चंद्रपुरा से जुड़ेगा कानपुर-सागर फोरलेन और झांसी खजुराहो फोरलेन रोड, जाम की समस्या से मिलेगा निजात

छतरपुर: आने वाले समय में शहर की यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। झांसी-खजुराहो फोरलेन और कानपुर-सागर सिक्सलेन अब चंद्रपुरा में एक दूसरे से जुड़ने जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत चंद्रपुरा में एक विशेष अर्धचंद्राकार फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिससे चारों दिशाओं से लेन आसानी से अलग-अलग मार्गों पर मुड़ सकेंगी। इस निर्माण कार्य से न केवल यातायात सुचारू होगा, बल्कि छतरपुर शहर को दुर्घटनाओं और जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
क्या है योजना?
कानपुर-सागर सिक्सलेन सड़क सागर रोड पर चौका गांव से चंद्रपुरा तक लाई जाएगी। चंद्रपुरा में एक विशेष चंद्राकार जंक्शन बनाया जाएगा, जो ग्वालियर जैसे मॉडल पर आधारित होगा। इससे एक लेन से झांसी, दूसरी से सतना-रीवा (पन्ना रोड से), तीसरी से कानपुर और चौथी से छतरपुर शहर में वाहन प्रवेश कर सकेंगे।
रिंग रोड का बदला प्रस्ताव
पहले छतरपुर शहर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने के लिए रिंग रोड बनाने की योजना थी, लेकिन व्यावहारिक दिक्कतों और भारी लागत को देखते हुए अब बाईपास का विकल्प चुना गया है। कानपुर-सागर सिक्सलेन को झांसी-खजुराहो फोरलेन से जोड़कर सीधा जोड़ने वाला बाईपास मार्ग विकसित किया जाएगा।
43 किलोमीटर लंबा होगा बाईपास
छतरपुर से गुजरने वाला प्रस्तावित छह लेन वाला बाईपास 43.44 किलोमीटर लंबा होगा। यह चौका, चंद्रपुरा, निवारी, गढ़ीमलहरा, उजरा होते हुए कैमाहा तक जाएगा। परियोजना की कुल लागत 982 करोड़ रुपए होगी। इसके अलावा सागर रोड से साठिया घाट तक 55 किलोमीटर का फोरलेन बनाया जाएगा, जिसकी लागत 1671 करोड़ रुपए तय की गई है।
शहर को हादसों और जाम से मिलेगी राहत
छतरपुर शहर दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के चौराहे पर स्थित है। बाईपास न होने के कारण यहां आए दिन भारी जाम और सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अब यह छह लेन का बाईपास शहर के बाहर दोनों हाईवे को जोड़ेगा, जिससे भारी वाहनों का शहर में प्रवेश बंद हो जाएगा और ट्रैफिक का लोड भी कम होगा।
6 लेन का तैयार होगा रोड स्ट्रक्चर
प्रस्तावित चार लेन के हाईवे को भविष्य में छह लेन में बदला जा सके, इसके लिए डीपीआर इस तरह तैयार की जा रही है कि अंडरपास और फ्लाईओवर पहले से ही छह लेन के मानकों पर बने हों। छतरपुर से गुजरने वाला यह रूट भोपाल-लखनऊ इकॉनोमिक कॉरिडोर का भी हिस्सा बनेगा।
केंद्रीय कनेक्टिविटी हब बनेगा छतरपुर
यह हाईवे बुंदेलखंड के प्रमुख इलाकों जैसे झांसी, महोबा, हमीरपुर, छतरपुर और सागर को भोपाल और कानपुर से जोड़ेगा। छतरपुर जो अब तक सिर्फ पर्यटन के लिए जाना जाता था, अब लॉजिस्टिक और ट्रैफिक नेटवर्क का केंद्रीय हब बनने की ओर अग्रसर है।
गठेवारा के पास जुड़ेगा सिक्सलेन और फोरलेन बायपास
पहले शहर में दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव था। लेकिन इससे होने वाली परेशानियों को देखते हुए अब कानपुर सागर सिक्सलेन को झांसी खजुराहो फोरलेन से जोड़कर बायपास बनाया जाएगा। सिक्सलेन के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है। अब इस जमीन पर बायपास बनाया जाएगा। सिक्सलेन बायपास बनने से अलग-अलग लेन के वाहन अलग-अलग आ-जा सकेंगे।
चंद्रपुरा से अलग होंगी सभी लेन
सागर कानपुर सिक्सलेन सागर रोड पर चौका गांव से पन्ना रोड पर चंद्रपुरा तक सिक्सलेन बायपास बनाया जाएगा। चंद्रपुरा में ग्वालियर की तरह चंद्राकर कनेक्शन देकर सभी लेन को अलग-अलग जोड़ा जाएगा। सागर से आने वाले सिक्सलेन के एक लेन के वाहन झांसी-खजुराहो रोड होते हुए झांसी की ओर जा सकेंगे। वहीं दूसरी लेन के वाहन पन्ना रोड पर सतना-रीवा की ओर जाएंगे। जबकि तीसरी लेन के वाहन कानपुर जा सकेंगे। दूसरी लेन से वाहन छतरपुर शहर में आ सकेंगे।
छतरपुर शहर का बाईपास 43 किमी लंबा होगा
कानपुर-सागर फोरलेन परियोजना में छतरपुर शहर से गुजरने वाला बाईपास 43.44 किमी लंबा होगा। यह चौका से चंद्रपुरा, निवारी, गढ़ी मलहरा, उजरा और फिर कैमाहा तक बनेगा। इस पर 982 करोड़ रुपए खर्च होंगे। चुनाव के बाद इसके लिए टेंडर भी जारी किए जाएंगे। इसके अलावा सागर रोड पर छतरपुर जिले की सीमा में चौका से सठिया घाट तक 55 किमी फोरलेन का निर्माण होगा। इस पर 1671 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
छतरपुर से गुजरेगा भोपाल-लखनऊ इकॉनोमिक कॉरिडोर
बुंदेलखंड के झांसी, महोबा, हमीरपुर, छतरपुर, सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के मार्गों से सड़क मार्ग से भोपाल और कानपुर महानगर से जुड़े हुए हैं। अब इन दोनों महानगरों को फोरलेन सड़क से जोड़ा जा रहा है। डीपीआर इस तरह से तैयार की गई है कि भविष्य में इसे छह लेन का बनाया जा सके। यह चार लेन का हाईवे छतरपुर से होकर गुजरेगा। भोपाल-कानपुर हाईवे की डीपीआर कबरई से भोपाल के बीच अलग-अलग सेक्टरों में तैयार की गई है। प्रस्तावित चार लेन हाईवे में अंडरपास और एलिवेटेड ब्रिज 6 लेन के हिसाब से बनाए जाएंगे, ताकि भविष्य में विस्तार की स्थिति में हाईवे को 6 लेन का बनाया जा सके।