बीजेपी आलाकमान का कड़ा संदेश, नेताओं से विवादित बयानबाजी से बचने की अपील

डॉ. भीमराव आंबेडकर, संविधान, आरक्षण और दलित मुद्दों पर लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को निशाने पर लिया जाता है. साथ ही साथ पार्टी के नेताओं के बयानों के चलते उसके लिए काउंटर करना आसान नहीं होता है. अब आलाकमान ने पार्टी नेताओं को सख्त संदेश दिया है. बीआर आंबेडकर सम्मान अभियान की राष्ट्रीय कार्यशाला में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में संगठन महासचिव बी एल संतोष ने कहा कि पार्टी के नेता इन मुद्दों पर विवादित बयान न दें. अनावश्यक बयानबाजी से बचें और पार्टी लाइन के अनुसार ही अपनी बात रखें.
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को संविधान बदलने वाले बयानों के कारण नुकसान उठाना पड़ा था. बीजेपी को यूपी, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में चुनावी नुकसान हुआ था. अनिल हेगड़े, लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा के बयानों से विपक्ष को मौका मिल गया था, जिसके बाद बीजेपी डिफेंसिव मोड में नजर आ रही थी. हर रैली में संविधान से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करने की बात आमजन तक पहुंचाई गई, लेकिन पार्टी डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई.
हेगड़े, लल्लू सिंह और मिर्धा ने क्या दिए थे बयान?
बीजेपी नेता हेगड़े ने कहा था कि जो लोग खुद को धर्मनिर्पेक्ष कहते हैं, वे नहीं जानते कि उनका खून क्या है. हां, संविधान यह अधिकार देता है कि हम खुद को धर्मनिरपेक्ष कहें, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं, हम भी उसमें संशोधन करेंगे, हम सत्ता में इसलिए ही आए हैं.
लल्लू सिंह ने कहा था कि केंद्र में सरकार तो 275 सांसदों से ही बन जाएगी, लेकिन संविधान बदलने के लिए अधिक सांसदों की जरूरत होगी, तभी संविधान बदल सकता है. वहीं, कांग्रेस से बीजेपी में आईं ज्योति मिर्धा ने बयान दिया था कि देश के हित में कई कठोर निर्णय लेने होते हैं. उनके लिए हमें कई संवैधानिक बदलाव करने पड़ते हैं. इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास होना चाहिए. लोकसभा में बीजेपी की प्रचंड बहुमत है. इस बार तीसरी बार लोकसभा में एनडीए की प्रचंड बहुमत लाना है.
बीजेपी इस साल 14 अप्रैल से मनाएगी आंबेडकर की जयंती
बीजेपी इस साल 14 अप्रैल को डॉ आंबेडकर की जयंती बड़े स्तर पर मना रही है. इसके लिए मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें देश भर में सम्मान अभियान कैसे चलाना है, इसे लेकर निर्देश दिए गए. अब प्रदेश स्तर पर भी कार्यशालाएं आयोजित होंगी और वहां भी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ऐसे ही निर्देश दिए जाएंगे.