बालाघाट। अगले बरस तू जल्दी आ के उद्घोष के साथ गणपति बप्पा को दी विदाई
नगर के आधा दर्जन जगहों में बनाए गए थे विसर्जन कुंड
बालाघाट। प्रथम पूजनीय विघ्न विनाशक भगवान श्री गणेश की आराधना का पर्व जिले भर में बड़े ही धूमधाम के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। 19 सितंबर को आस्थाभाव के साथ गणपति बप्पा की स्थापना की गई थी, जिसकी पूरे 10 दिनों तक भक्तिभाव के साथ पूजा अर्चना किया गया तथा उसके बाद दसवे दिन से ही गणपति बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन प्रारंभ हो गया है। गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन करने का क्रम गुरुवार की सुबह से शुरू हुआ जो देर रात्रि तक चलता रहा। लोगों ने श्रद्धाभाव के साथ गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों के साथ शोभायात्रा निकालकर डीजे की धुन पर नाचते थिरकते प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल ले गए जहां विधि विधान के साथ गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन किया गया।
गणेश उत्सव में श्रद्धाभाव के साथ किया गया पूजन अर्चन
आपको बताये कि पूरे गणेश उत्सव के दौरान सार्वजनिक पंडालों में एवं घरों में स्थापित किए गए भगवान श्री गणेश का श्रद्धालु भक्तों द्वारा पूजन अर्चन किया जाता रहा, इसके अलावा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समितियों द्वारा रात्रि के समय धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए वही घरों में जिनके यहां गणेश जी की स्थापना की गई वहां रोजाना भजन मंडली के माध्यम से महिलाओं द्वारा धार्मिक गीतों की प्रस्तुति दी गई जिसके माध्यम से पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आया।
प्रतिमा विसर्जन के लिए धूमधाम से निकाली गई शोभायात्रा
अष्टमी के दिन से ही घरों एवं सार्वजनिक पंडालों में हवन पूजन का कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया था। अष्टमी एवं नवमी के दिन हवन पूजन तथा भंडारे का आयोजन चलता रहा। इसी प्रकार गुरुवार को भी कई सार्वजनिक पंडालों में महाप्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तजनों ने शामिल होकर भंडारा ग्रहण किया। जिसके बाद धूमधाम से प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकाली गई।
विसर्जन स्थलों में रहा लोगों का भारी जमावड़ा
आपको बताये कि प्रतिमा विसर्जन के लिए नगरपालिका बालाघाट द्वारा नगर के 6 जगहों में विसर्जन कुंड बनाया गया जिनमें नगर की धर्मप्रेमी जनता द्वारा शोभायात्रा के माध्यम से नाचते थिरकते गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल तक ले जाया गया जहां पूजा अर्चना कर विधि विधान के साथ विसर्जन कुंड में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। नगर के सभी विसर्जन स्थल चाहे वैनगंगा नदी हो, गायखुरी घाट, देवी तालाब, मृत्युंजय घाट, मोती तालाब के पास सहित अन्य एक-दो स्थानों में विसर्जन कुंड बनाया गया था। सभी विसर्जन स्थलों में शाम के समय भक्तों का भारी संख्या में जमावड़ा रहा।
भीड़ के चलते बाधित होते रहा आवागमन
नगर के वैनगंगा नदी में शाम 4 बजे से भक्तों की भारी भीड़ प्रतिमा विसर्जन के लिए पहुंचना प्रारंभ हो गई थी जिसके चलते विसर्जन स्थल वैनगंगा नदी से लेकर रेलवे क्रॉसिंग तक लोगों की काफी भीड़ रही। यहां तक की कई बार आवागमन बाधित भी होते रहा जिसके चलते आवागमन बहाल करने यातायात विभाग के अमले को काफी मशक्कत करना पड़ा। गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ का उद्घोष करते हुए सभी भक्तों ने भगवान श्री गणेश को आस्थाभाव के साथ विदाई दी।