बालाघाट। बारिश शुरू है और इन दिनों में जहरीले जीव जंतु और मच्छरों का भारी प्रकोप है जिसके काटने से गंभीर बीमारी का अंदेशा बना रहता है, और इसकी रोकथाम के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है मच्छरों कि बढ़ती संख्या के चलते गंभीर बीमारी का खतरा है एक तरफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग आमजन की अच्छी सेहत और स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन बारिश के दिनों में मच्छरों की रोकथाम और खात्मे के लिए कोई प्रयास और कोई छिड़काव नहीं किया जा  रहा है जिससे आम जनता में यह चर्चा है कि पूर्व के वर्षों  मे बारिश के दिनों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा और मच्छरों से होने वाली बीमारी से निपटने के लिए गांव गांव दवाइयों का छिड़काव किया जाता था, गरीब परिवारों को मच्छरदानी उपलब्ध कराई जाती थी लेकिन कुछ वर्षों में यह प्रथा खत्म जैसे कर दी गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर गरीब मजदूर मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी मलेरिया चिकनगुनिया डेंगू से ग्रसित हो जाते हैं और कभी-कभी तो मलेरिया अन्य बीमारी  के कारण रोगियों की मौत तक हो जाती है मच्छर के काटने से डेंगू चिकनगुनिया मलेरिया जैसी घातक बीमारी होती है ग्रामीण क्षेत्रों से यह मांग उठने लगी है कि जहरीले  मच्छर की रोकथाम और खात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग कोई प्रयास करें जिससे होने वाली घातक बीमारियों को टाला जा सके और आमजन स्वास्थ्य एवं सेहतमंद रहे द्य ग्रामीण क्षेत्रों  में मच्छरों की बढ़ती तादाद से आमजन बहुत परेशान और
हलाकान है।
इनका कहना है
चिन्हित ग्रामों में मच्छरों की रोकथाम के लिए छिड़काव किया जाना है। और जो ग्राम चिन्नाकित नहीं है उन ग्रामों में छिड़काव नहीं किया जाएगा।
खंड चिकित्सा अधिकारी लालबर्रा