बालाघाट।
जिले की रामपायली थाना पुलिस ने एक ऐसे अंधे हत्याकांड का खुलासा किया, जिसकी भनक ना तो मृतक के परिजनों को थी और ना ही पुलिस को। लेकिन करीब 27 दिनों बाद मुखबिर ने पुलिस को एक ऐसी सूचना दी कि रामपायली थाने का पुलिस महकमा सकते में आ गया। जहां मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने लापता 24 वर्षीय युवक विशाल खोब्रागड़े का लामता थाना के लवेरी गांव के जंगल से जमीन में दफन लाश बरामद की और मामले की जांच पडताल शुरू की। जिसके बाद पुलिस ने विशाल खोब्रागड़े की हत्या करने वाले 3 हत्यारो को भी गिरफ्तार किया है। वही मुख्य आरोपी समेत 4 आरोपी अभी भी फरार है, जिनकी पुलिस तलाश में है।
इस अंधे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 फरवरी को जमीन के अंदर दफन मिला 24 वर्षीय विशाल खोब्रागड़े, ग्राम कस्बीटोला थाना रामपायली का निवास है और परिवार का इकलौता बेटा था। जो भविष्य में लाखो की संपत्ति का एकलौता मालिक भी बनता। लेकिन उसकी संपत्ति के लालच में आकर उसके अपने चचेरे भाई ने उसकी हत्या करने की साजिश रची और अपने साथियों के साथ मिलकर पहले तो विशाल को बहला फुसलाकर उसे अगुवा किया और गाव से लगभग 70 किलोमीटर दूर बालाघाट जिले के लामता थाना अंतर्गत चरेगाव पुलिस चौकी के लवेरी गाव के जंगल मे उसकी गला रेतकर हत्या कर दी और साक्ष्य मिटाने के लिये शव को जमीन में दफन कर दिया। जहा इस घटना को कुल 7 लोगो ने अंजाम दिया था।
इस पूरे मामले में हैरान करने वाली बात यह थी कि विशाल के अचानक लापता होने पर भी उसके अपनो ने पुलिस को कोई सूचना नही दी और ना ही थाने में विशाल की गुमसुदगी की कोई रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। लगभग 27 दिनों दिन बीत जाने के बाद 22 फरवरी को प्रार्थीया विद्या बाई खोब्रागढ के द्वारा थाने में 25 जनवरी से लापता विशाल की गुमशुदगी की रिपोंर्ट दर्ज कराई गई। 25 जनवरी से लापता विशाल दुनिया की नजर में भी सिर्फ गुमशुदा था। लेकिन हकीकत यह थी कि उसके अपने चचेरे भाई ने उसकी संपत्ति के लालच में एक साजिश के तहत उसकी गला रेतकर हत्या कर दी थी और उसके शव को लामता क्षेत्र के लवेरी गांव के जंगल में दफन कर दिया था। जिसकी किसी को कुछ जानकारी भी नही थी।
पुलिस की माने तो विशाल के लापता होने की जानकारी उसके परिजनों को थी, लेकिन उन्होंने भी पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज नही कराई। वजह यह थी कि हत्या की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपी मृतक के चचेरे भाई भीम खोब्रागड़े ने परिवार के लोगो को धमकी देकर व दबाव बनाकर रखा था कि पुलिस को कोई शिकायत नही करेगा। लेकिन विशाल के लापता होने के 27 दिनो बाद मुखबिर से मिली सूचना के बाद पुलिस ने विशाल का शव बरामद इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया। जहां पुलिस ने विशाल की हत्या में शामिल 7 लोगो मे से 03 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, तो वही 04 आरोपी अभी भी पुलिस की शिकंजे से बाहर है।
एसपी समीर सौरभ की माने तो इस मामले में मुख्य आरोपी भीम खोब्रागड़े है जिसने विशाल की संपति हड़पने के लालच में विशाल की हत्या करने की पूरी साजिश रची थी और अपने 6 साथियों को रूपयो को लालच देकर उनके साथ मिलकर विशाल के लापता होने के दिन ही यानी 25 जनवरी को ही घटना को अंजाम दे दिया था। जिनके खिलाफ पुलिस ने उक्त अपराधिक कृत्य पर अपराध क्रमांक 40/23 धारा 364, 302, 201, 120 बी ताहि के तहत अपराध पंजीबद्ध भी किया है। इस मामले में पुलिस ने गणेश पिता बस्तीराम उइके जाति गोण्ड उम्र 43 साल निवासी करबीटोला थाना रामपायली, मदन पिता परेश खोब्रागढे जाति महार उम्र 36 साल भीमनगर रजेगांव थाना वारासिवनी, बालकृष्ण उर्फ बालू पिता पतिराम दमाहे जाति लोधी उम्र 32 साल निवासी रामपायली को गिरफ्तार कर लिया है। वही मुख्य आरोपी भीम खोब्रागढे निवासी कस्वीटोला रामपायली समेत अन्य तीन आरोपी थाना लामता के फरार चल रहे है। पुलिस ने घटना को अंजाम देने के लिये प्रयुक्त की गई टवेरा वाहन को भी जप्त किया है।