बम्हनी गांव के किसानों के खेतों में भरा पानी
कटंगी। दो राज्यों की वृहद सिंचाई परियोजना राजीव सागर बांध कुडवा से असमय नहरों में पानी छोडऩे के बाद बम्हनी गांव के किसानों की करीब 30 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है। दरअसल, अभी धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है और कटाई कार्य जारी है इस बीच नहर से बहने वाला पानी खेतों में जमा हो गया है जिससे फसल को क्षति होने का अनुमान है। विभाग की नीति की किसान जमकर आलोचना हो रही है और दूसरी तरह विभाग अपनी लापरवाही पर सफाई तक देने से बचते हुए नजर आ रहा है। खेतो में पानी भर जाने से कटाई कार्य प्रभावित हो रहा है धान की कटाई नही हो पा रही है। किसान अपने खेत से पानी निकालने के प्रयास कर तो रहा है लेकिन खेतों में जो पानी भरा हुआ है उससे अन्य बीमारी लगकर धान गिरने का डर बना हुआ है।
किसानों ने बताया कि राजीव सागर बांध की नहर का पानी खेतों से होकर गुजर रहा है और कई जगह जलभराव भी हो रहा है। जिससे किसानों को धान की फसल खराब होने का डर सताया हुआ है। जिसकी शिकायत सिंचाई विभाग के अफसरों से की गई किन्तु विभागीय अफसरों ने इस जटिल समस्या पर ध्यान देने की बजाए किसानों की समस्या की अनदेखी ही कर डाली। जिससे किसानों में बेहद आक्रोश और नाराजगी है। किसानों ने बताया कि धान की फसल को पानी की जरूरत थी उस वक्त राजीव सागर बांध से नहरों में पानी नहीं दिया गया जिससे किसानों को काफी परेशान होना पड़ा सिंचित क्षेत्र में पानी की कमी के कारण किसानों की फसलों को बीमारियां लग गई थी। मगर अब जब फसल पककर तैयार हो चुकी है और कटाई होने को है तो विभाग व्यर्थ ही नहर में पानी बहा रहा है।
बम्हनी गांव के किसान दुर्गा प्रसाद डहरवाल, अतुल गुप्ता और श्यामलाल मानकर का कहना है कि जल संसाधन विभाग संवेदनहीन हो गया है। नहर का पानी खेत में जा रहा है उसे कोई देखने वाला नहीं है। वहीं सिंचाई विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि नहर में पानी शनिवार से बंद कर दिया गया है। बम्हनी में करीब 30 एकड़ खेत में पानी भरा हुआ है और पूरी फसल कटने के लिए तैयार है बावजूद इसके धान की कटाई नहीं हो पा रही है। खेत में मशीन तो छोडि़ए श्रमिक तक धान की फसल की कटाई नहीं कर पा रहे है। खेतों में जलभराव होने से श्यामलाल मानकर, गणेश गुप्ता, अतुल गुप्ता, दुर्गाप्रसाद डहरवाल, श्रीराम सोनगड़े, नरेंद्र चिंदालोरे, निशांत चिंदालोरे, उमेश कावरे, भागचंद झोड़े सहित अन्य किसानों के खेत में लगी धान की फसल बर्बाद हो रही है।
इनका कहना है
नहर में 8 से 10 दिनों से पानी छोड़ा गया है जिस समय पानी की जरूरत होती थी उस समय पानी नहीं दिया गया और अब जब फसल कटने के लिए तैयार है तब पानी छोड़ा गया है जिससे फसल खराब हों रही है और धान की कलिया झड़ रही है सिंचाई विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।
श्यामलाल मानकर किसान
सिंचाई विभाग के अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे है नहर में पानी छोड़े जाने से आसपास के सभी किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है और उन्हें बहुत क्षति पंहुच रही है मजदूर भी खेतो में काम नहीं कर पा रहे है।
दुर्गा प्रसाद डहरवाल किसान
जिस समय पानी की जरूरत होती है तब पानी नहीं मिलता है और जब जरूरत नहीं है तब पानी दिया गया है जिससे हमारे गांव के लगभग 30 एकड़ तक के खेतो में पानी भरा हुआ है जिससे धान की कटाई भी नही हो पा रही है और बहुत ही ज्यादा परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
अतुल गुप्ता किसान
बम्हनी वाले फाटे को शनिवार को ही बंद कर दिया गया है वहीं एक गेट नाले में है जिसे खोला गया है। वहीं बड़ी नहर गहरी होने के कारण थोड़ा सीपेज होता है और जो क्षेत्र निचला है उस दिशा में थोड़ा बहुत पानी जा सकता है।
वाय.आर. राहंगडाले (कर्मचारी सिंचाई विभाग)