बालाघाट। रूपझर थाना में दर्ज जंगली बिल्ली की खाल रखने के मामले में बैहर न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दयालसिंह सूर्यवंशीे की अदालत ने आरोपी पोलापटपरी निवासी चमरू उर्फ मिलाप पिता धीरसिंह धुर्वे को, वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 51 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है। वहीं इसी मामले में न्यायालय ने साक्षी डिप्टी रंेजर राजेन्द्र कुमार गनवीर गनवीर परिक्षेत्र लौंगुर एवं डिप्टी रेंजर के.एस.तेकाम उकवा काष्ठागार को न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य देने के लिए द.प्र.सं. की धारा 344 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया। मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने पैरवी की थी।
घटनाक्रम के अनुसार 22 अगस्त 2015 को उकवा पुलिस चौकी के तत्कालीन चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक सुरेन्द्र यादव को मुखबिर सूचना मिली थी कि जंगली बिल्ली की खाल लेकर कोई जा रहा है। जिसके बाद पोलापटपरी हाटे के पास बैहर रोड पुलिस को एक संदिग्ध व्यक्ति मिला। जिसके हाथ में एक थैला था। पूछने पर उसने अपना नाम चमरू उर्फ मिलाप धुर्वे बताया। संदेह के आधार पर उसके थैले की तलाशी ली गई, जिसमें वन्यजीव की एक खाल पाई गई। जिसकी साक्षी डिप्टी रेंजर के.एस.तेकाम एवं आर.के.गनवीर से पहचान कराई गई। जिन्होने खाल को जंगली बिल्ली की खाल बताया। जिसके आधार पर संदेही चमरू उर्फ मिलाप के पास खाल को लेकर कोई  लायसेंस या अन्य कोई वैध दस्तावेज नहीं होने पर उसके खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला कायम कर खाल को मौके पर गवाहों के समक्ष पुलिस ने जप्त किया और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जिसमें रूपझर थाना पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें 29 नवंबर को बैहर न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दयालसिंह सूर्यवंशीे की अदालत ने अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को तीन वर्ष का कारावास और 10 हजार रूपए के अर्थदंड की सजा और न्यायालय में मिथ्या कथन देने वाले दो डिप्टी रेंजर नोटिस जारी किया है।