सर्वे न होने पर किसानों ने आंदोलन करने की दी चेतावनी

बालाघाट। पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने कई किसानों को आफत में डाल दिया है, अतिवृष्टि के कारण कई किसानों की फसले बर्बाद हो गई तो वहीं कई मकान धराशाही हो गए। जिससे अब उनके पास रहने के लिए मकान न होने से परेशानी बनी हुई है जो शासन की ओर निगाहें लगाए बैठे हैं कि बारिश की वजह से उन्हें जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे कराकर उसका मुआवजा मिले। आपको बता दे कि विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश से कई मकान धरासायी हो गये तो वही नदी नाले उफान पर आने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई। जिसकी वजह से खेतों में पानी घुस जाने के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है जिसका सर्वे कार्य अभी तक न होने के कारण किसानों में चिंता साफ झलक रही है। किसानों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही सर्वे करा कर मुआवजा दिलाने की  मांग कर सर्वे कार्य नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
खराब फसलों की अधिकारी ने नहीं ली सुध-चिंतामन लिल्हारे
कुम्हारी निवासी किसान चिंतामन लिल्हारे ने बताया की साढ़े तीन एकड़ में फसल लगाई गई थी जो बाढ़ की वजह से सारी फसले बर्बाद हो गई है। बाढ़ का पानी खेतों में 35 से 36 घंटा रहने की वजह से फसल पूरी बर्बाद हो गई है, अब फसल में एक भी दाना नहीं होने वाला। कुछ वर्ष पूर्व भी बाढ़ का पानी खेतों में आ गया था जिसकी वजह से भी फसले बिल्कुल भी नहीं हो पाई थी, ऐसा लग रहा है इस साल भी फसल का एक दाना तक नहीं होगा। अभी तक शासन प्रशासन के द्वारा सर्वे का कार्य नहीं किया गया है किसी अधिकारी ने भी अभी तक कोई सुध नहीं ली। बाढ़ से फसल खराब होने की जानकारी सभी को है लेकिन अभी तक कोई अधिकारी किसानों से मिलने नहीं आया और ना उनकी सुध ली।
सर्वे कराकर नुकसानी फसलों का दे मुआवजा - काजनलाल भलावी
किसान काजनलाल भलावी ने बताया की विगत दिनों आई बाढ़ की वजह से पूरी फसले तबाह हो गई है ऐसी स्थिति है कि अब उनमें एक दाना तक नहीं होने वाला। फसले पुरी बदरा हो चुकी है फिर भी अभी तक न कोई अधिकारी आया ना ही सर्वे हुआ है, प्रभावित हुई फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा मिलना चाहिए।
जल्द सर्वे नहीं हुआ तो किसानों के साथ करेंगे उग्र आंदोलन - सावन पिछोड़ें
ग्राम पंचायत कुम्हारी के सरपंच सावन पिछोड़े ने बताया कि बाढ़ का पानी डेढ़ सौ एकड़ में घुस गया था सारी फसले उसकी वजह से खराब हो चुकी है। बाढ़ के पानी की वजह से धान, तूवल, उड़द, तिल्ली को बहुत नुकसान हुआ है। अभी तक शासन के द्वारा बाढ़ से प्रभावित हुई फसलों का सर्वे कार्य नहीं हुआ है। किसानों को फसल बिल्कुल भी नहीं होगी। इस बाढ़ की वजह से 100 किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि बाढ़ के पानी से उतना नुकसान नहीं होता है जितना बांध खोलने के पानी से होता है। कुछ दिन और देख लेते हैं शासन प्रशासन द्वारा सर्वे नहीं किया जाता फसल नुकसानी का तो किसानों के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
राजस्व निरीक्षक और पंचायत सचिव से कराया जा रहा है सर्वे कार्य - तहसीलदार
चर्चा करने पर बालाघाट तहसीलदार  कमलचंद सिंहसार ने बताया की राजस्व निरीक्षक और पंचायत सचिवों से सर्वे का कार्य करवाया जा रहा है, अभी फिलहाल मकान का सर्वे कार्य किया जा रहा है शीघ्र ही फसल नुकसानी का भी सर्वे कराया जाएगा।