बालाघाट। विद्युत कर्मचारियों ने गांधी जयंती पर किया सत्याग्रह आंदोलन
मांग पूरी न होने पर 6 अक्टूबर को काम बंद हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
बालाघाट। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संगठन के माध्यम से अपनी 6 सूत्रीय मांगो को पूरा करवाने पिछले कई वर्षों से आवाज उठा रहे है, लेकिन उनकी मांग को पूरा करने सरकार द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है जिसके कारण वे प्रदेश सरकार से खासे नाराज है। इसी से रुष्ठ होकर मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों के सभी संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के माध्यम से प्रदेश सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। जिसके दूसरे चरण में आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर विद्युत अधिकारियों कर्मचारियों ने एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार कर सत्याग्रह आंदोलन किया। उन्होंने एक जगह सभी अधिकारी कर्मचारियों को एकत्र कर वर्षों से लंबित अपनी मांगो को पूरा न करने पर नाराजगी जताते हुए मौन व्रत धारण कर लिया। मौन व्रत धारण कर अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा किए जाने की आवाज उठाई, तथा जल्द से जल्द उनकी सभी मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाते हुए सत्याग्रह आंदोलन किया गया। इसके माध्यम से उन्होंने अपनी इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को चार दिनों का अल्टीमेटम देते हुए समय सीमा के भीतर समस्त मांग पूरी किए जाने की गुहार लगाई। 4 दिनों के भीतर मांग पूरी न होने पर 6 अक्टूबर को संपूर्ण कार्य का बहिष्कार किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
विभिन्न मांगों को लेकर किया गया सत्याग्रह आंदोलन
यूनाइटेड फोरम फार पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स यूनियन के बैनर तले विद्युत विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को एकदिवसीय कार्य का बहिष्कार कर सत्याग्रह आंदोलन किया। इस दौरान उन्होंने पेंशन के भुगतान हेतु सुनिश्चित व्यवस्था बनाने, पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से किए जाने, मध्यप्रदेश शासन में लागू चतुर्थ वेतनमान के आदेश को यथा आवश्यक परिवर्तन कर विघुत कंपनियों द्वारा तुरंत लागू किए जाने, मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के पेंशनर्स के 4 प्रतिशत डी.आर. के आदेश तुरंत देने, वेतनमान बढ़ाने, संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने ,अस्थाई कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी को स्थाई कर्मचारी बनाने सहित वर्षों से लंबित अन्य मांगे शामिल है।
मोबाइल बंद रखकर किया शांतिपूर्वक विरोध
मौन व्रत सत्याग्रह आंदोलन के दौरान सभी विद्युत कंपनियों में कार्यरत विद्युत मण्डल के अधिकारी/कर्मचारियो ने एक दिवसीय शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों द्वारा कोई भी कार्यालयीन संचालन, संधारण एवं निमार्ण कार्य नहीं किया, सभी ने कार्य का बहिष्कार कर अपने अपने मोबाईल बन्द रखे और अपनी विभिन्न मांगो को लेकर मौन व्रत धारण कर अपनी मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाई।
मौन व्रत कर आवाज पहुंचा रहे सरकार तक - क़ुरैशी
अधीक्षण अभियंता एम ए क़ुरैशी ने बताया कि यूनाइटेड फोरम का पावर एम्पलाइज एंड इंजिनियर्स संगठन के द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। इसमें पेंशन की व्यवस्था बनाने, ट्रेजरी के माध्यम से पेंशन का भुगतान करने, वेतनमान संविदा आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने सहित अन्य मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जितनी भी हमारी मांगे हैं यह वर्षों से लंबित है और इन मांगों को पूरा करने के लिए विद्युत विभाग के अलग-अलग संगठन समय-समय पर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। अब सभी संगठन एकत्र होकर इन मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे है।
मांग पूरी नही हुई तो संपूर्ण कार्य का बहिष्कार होगा 6 को - पटले
चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन प्रांतीय उपाध्यक्ष आई डी पटले ने बताया कि 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मध्यप्रदेश विद्युत मंडल में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के तीन संगठनों ने मिलकर आज सत्याग्रह आंदोलन किया है। यह मौन व्रत पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। इसके पूर्व भी हमने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, ज्ञापन और रैली के माध्यम से अपनी मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई है लेकिन प्रदेश सरकार हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही है इसीलिए आज मौन रहकर सत्याग्रह आंदोलन किया जा रहा है। जहां आज हमने सरकार को इन सभी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए चार दिनों का अल्टीमेटम दिया है यदि चार दिन के भीतर हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती तो 6 अक्टूबर को संपूर्ण मध्यप्रदेश में संपूर्ण कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।