बालाघाट। आदित्य भारतीय वॉलीबॉल टीम से विश्व पटल पर करेगा मध्यप्रदेश का नाम रोशन
बालाघाट। खैरलांजी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पिंडकेपार की माटी के लाल आदित्य पिता लक्षण दमाहे ने अंडर 19 भारतीय व्हालीबाल टीम में जगह बनाकर न केवल क्षेत्र का बल्कि जिले और मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। फिलहाल वह मध्यप्रदेश से एकमात्र खिलाड़ी है जिनका चयन अर्जेंटीना खेलने गयी कुल 12 सदस्यों की भारतीय टीम में हुआ है। जिसके लिए वह टीम के साथ 29 जुलाई की रात्रि में ही अर्जेंटीना के सेन जुआन के लिए रवाना हो गए है। अब इंतजार है कि वह भारतीय प्लेयिंग टीम का हिस्सा बने और क्षेत्र का यह होनहार भारतीय टीम का नाम विश्व पटल पर रोशन करे। वैसे तो आदित्य का चयन पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल के लिए हो गया था। लेकिन अर्जेंटीना जाने वाली भारतीय व्हालीबाल टीम में स्थान पक्का हो गया यह बात कन्फर्म नही हो पाई थी। जैसे इस बात की खबर उनके परिवार के सदस्यों के साथ इष्ट मित्रों और परिचितों को लगी सभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस अवसर पर माता पिता खुशी से थोड़े भावुक भी दिखे और हो भी क्यों नही प्रत्येक खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व अंतर्राष्टीय स्तर पर करे और आदित्य ने वह कर दिखाया है। अब वह सपना पूरा होने के बाद आदित्य की इच्छा है कि वह भारत के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन कर सके। गांव सहित क्षेत्र में इस खबर के फैलने के बाद सभी लोग उन्हें और माता पिता को अपने अपने स्तर पर बधाई दे रहे है। यहां गौर करने वाली बात है कि ऐसे में जब बड़े शहरों के बच्चों का चयन नही हो पाता जबकि वहां ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक सुविधाएं होती है। उसके बाद भी आदित्य का चयन ग्रामीण क्षेत्र से हुआ है यह बहुत मायने रखता है। हालांकि बाद में कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने नरसिंहपुर वॉलीबॉल अकैडमी में सेलेक्शन पा लिया था। लेकिन इसके पूर्व जिला और संभाग स्तर पर खेलने के लिए उन्होंने ग्रामीण स्तर पर ही जमकर मेहनत किया और परिणाम स्वरूप उनका चयन अब भारतीय टीम में हो चुका है। इसके पूर्व वर्ष 2019 में तमिलनाडु और बाद में वर्ष 2021 दिल्ली में अंडर 16 आयु वर्ग में आदित्य राष्ट्रीय स्तर पर टीम के लिए खेल चुके है।
हर माता पिता का सपना होता है उनके बच्चें आगे बढ़े
इस संबंध में बीड़ी कंपनी भौरगढ़ में कार्यरत उनके पिता लक्ष्मण दमाहे ने जानकारी देते हुए बताया कि गुजरात में कैम्प आयोजित हुआ था, जिसमें कुल 28 खिलाडिय़ों को पूरे देश से बुलाया गया था। जिसमें से 12 खिलाडिय़ों का चयन अर्जेंटीना जाने वाली भारतीय टीम में हुआ है। जिसमें आदित्य का चयन अटैकर खिलाड़ी के रूप में चयनकर्ताओं द्वारा किया गया है। आगे आपने बताया कि इसके पूर्व कर्नाटक में ट्रायल हुआ था जिसमें लगभग पांच सौ खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से कुल 28 खिलाडिय़ों का चयन गुजरात कैम्प के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें गर्व है कि आज आदित्य भारतीय टीम में स्थान प्राप्त करने में सफल हुआ। अब निगाहें 2 से 17 अगस्त तक अर्जेंटीना में आयोजित वल्र्ड वॉलीबॉल चैंपियनशिप पर है, जहां भारतीय टीम जीत का परचम लहराकर देश वापस लौटे। आपने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चें जो खेल में अपना भविष्य बनाना चाहते है ऐसे बच्चों को माता पिता द्वारा पूरा सहयोग किया जाना चाहिए। इसके लिए नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम ब्लॉक समन्वयक से भी खेल की जानकारी मिलती रहती है। आज ग्रामीण क्षेत्र के खेल मैदान को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी को जिम्मेदारी के साथ आगे आने की आवश्यकता है।
शिक्षा के साथ ही बच्चों को खेलने के लिए भी प्रेरित करें
आदित्य की माता जो कि गृहणी के साथ प्राथमिक शिक्षक भी है श्रीमती शांता दमाहे ने सभी से अपील करते हुए कहा कि सभी माता पिता को चाहिए कि वह शिक्षा के साथ ही बच्चों को खेलने के लिए भी प्रेरित करे। इससे जहां शारीरिक रूप से बच्चें स्वस्थ रहते है वहीं खेल पर भी फोकस बना रहता है। जो खेल उन्हें ठीक लगता है उसके लिए कड़ी मेहनत करें। उनकी इच्छा है कि अब दूसरे बेटे आर्यन का भी चयन भारतीय वॉलीबॉल टीम में हो जाए, फिलहाल वह नरसिंहपुर अकैडमी के माध्यम से प्रयास कर रहा है।
पूरे गांव के लिए गर्व की बात है - अशोक लिल्हारे
आदित्य के चयन पर ग्रामीण अशोक लिल्हारे ने बताया कि उन्हें भी जब इस बारे में मालूम हुआ तो काफी गर्व हुआ कि ग्राम पिंडकेपार जैसे ग्रामीण क्षेत्र का बेटा अब भारतीय टीम में खेलेगा। जब भी आदित्य गांव आता है तो छोटे बच्चों के लिए वॉलीबॉल लेकर आते हैं। बच्चों को गिफ्ट करके उनके साथ खेलते है और समय बिताते हैं। गांव में सभी को मालूम हो गया है कि आदित्य भारतीय टीम के लिए खेलने वाले है। सभी इस बात की दुआ कर रहे है कि वह अर्जेंटीना में जाकर देश का परचम लहराये।