Aadhaar Card New Update: अब आधार कार्ड साथ ले जाने या उसकी फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार ने आधार का एक नया और अपग्रेडेड मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसमें फेस आईडी यानी चेहरे से पहचान की सुविधा दी गई है। इस नई सुविधा से देशभर में डिजिटल पहचान की प्रक्रिया और भी आसान, सुरक्षित और पेपरलेस हो जाएगी।

किसी भी सरकारी सेवा, सिम कार्ड लेने या बैंकिंग से जुड़ी प्रक्रिया में अब केवल चेहरा स्कैन करके पहचान की जा सकेगी। यानी ओटीपी, फिंगरप्रिंट या आंख की स्कैनिंग की जरूरत नहीं होगी।

फेस आईडी से आसान पहचान, जानें अन्य फीचर्स

UIDAI द्वारा जारी इस नए ऐप की सबसे खास बात यह है कि अब सिर्फ स्मार्टफोन के जरिए चेहरा स्कैन करके ही यूजर अपनी पहचान साबित कर सकेगा। यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगी जिन्हें फिंगरप्रिंट या OTP से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

अब आधार वेरिफिकेशन के लिए न तो कार्ड की हार्ड कॉपी चाहिए, न ही उसकी फोटोकॉपी। ऐप में डिजिटल आधार कार्ड का विकल्प मौजूद है, जिसमें QR कोड के जरिए तुरंत पहचान की जा सकती है। इससे कागजी प्रक्रिया में भी कमी आएगी और डेटा सिक्योरिटी भी बनी रहेगी।

रजिस्ट्रेशन के वक्त ऐप यूज़र का लाइव सेल्फी लेता है, जो मोबाइल के फ्रंट कैमरे से खींची जाती है। इसके बाद इस फोटो को आधार डाटाबेस से मिलाकर पहचान की पुष्टि की जाती है।

यह तकनीक सुरक्षा नियमों के अनुरूप है और पहचान की धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगी। खासतौर पर देश के दक्षिणी हिस्सों में, जहां फिंगरप्रिंट से पहचान में दिक्कत होती है, वहां यह फीचर ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।

इस नए ऐप का इंटरफेस पहले से ज्यादा यूजर फ्रेंडली है और यह कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देशभर के लोग इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।

आईटी मंत्री ने ऐप के बारे में क्या कहा-

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार (8 अप्रैल) को हुए ‘आधार संवाद’ कार्यक्रम में कहा कि जल्द ही एक नया आधार ऑथेंटिकेशन ऐप लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोगों को होटल, एयरपोर्ट या अन्य जगहों पर पहचान के लिए आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह ऐप बिल्कुल यूपीआई की तरह आसान होगा।

फिलहाल यह ऐप बीटा वर्जन में है और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसकी टेस्टिंग कर रहा है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे आम लोगों के लिए जारी किया जाएगा।

कार्यक्रम में वैष्णव ने कहा कि आधार से जुड़े कानूनों को अब डेटा सुरक्षा के नए कानून के हिसाब से अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “जब आधार अधिनियम पहली बार लाया गया था, तब देश में कोई समग्र प्राइवेसी कानून नहीं था। अब डेटा प्रोटेक्शन कानून (DPDP Act) आ चुका है और उसके नियम भी अंतिम चरण में हैं। ऐसे में आधार कानून को इसके अनुरूप बनाने की जरूरत है।” वैष्णव ने UIDAI से अपील की कि वह इस दिशा में अगुवाई करे और कानूनों को समय के अनुसार अपडेट करे।