बालाघाट। लौगुर से परसाटोला तक बने गड्ढे दे रहे दुर्घटना को न्योता
बालाघाट- बैहर पहुंच मार्ग का मामला
बालाघाट। यदि आप भी बालाघाट से बैहर पहुंच मार्ग में सफर कर रहे हैं, तो सावधान। सडक़ से नजर हटते ही आप गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। दरअसल बालाघाट से बैहर पहुंच 67 किमी मार्ग में लौगुर से परसाटोला तक करीब 28 किमी. की दूरी में सडक़ में बड़े-बड़े गढ्डे बन गए हैं। ये गढ्डे दुर्घटनाओं के कारण बन रहे हैं। पिछले दो माह में ही करीब दो दर्जन से अधिक हादसे इस सडक़ में घटित हो चुके हैं। गनीमत है कि किसी को जान माल की नुकसानी नहीं हुई है। लेकिन यहां के जागरूक जनों की माने तो यदि शीघ्र ही इन गड्ढों को नहीं भरा गया तो किसी भी समय बड़ा हादसा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि यह बालाघाट से बैहर प्रमुख मार्ग है, जो कि मप्र व छत्तीसगढ़ राज्य को जोड़ता है। देश के प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क जाने भी इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। ताम्र परियोजना, मैग्नीज की खदानें सहित वन संपदाओं के परिवहन करने इसी मार्ग का उपयोग होता है, ऐसे में 24 घंटे मार्ग से छोटे दोपहिया वाहनों से लेकर दो दर्जन से अधिक यात्री बसें, भारी दस चका वाहन और बड़ी मशीनों का आवागमन होते रहता हैं।
2014 में किया गया निर्माण
जानकारी के अनुसार दिलीप बिल्डिकॉन कंपनी ने इस मार्ग का निर्माण 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। तब से मार्ग की मरम्मत नहीं करवाई गई है। वहीं बताया गया कि नक्सल क्षेत्र होने के कारण सडक़ निर्माण कंपनी ने तीन लेयर की सडक़ न बनाते हुए कुछ स्थानों पर दो लेयर की सडक़ ही बना दी है। ऐसे में दो लेयर वाले स्थानों में सडक़ पूरी तरह से खस्ताहाल हो गई है, वहीं करीब एक से डेढ़ फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। इनसे वाहन का पहिया गुजरते ही वाहन पूरी तरह से अनियंत्रित होकर हादसों का कारण बन रहे हैं।
घटनाओं से भी नहीं ले रहे सबक
गत दिवस इन गड्ढों की वजह से गंभीर हादसा घटित हो गई। लौगुर से परसाटोला के बीच बने एक बड़े गड्ढे से कार जैसे ही गुजरी उसका टायर ब्लॉस्ट हुआ फिल्मी स्टाइल में कार करीब चार से पांच फिट हवा में उछलकर किनारे लगे पेड़ से जा टकराई। इस जबरदस्त हादसे में कार का इंजन अलग हो गया था, लेकिन गनीमत रहा कि कार में सवार तीन लोगों में किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आई। इस तरह के हादसे आए दिन यहां सामने आते हैं लेकिन जिम्मेदार इन हादसों से भी सबक नहीं ले रहे हैं।
इनका कहना है
बालाघाट से बैहर पहुंच 67 किमी मार्ग में लौगुर से परसाटोला तक करीब 28 किमी. में आधा सैकड़ा से अधिक बड़े-बड़े गढ्डे बन गए हैं। जिनकी मरम्मत की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
समीर शर्मा, स्थानीय निवासी
इसी मार्ग से प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क जाना होता है। देशी विदेशी पर्यटक इन गढ्डों से गुजरते हैं तो उनके सामने शासन प्रशासन की छवि भी धूमिल होती है, फिर भी सुधार कार्य नहीं कराया जा रहा है।
मनोज खानचंदानी, राहगीर
इस सड़क के गड्ढे दूर से आने पर नहीं दिखते हैं। जब चालक अचानक से पास पहुंचता है तो उसे बड़े व गहरे गड्ढे दिखाई देते हैं। जिनसे बचने के फेर में चालक ब्रेक लगाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। मौके पर कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया गया है।
शिव कुमार उके, सरपंच जगनटोला
सड़क का कही कही से सही निर्माण नहीं हुआ है। पिछले बार भी हमनें गड्ढों को मुरुम से भरा था। हमारी मांग है प्रशासनिक अधिकारी इन गड्ढों को भरवाएं। कोई सुनवाई नहीं होने की स्थिति में समिति सदस्यों के साथ मिलकर कुछ हल निकाला जाएगा।
जेम्स बारीक, अध्यक्ष सर्वधर्म सेवा समिति