कटंगी। नगर परिषद कटंगी की घोर लापरवाही का शिकार
कटंगी। नगर परिषद कटंगी की घोर लापरवाही और शहरीकरण की होड़ में देवी तालाब का अस्तित्व समाप्त होते जा रहा है जबकि कई बार नगर परिषद में लिखित आवेदन कर तालाब के अस्तित्व को बचाने की मांग की जाती रही है. इस साल बारिश के मौसम में तालाब का ओवर फ्लो वाला हिस्सा फुट गया था जिसकी मरम्मत आज तक नहीं की गई है वार्ड पार्षद गायत्री योगराज ठाकरे ने बकायदा उपयंत्री राजेश चौकसे को तालाब की पार की मरम्मत करवाने के लिए कहा था जिससे बड़ी मात्रा में जल बहाव हो गया था। वहीं मछुआरों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा। तालाब के इस हिस्से की आज तक मरम्मत नहीं की गई है। जिस कारण किसानों का आज तालाब की पार से होकर खेतों तक आवागमन करना मुश्किल हो गया है। मंगलवार को स्थानीय लोगों ने इस संबंध में जानकारी देते हुए नगर परिषद पर और भी गंभीर आरोप लगाएं और कहा कि नगर परिषद तालाब को समाप्त कर अतिक्रमण को बढ़ावा देना चाहती है। करीब 7 एकड़ में फैला यह तालाब आज सिकुड़कर महज केवल 2 से 3 एकड़ में रह गया है और अपनी दुर्दशा पर आंसु बहा रहा है।
वार्ड क्रमांक 2 में स्थित तालाब
शहर के अर्जुननाला वार्ड क्रमांक 2 में स्थित देवी तालाब सुस्त हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था और नाकारा जनप्रतिनिधियों से अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। रिहायशी इलाके में सटा यह तालाब है। अब जिसके चारों ओर घर बनने लगे और धीरे धीरे इस तालाब के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस तालाब में गाद, गंदगी जमा हुआ है। जिस वजह से मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन प्रभावित हो रहा है वहीं किसानों को भी तालाब से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। करीब 5 सालों से निरंतर देखने में आता है कि बारिश के मौसम में तालाब की पार क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऐसे में स्थानीय किसान और मछुआरों के द्वारा पार्षद गायत्री योगराज ठाकरे के सहयोग से वैकल्पिक मरम्मत का कार्य करवाया जाता है परंतु नगर परिषद से लगातार शिकायत करने के बाद भी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है। अब यह तालाब अस्तित्वहीन होने की कगार पर आकर खड़ा हो चुका है। अगर शीघ्र ही तालाब को सहेजने की दिशा में प्रयास नहीं किए गए तो निश्चित तौर पर तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और अतिक्रमणकारी यहां इमारत तैयार कर देगें। दरअसल, अभी तालाब के आस पास तेजी से इमारतों का निर्माण किया जा रहा है।
भू-जल पर पड़ रहा असर
बता दें नगर के अर्जुननाला में भू-जलस्तर को लेकर पहले से ही काफी समस्या है ऐसे में देवी तालाब जलस्तर को बनाएं रखने में अपनी बड़ी भूमिका अदा करता रहा है। इस तालाब से कभी अर्जुननाला के पालतू मवेशियों को भीषण गर्मी में भी पानी मिलता था। आस पास के घरों के कुआं, हैंडपंप का जल स्तर भीषण गर्मी में भी उपर रहता था लेकिन अब थोड़ा हैंडपंप के हैंडल पर हाथ क्या फेरा हैंडपंप हांफने लगता है। गर्मी के दस्तक के साथ ही कुआं का पानी नीचे चला जाता है। नगर परिषद द्वारा अगर समय-समय पर तालाब की साफ सफाई और जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया जाता और इमानदारी से नगर परिषद के अफसर और जनप्रतिनिधि अपने पदेन दायित्व का निर्वहन करते तो शायद आज तालाब का अस्तित्व पर चर्चा ही ना होती लेकिन दुर्भाग्य की जल संरक्षण और तालाबों के संरक्षण के बड़े-बड़े दावे और वादे करने वाले अफसर और जनप्रतिनिधियों की नाक के नीचे तालाब समाप्त हो रहा है।
इनका कहना है
देवी तालाब के अस्तित्व को बचाने के लिए नगर परिषद के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि मेरे द्वारा कई बार आवेदन कर जीर्णोद्धार की मांग की जा चुकी है।
गायत्री योगराज ठाकरे पार्षद