांदी, आगरवाड़ा, नवेगांव, झंझागी सहित अन्य लगभग 23 गांव नहलेसरा बांध परियोजना के टेल क्षेत्र में स्थित है। सिंचाईकाल में बांध से जब किसानों के खेतों के लिए पानी छोड़ा जाता है तो हेड क्षेत्र में स्थित ग्रामीण किसानों के खेतों में पानी मोडऩे के बाद टेल क्षेत्र में पानी का संकट खड़ा हो जाता है। किसानों का कहना है कि राजीव सागर परियोजना कुड़वा डेम में प्रतिवर्ष किसानों को पानी प्रदाय करने के बाद भी बड़ी मात्रा में संग्रहित पानी रहता है। यदि कुड़वा डेम से लिफ्ट एरिकेशन पद्धति के माध्यम से नहलेसरा केनाल में पानी पहुंचाया जाता हो तो आसानी से टेल क्षेत्र के किसानों के बीच निर्मित सिंचाई हेतु पानी की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। 

पंच, उप सरपंच महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष राहंगडाले का कहना है कि यह बड़ी विडम्बना है कि क्षेत्र के शिक्षित, सरल और डिग्रीधारी विधायक गौरव सिंह पारधी ने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा था कि संतोष जी आप चिंता न करें। मैं इस क्षेत्र के किसानों के लिए तन-मन-धन से कार्य करूंगा। लेकिन विधायक बनने के बाद उनका किसानों से किए वादे को पूरा न करना कहीं न कहीं किसानों के ऊपर कुठाराघात है। विधायक को इस बारे में सोचना होगा, वरना किसान आंदोलन करेंगे। किसानों पर कुठाराघात: राहंगडाले