ग्रामीणों में आक्रोश पुल नही तो वोट नहीं

कटंगी। लालबर्रा मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित मुंडीवाडा और उजाड़बोपली सड़क मार्ग के बीच  बना चनई नदी का पुलिया के समीप बने वेकल्पिक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया था जो गुरुवार 14 सितंबर को  18 घंटे की लगातार तेज बारिश की वजह से  बह गया था कटंगी क्षेत्र में शुक्रवार शनिवार की दरमियानी रात  भारी बारिश हुई थी जिसकी वजह से  यह मार्ग अब पूरी तरह बह गया तेज बहाव, मिट्टी के कटाव के कारण मुख्य सड़क मार्ग का भाग भी बह गया जिससे अब 30 से अधिक गांवों के ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है जिस कारण प्रशासन और स्थानीय विधायक तामलाल सहारे के खिलाफ ग्रामीणों में जमकर आक्रोश नजर आता है कुछ ग्रामीणों ने कहा अब पुल नहीं तो वोट नहीं ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ लामबंद होते हुए विधानसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार का मन बना रहे है। देखना यह है प्रशासन कब तक इस पुलिया का निर्माण करती है। गौरतलब हो लालबर्रा मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित मुंडीवाडा और उजाड़बोपली सड़क मार्ग के बीच  बना चनई नदी का पुलिया भारी बारिश की वजह से पिछले वर्ष 2022 में 17 सितंबर को पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे  इस मुख्य सड़क मार्ग पर 10 से 12 ग्राम पंचायतो के 30 से अधिक गांवों के  ग्रामीणजनों का आवागमन  पूरी तरह बंद हो चुका था। ग्राम पंचायतो एवं लोगो के  सहयोग से  छतीग्रस्त पुलिया के समीप वेकल्पिक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया था जो गुरुवार 14 सितंबर को  18 घंटे की लगातार तेज बारिश की वजह से   बह गया था जिसकी वजह से इस मार्ग पर 30 से अधिक गांवों के ग्रामिणजनो का आवागमन बंद हो गया ग्राम पंचायत ने पुनः इस वेकलपिक सड़क मार्ग को दुरस्त कर दोपहिया वाहन के आवागमन के लिए सुगम बनाया था किंतु अब यह मार्ग पूरा ही बह गया जिससे 30 से अधिक गांवों का जिनमे मुख्य रूप से उजाडबोपली, गोपालपुर, खोलापुर, चिचगांव, लोहमारा, कोडमी, सिंगोड़ी, बनेरा, जमुनिया, कटेरा, घुनाड़ी, भजियापार, टेकाड़ी, आदि ग्राम पंचायतों के ग्रामिणजनो का आवागमन पूरा ही बंद हो गया है। अब ग्रामीणजनों को अन्य घुमावदार मार्गो का सहारा लेकर अधिक समय और पेट्रोल खर्च कर 8 किलोमीटर का अतरिक्त फेरा लगाकर अपने कार्यों के लिए मुख्यालय कटंगी पहुंचना होंगा। इस सड़क मार्ग की वजह से  सबसे अधिक समस्या स्कूल, कालेज में पढ़ने वाले सेकड़ो छात्र छात्राओ को होंगी इस समय कालेज और स्कूलों में परीक्षाएं चल रही  है यदि  किसी ग्रामीण की रात में तबियत  खराब हो जाएं तो इमरजेंसी एम्बुलेंस भी समय पर नही पहुँच पायेंगी उसे भी अतरिक्त फेरा लगाकर मरीज के साथ आवागमन करना होंगा जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।