इंदौर नगर निगम द्वारा मंगलवार को सील की गई प्रॉपर्टी को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बुधवार को खुलवाया। मौके पर पहुंचकर न सिर्फ अधिकारियों से जवाब-तलब किया, बल्कि जमकर फटकार भी लगाई। महापौर ने कहा—"दादागिरी है क्या आपकी? ऐसे ही सील कर देंगे क्या? ये अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"दरअसल, मामला गणेशगंज क्षेत्र का है, जहां नगर निगम की फायर सेफ्टी टीम ने रविशंकर मिश्रा की प्रॉपर्टी को सील कर दिया था। मिश्रा ने निगम के खिलाफ करीब 2 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। यह मुआवजा वर्ष 2016-17 में सड़क चौड़ीकरण के दौरान टूटे मकान के एवज में मांगा गया है। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

कोर्ट ने दिया था निगमायुक्त कार्यालय सील करने का आदेश
बीते शुक्रवार को मुआवजा नहीं मिलने पर कोर्ट ने निगमायुक्त कार्यालय सील करने के आदेश दिए थे। इसके महज चार दिन बाद निगम की फायर टीम ने मिश्रा की ही प्रॉपर्टी पर कार्रवाई कर दी। मिश्रा ने जब मौके पर मौजूद अधिकारियों से कारण पूछा, तो उन्हें टालते हुए कहा गया—“निगमायुक्त से बात कीजिए।”

दिल्ली से लौटते ही पहुंचे मौके पर
बुधवार को दिल्ली से लौटते ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव एयरपोर्ट से सीधे गणेशगंज पहुंचे। उन्होंने सील नोटिस देखा, परिवार से बातचीत की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। रविशंकर मिश्रा ने कोर्ट से जुड़े दस्तावेज और पुराना रिकॉर्ड दिखाया। इसके बाद महापौर ने अधिकारियों को मौके पर ही फटकारते हुए प्रॉपर्टी को तुरंत खोलने के निर्देश दिए।

'सील करने का आदेश किसका था? अधिकारी जवाब दें'
महापौर ने निगम अधिकारियों से सख्त लहजे में पूछा—“किसके आदेश पर आए थे? क्या कल आप कार्रवाई में मौजूद थे? ZO अधिकारी को किसने अधिकार दिया सील करने का?” उन्होंने कहा, "हम जनता के प्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े रहेंगे। ऐसी द्वेषपूर्ण कार्रवाई दोबारा न हो, इसकी जिम्मेदारी भी हमारी है।"

परिवार को नहीं मिला पानी, खाना भी नहीं बन सका
प्रॉपर्टी सील होने के चलते मिश्रा परिवार मंगलवार रात को पानी तक नहीं भर पाया। रसोईघर सील होने के कारण खाना भी नहीं बन सका। बुधवार को जैसे ही महापौर के निर्देश पर सील खोली गई, परिवार के चेहरे पर राहत दिखी।

'जनता को परेशान किया तो कार्रवाई तय' – महापौर
महापौर ने कहा—"इंदौर की जनता के कारण ही शहर हर रैंकिंग में नंबर वन रहता है। लेकिन यदि अधिकारी द्वेषपूर्ण भावना से किसी आम नागरिक को परेशान करेंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।"

मिश्रा बोले— द्वेष की भावना से की गई कार्रवाई
रविशंकर मिश्रा ने कहा—"हम कोर्ट में ईमानदारी से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। बावजूद इसके नगर निगम की टीम बिना किसी सूचना के पहुंची और पूरी प्रॉपर्टी सील कर दी। ऊपर के दो कमरों को छोड़ बाकी सब सील कर दिया गया। यह कार्रवाई साफ तौर पर द्वेषपूर्ण है।"
उनके बेटे विनोद मिश्रा ने बताया—"टीम बिना जानकारी दिए घर में घुसी। जब विरोध किया तो कहा गया कि ‘भवन अधिकारी मैडम कहीं भी जांच कर सकती हैं’। हमने कॉमर्शियल रसीदें भी दिखाईं, लेकिन किसी ने नहीं सुना। फूड टीम को भी भेज दिया गया।"