बालाघाट। लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 04 दिसंबर को सांसद भारती पारधी ने गोंदिया से जबलपुर तक रेलमार्ग का दोहरीकरण और छिंदवाड़ा तक आने वाली पातालकोट एक्सप्रेस को सिवनी, नैनपुर होते हुए बालाघाट तक चलाए जाने की मांग रखी। इसके साथ ही सांसद पारधी ने मलाजखंड के लिए नई रेल लाइन चिराई डोंगरी से बैहर होते हुए मलाजखंड और मलाजखंड से चिल्फी घाटी होते हुए बिलासपुर तक बनाए जाने की बात कही।
सांसद भारती पारधी ने यह मांग, रेलवे संशोधन विधेयक पर बोलते हुए संसद में रखी। उन्होंने रेलवे संशोधन विधेयक 2024 को भारतीय रेलवे के कानूनी ढांचे को सरल और प्रभावी बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने संसद में कहा कि भारतीय रेलवे ना केवल हमारे देश के विकास का आधार बन रहा है, बल्कि यह आधुनिकता और समावेशिता का प्रतीक भी है। हमारी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने अभूतपूर्व प्रगति की है।
जबकि कांग्रेस शासनकाल में रेलवे एक अनदेखा क्षेत्र बनकर रह गया था। रेलवे का बुनियादी ढांचा जर्जर हो रहा था। यात्री सुविधाए असुविधाजनक और असुरक्षित थी। विद्युतीकरण और आधुनिकीकरण की गति बेहद धीमी थी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने विद्युतीकरण, अमृत भारत स्टेशन के माध्यम से स्टेशनो का आधुनिकीकरण, वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से यात्री सुविधाएं देने का काम किया बल्कि इस ट्रेन की शुरूआत से दुनिया को भारत ने दिखा दिया कि आत्मनिर्भर भारत का सपना केवल एक लक्ष्य नहीं बल्कि एक सच्चाई है। देश में 68 वंदे भारत ट्रेने, 136 सेवाओं के साथ देशभर में 24 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशो को जोड़ रही है। यही नहीं बल्कि यह ट्रेने ना केवल तेज और सुरक्षित यात्रा का साधन है बल्कि आम आदमी को विश्वस्तरीय सुविधाएं भी प्रदान करती है।
रेलवे संशोधन विधेयक 2024, रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 और रेलवे अधिनियम 1989 को एकीकृत कर प्रशासनिक ढांचे को सरल बनाता है। जिसमें बोर्ड सदस्यों की संख्या, उनके अनुभव और योग्यता को यह स्पष्ट करता है। इसमें निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी होगी। यात्री और माल ढुलाई सेवाओ में गुणवत्ता बढ़ेगी और सुरक्षा उपायो को सृदृढ़ करते हुए तकनीकि नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ना केवल कानूनी ढांचे को मजबूत करेगा बल्कि रेलवे के संचालन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने जो उंचाईयों को हासिल किया है वह विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।