वार्ड नंबर एक बूढ़ी जानकीबाई धुवारे कॉलोनी का मामला
बालाघाट।
नगर मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर एक बूढ़ी जानकीबाई धुवारे कॉलोनी का मामला सामने आया है जहां पर वर्षों से कॉलोनी निवासियों को सड़क नाली की समस्या से निजात नहीं मिली है जिसको लेकर कई बार नगर पालिका प्रशासन से गुहार भी लगाई गई है लेकिन उक्त समस्या पर नगर पालिका प्रशासन गंभीर नजर नहीं आया जिसको लेकर कॉलोनी निवासियों के द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा गया है कि उक्त मार्ग से स्कूली बच्चों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही स्कूली बच्चों की वैन मार्ग में पलटने का भी डर बना रहता है।
वही कॉलोनी निवासियों का कहना है कि जब से कॉलोनी का निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक नगर पालिका प्रशासन के द्वारा वार्ड नंबर एक बुद्धि जानकीबाई अधूरे कॉलोनी में सड़क को लेकर किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया है वही कॉलोनी निवासियों के द्वारा स्वयं के पैसे से सड़क का निर्माण किया गया था लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण वह भी बर्बाद हो गई और मार्ग से आवागमन करना काफी मुश्किल हो गया है।
कॉलोनी निवासी ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
वही कॉलोनी निवासी किशोर कुमार बनसोरकड ने जानकारी देते हुए कहा कि लगभग 10 वर्षों से कॉलोनी का निर्माण हुआ है लेकिन अभी तक नगर पालिका के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और ना ही सड़क का निर्माण किया गया है उक्त मार्ग से लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसको लेकर नगर पालिका प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई है और ज्ञापन के माध्यम से भी मांग की गई है लेकिन नगर पालिका प्रशासन के द्वारा उक्त कॉलोनी में मार्ग का निर्माण नहीं किया गया है।
स्कूली बच्चों की वैन पलटने का बना रहता है डर
मामले के संबंध में कॉलोनी निवासियों का कहना है कि बच्चों के आवागमन करने के लिए कोई भी मार्ग ठीक नहीं होने से स्कूली बच्चों की वैन पलटने का डर बना रहता है, अगर भविष्य में कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है तो इसके जिम्मेदार कौन होगा क्योंकि नगरपालिका के जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर आंख मूंद कर बैठे हैं और किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कब मिलेगी निजात
वार्ड नंबर एक बूढ़ी निवासियों का कहना है कि सड़क और नाली की समस्या से उन्हें कब निजात मिलेगा यह तो वह नहीं कह सकते लेकिन उनका यह मानना है कि नगरपालिका में बैठे जिम्मेदार पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर नहीं है अगर वह अपने पद और जिम्मेदारी के प्रति गंभीर होते तो यह समस्या नहीं होती और बच्चों के आवागमन करने में कोई परेशानी नहीं होती।