बालाघाट। सेवती से सिंगोला रोड़ की विभाग ने लिया सुध
बालाघाट। लांजी के अंतर्गत आने वाला सेवती से सिंगोला पहुंच मार्ग लंबे समय से जर्जर अवस्था में था लेकिन इस मार्ग का सुधार कार्य करवाने जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा था। इस पर विभाग ने संज्ञान लिया और सेवती से सिंगोला मार्ग पर डामरीकरण कार्य कराया गया। सड़क अच्छी हो जाने से आवागमन करने में लोगो को काफी सुविधा हो रही है, क्षेत्रीय लोगो में काफी हर्ष देखा जा रहा है। आपको बताएं की मार्ग में इतने अधिक गड्ढे हो चुके हैं कि लोगों को इस मार्ग से आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गड्ढों के कारण कई बार दुर्घटना होने की स्थिति बनती रही है यह सड़क बनना इसलिए जरूरी था जिनका बालाघाट की ओर से सीधे महाराष्ट्र आमगांव की ओर जाना होता है उनके लिए सेवती होते हुए सिंगोला मार्ग बहुत सुविधाजनक होता है, इससे इस मार्ग से सीधे राहगीर को 15 किलोमीटर का फासला कम होता है यही कारण है कि इस मार्ग से आवागमन अधिक होता है।
कई गांव आते हैं इस मार्ग में
सेवती से सिंगोला पहुंच मार्ग में कई गांव आते हैं यह प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत आती है, कई जगह से रोड इतनी ज्यादा जर्जर हो गई थी कि वहां दुर्घटना न हो जाए इसका भय बना रहता था। सबसे ज्यादा दिक्कत रात्रि के समय होती थी तथा बरसात के समय गड्ढों में पानी भर जाने के कारण भी वहां गिरने की संभावना बनी रहती थी। इस मार्ग में कांद्रीकला, चिखलामाली, पारडी, उमरी, देवलगाव, लाड़सा सहित अन्य कुछ ग्राम आते हैं। यही कारण है कि इस मार्ग में बहुतायत आवागमन होते रहता है।
इस मार्ग के चलते हाईवे पर नहीं होता अधिक लोड
यह मार्ग जनता के लिए सुविधाजनक तो है ही साथ ही इस मार्ग के होने से लांजी मार्ग पर पड़ने वाला दबाव भी कम होता है क्योंकि बहुतायत राहगीर सेवती से सिंगोला मार्ग से ही आवाजाही करना पसंद करते हैं, क्योंकि इससे 15 किलोमीटर का फासला कम होने से उनका पेट्रोल बचता है साथ ही उनके समय की भी बचत होती है।
खबर प्रकाशित कर लाया गया था प्रशासन के संज्ञान में
इस जर्जर सड़क से जनता को कितनी परेशानी हो रही है तथा सड़क की क्या हालत है उसको लेकर हमारे द्वारा पिछले दिनों दो बार खबर का प्रकाशन किया गया था। निश्चित ही प्रशासन और विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। ज्ञात हो कि यह करीब 18 किलोमीटर मार्ग है जिसमे से जहां रोड़ ज्यादा खराब थी ऐसी करीब 4 किलोमीटर एरिया में ही अभी डामरीकरण कार्य कराया गया है।