सत्र बीत गया लेकिन नहीं मिला बच्चों को गणवेश
बालाघाट। शासन द्वारा सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को लाभ दिलाने योजनाएं तो कई शुरू की जाती है लेकिन उसका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पाता एवं बच्चों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है। यह स्थिति पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा विभाग में देखी जा रही है शासन की योजना है कि सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को निशुल्क गणवेश दिया जाए ताकि बच्चे स्कूल ड्रेस पहनकर स्कूल आये लेकिन पिछले 3 वर्षों से सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को स्कूल ड्रेस नहीं मिल पाया है जिसके कारण कई बच्चों को बिना गणवेश के रंगीन कपड़ों में या पुरानी ड्रेस पहनकर स्कूल आना पड़ रहा है। जिस प्रकार से गणवेश वितरण में शासन प्रशासन द्वारा विलंब किया जा रहा है इससे स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में इस शैक्षणिक सत्र में बच्चों को गणवेश मिल पाएगा या नहीं यह बहुत दूर की बात लग रही है।
शैक्षणिक सत्र समाप्ति की ओर
वर्तमान शैक्षणिक सत्र की बात करें तो यह शैक्षणिक सत्र भी लगभग समाप्ति की ओर है परीक्षाएं भी प्रारंभ हो चुकी है। स्कूल में पढ़ाई का दौर लगभग समाप्ति की ओर है शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से लेकर अब तक छात्र-छात्राओं द्वारा गणवेश मिलने का इंतजार किया गया लेकिन गणवेश बच्चों को मार्च माह तक भी नहीं मिल पाया है। इस बारे में अधिकारियों से चर्चा करने पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है और स्व सहायता समूह द्वारा गणवेश का निर्माण किए जाने और राज्य शासन से गणवेश मिलने पर ही वितरित किए जाने की बात की जाती है।
पांचवी आठवीं के बच्चों को गणवेश की राशि मिलने की बात हवा हवाई
कक्षा पहली से लेकर चौथी तक और छठवीं सातवीं में अध्ययनरत बच्चों को गणवेश मिलना है वही जो छात्र-छात्राये कक्षा पांचवी और आठवीं में अध्ययनरत है उन बच्चों के बैंक खातों में गणवेश की राशि भेजे जाने के शासन के निर्देश थे। डीपीसी कार्यालय के द्वारा वह राशि छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में भेज दिए जाने की बात कही जा रही है लेकिन उन बच्चों के बैंक खातों में वह राशि पहुंची या नहीं यह हवा हवाई ही प्रतीत हो रहा है। कई अभिभावकों को अभी तक क्लियर नहीं है कि उन्हें गणवेश की राशि मिली है।
कोरोना के समय से नहीं मिला गणवेश
आपको बताये कि स्कूली बच्चों को गणवेश नहीं मिलने की बात सिर्फ इसी सत्र की नहीं है बल्कि करोड़ों के समय से छात्र-छात्राओं को गर्भ नहीं मिला है यह कहे कि लगातार यह तीसरा वर्ष है स्कूली बच्चों को गणवेश नहीं मिला है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्व सहायता समूह द्वारा गणवेश बनाने का कार्य करने की बात कही जा रही है लेकिन गणवेश बच्चों को कब मिलेगा यह नहीं बताया जा रहा है। इसके कारण कई अभिभावक इसलिए परेशान देखे जा रहे हैं क्योंकि उनके बच्चों के कपड़े पुराने हो जाने के कारण गणवेश खरीदे या नहीं इसके असमंजस में है क्योंकि उनके द्वारा काफी समय से गणवेश मिलने का इंतजार ही किया जा रहा है।
गणवेश मिलते ही वितरित किया जाएगा - डीपीसी
इसके संबंध में चर्चा करने पर डीपीसी पी एल मेश्राम ने बताया कि गणवेश बनाए जाने का कार्य स्व सहायता समूह को दिया गया है और इसका कार्य जारी है। राज्य शासन द्वारा जैसे ही उन्हें गणवेश वितरण के लिए दिया जाएगा, उनके द्वारा स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को गणवेश वितरित किया जाएगा। कक्षा पांचवी आठवीं के बच्चों को उनके बैंक खातों में गणवेश की राशि जारी कर दी गई है।