बालाघाट। डोंगरबोड़ी जलाशय मे हो रहा घटिया निर्माण कार्य
बालाघाट। किसानों को समय पर पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध हो इसके लिए जलाशयो का निर्माण किया गया है लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण न तो समय पर जलाशयों का मेंटेनेंस होता है ना ही निर्माण कार्य। ऐसी ही स्थिति ओरमा पंचायत के अंतर्गत आने वाले डोंगरबोड़ी जलाशय की सामने आई है जहां जलाशय को फूटे होते हुए 1 वर्ष का समय हो गया है लेकिन उसका निर्माण कार्य सिंचाई विभाग द्वारा अब तक पूरा नहीं किया गया है जिसके कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। इस जलाशय के भरोसे आसपास के एक दर्जन ग्रामों के किसानों द्वारा फसल उत्पादन किया जाता है लेकिन तालाब टूट जाने से डोंगरबोड़ी जलाशय में पिछले 1 वर्ष से एक भी पानी नहीं है ऐसी स्थिति में किसानों की खरीफ और रबी दोनों फसलें खराब हुई है, और जब इस जलाशय का निर्माण कार्य विभाग द्वारा पूर्ण नहीं कर लिया जाता तब तक किसानों के सामने समस्या बनी रहेगी। आपको बताये कि जलाशय के फूट जाने और संबंधित विभाग द्वारा इसके निर्माण कार्य पर तेज रफ्तार नही लाये जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। अभी बारिश का समय लगभग शुरू होने वाला है और अब तक निर्माण कार्य विभाग द्वारा पूर्ण नहीं करवाया गया, इस पर किसानों द्वारा जमकर आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। किसानों द्वारा यह तक कहा जा रहा है कि यदि डोंगरबोड़ी जलाशय का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण नहीं किया जाता है तो किसानों द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
600 एकड़ से अधिक खेती हो रही प्रभावित
समनापुर ओरमा के अंतर्गत आने वाले डोंगरबोड़ी जलाशय से 600 एकड़ से अधिक फसलो की सिंचाई की जाती थी। मेंटेनेन्स समय पर नहीं किए जाने के कारण डोंगरबोड़ी जलाशय फूटा था, अब विभाग द्वारा जो निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसने भी घटिया निर्माण की जानकारी सामने आ रही है। जलाशय की पार में डाली गई मिट्टी उपयुक्त नहीं है जिसके कारण मिट्टी में अभी से दरारे दिख रही है, वही तालाब के भीतरी हिस्से में पत्थर भी कुछ-कुछ जगहों में ही डाले गए हैं। यदि जलाशय में पानी भर जाता है तो मिट्टी का कटाव होगा और जलाशय फूटने की फिर संभावना बढ़ जाएगी, ऐसे में जो निर्माण कार्य हो रहा है उस पर विभागीय अधिकारियों को गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से फूटा था तालाब - हेमेंद्र
ग्राम पंचायत ओरमा के किसान एवं सरपंच प्रतिनिधि हेमेंद्र बनोटे ने बताया की यह तालाब अंग्रेजों के समय का है इसे डोंगरबोड़ी जलाशय के नाम से जाना जाता है, अधिकारियों की गलती की वजह से 1 साल पूर्व यह तालाब फूट चुका था। जिस ठेकेदार के द्वारा इसके जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है निर्माण कार्य बहुत मंद गति से चल रहा है, जहां से मिट्टी का कटाव हुआ था उस जगह से विभाग और ठेकेदार निर्माण कार्य करने तैयार नही है। यदि बारिश के पहले तालाब का निर्माण नहीं होता है तो डोंगरबोडी, ठाकुरटोला, टेकाड़ी समनापुर, ओरमा सहित अन्य गांवों के किसानों को धान नहीं हो पाएगा। पानी न मिलने के कारण ही रबी की फसल भी नहीं लगा पाये। इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से भी की गई है यदि बारिश के पूर्व तालाब का निर्माण कार्य नहीं होता है तो किसानों के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कार्य की रफ्तार देखकर लगता नहीं इस वर्ष तालाब बन पाएगा - रवि उइके
डोंगरबोड़ी ग्राम के पुलिस पटेल रवि कुमार उइके ने बताया कि इस तालाब से लगभग 700 एकड़ के किसान लाभान्वित होते हैं तालाब के पानी से धान गेहूं और रबी की किसान फसल लगाते हैं। जिस गति से ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है उसे देखने में लग रहा है कि इस वर्ष भी तालाब का निर्माण नहीं हो पाएगा वैसे भी कुछ दिनों बाद मानसून आ जाएगा। 5 माह से ठेकेदार के द्वारा तालाब का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो अब क्या कर पाएगा, यह विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही है अधिकारियों के द्वारा अगर ध्यान दिया जाता तो तालाब का निर्माण शीघ्र हो जाता।
जो फंड मिला है उसके हिसाब से काम नहीं हो रहा - त्रिलोक
समनापुर निवासी किसान त्रिलोक सुलाखें ने बताया कि लगभग 1 वर्ष पूर्व डोंगरबोड़ी जलाशय बारिश की वजह से टूट गया था जिसके जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने 63 लाख फंड जारी किया था। इसका काम शुरू हुआ है लेकिन अब तक नहीं बन पाया है, पहले जैसा तालाब हमें मिल जाए तो बहुत बड़ी बात है। तालाब की स्थिति ऐसी हो गई है कि पानी के कटाव के कारण तालाब में नाला बन गया था जो अब नदी में तब्दील हो गई है। इस तालाब से किसान ही नहीं मछुआरे भी परेशान हुए हैं 700 एकड़ के किसान रबी की फसल नहीं लगा पाए हैं। ठेकेदार के द्वारा जो काम किया जा रहा है पार पर इतनी घटिया मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है जहां पर दरारे बन गई है इस तालाब की मरम्मत के लिए 63 लाख का फंड आया है उस हिसाब से बिल्कुल भी काम नहीं हुआ है। तालाब की स्थिति देखकर लगता है कि किसानों को आने वाले समय में भी पानी नहीं मिल सकता, विभाग की गलती की वजह से किसानों को पानी नहीं मिल पाया है शीघ्र ही इस तालाब का निर्माण नहीं किया जाता तो आने वाले समय में विभाग के खिलाफ में सारे किसान मोर्चा खोलेंगे।
कार्यपालन यंत्री के पास बात करने नहीं है समय
इस विषय को लेकर कार्यपालन यंत्री एन एस ठाकुर के कार्यालय पहुंचकर चर्चा करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करना मुनासिब नहीं समझा, ऐसा लगता है जैसे कार्यपालन यंत्री के पास मीडिया से चर्चा करने समय नहीं ।
इनका कहना है
निर्माण कार्य चल रहा है और पूरी गुणवत्ता के साथ कार्य करने के निर्देश ठेकेदार को दिए गए हैं, इसके संबंध में अधिक जानकारी कार्यपालन यंत्री द्वारा ही दी जाएगी।
श्री अहिरवार
उपयंत्री सिंचाई सर्वे डिवीजन बालाघाट