टेक कंपनी Google ने एक बार फिर सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है। यह छंटनी कंपनी के प्लेटफॉर्म्स एंड डिवाइसेज डिविजन में की गई है, जो Android सॉफ्टवेयर, Pixel स्मार्टफोन और Chrome ब्राउजर जैसे प्रमुख प्रोडक्ट्स को संभालता है। यह जानकारी टेक साइट ‘The Information’ की रिपोर्ट में दी गई है।

कंपनी ने जनवरी में एक वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम भी पेश किया था, जिसके बाद अब यह ताजा छंटनी की गई है। यह कदम Google की उस बड़ी रीस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत पिछले साल हुई थी। तब कंपनी ने Android और Chrome टीमों को मिलाकर एक नया Pixel and Devices ग्रुप बनाया था, जिसे कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी रिक ओस्टरलो (Rick Osterloh) लीड कर रहे हैं। उस समय इस यूनिट में 20,000 से ज्यादा कर्मचारी थे।

Google के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि यह छंटनी टीम को ज्यादा कुशल और चुस्त बनाने की कोशिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “प्लेटफॉर्म्स और डिवाइसेज़ टीमों को मिलाने के बाद से हमारा फोकस ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर है। इसी दिशा में हमने कुछ पोजीशंस को खत्म किया है, साथ ही जनवरी में वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम भी पेश किया गया था।”

 हालांकि कंपनी ने यह भी कहा है कि अमेरिका और दुनियाभर में भर्ती की प्रक्रिया जारी है।

गौरतलब है कि Google ने 2023 में भी वैश्विक स्तर पर करीब 6 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की थी। उसके बाद भी कुछ हिस्सों में कटौती जारी रही है, लेकिन कंपनी का कुल वर्कफोर्स अभी भी करीब 1.8 लाख बना हुआ है।

Google में वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम शुरू, Android-Pixel-Chrome टीमों पर असर

Google ने इस साल की शुरुआत में अमेरिका में अपने Android, Pixel और Chrome प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए एक वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम (स्वैच्छिक निकासी योजना) शुरू किया। यह पहल उन कर्मचारियों के लिए थी जो कंपनी के नए कामकाजी मॉडल या हाइब्रिड वर्क पॉलिसी से सहज नहीं थे, या जो कंपनी की नई दिशा के साथ खुद को मेल नहीं खा पा रहे थे।

गौर करने वाली बात यह है कि यह योजना Google की Search और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी टीमों पर लागू नहीं की गई।
इससे पहले फरवरी में Bloomberg की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि Google ने अपनी क्लाउड डिवीजन में भी कुछ टीमों में छंटनी की थी, हालांकि इसका दायरा सीमित रहा।

इससे पहले, जनवरी 2023 में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी, जो उसके वैश्विक वर्कफोर्स का करीब 6 फीसदी हिस्सा था। उस समय यह फैसला कंपनी की लागत घटाने और कामकाज को बेहतर बनाने की रणनीति के तहत लिया गया था।