बालाघाट। डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को दिया जा रहा बढ़ावा
बालाघाट। जिस प्रकार से भाजपा सरकार किसानों के हित में योजनाएं चला रही है इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इसके पहले छोटे किसान साहूकारों से पैसा उधार लेते थे वह पैसा बाद में कर्ज में तब्दील हो जाता था और वह राशि किसानों के लिए मुसीबत बन जाती थी इसमें कहीं ना कहीं कमी आई है। जब से किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रही है और किसानों को जरूरत पडऩे पर सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण भी दिया जा रहा है इससे किसानों को साहूकारो से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। शासन की चल रही योजना ने किसानों को बहुत बड़ा संबल प्रदान करने का काम किया है इससे किसान काफी खुश है। यह बात बालाघाट में पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थानीय सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने फसल बीमा योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से किसान की फसल नष्ट हो जाती थी तो उसको देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाकर किसानों की स्थिति को मजबूत करने का कार्य सरकार के द्वारा किया गया है। कई छोटे किसानो के पास खेती करने के लिये पैसा नहीं होता ऐसे किसानों को संगठित कर शासन द्वारा योजना बनाई जा रही है। ऐसे किसानों को खेती करने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाएगी और उन्हें टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा जाएगा।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन पर काम कर रही सरकार
पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि एमएसपी को लेकर भी काम किया गया है जो लागत आती है उसमें 50 परसेंट अधिक जोड़कर एमएसपी लागू किया गया है जिससे किसानों को निश्चित रूप से फायदा हो रहा है। अब सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन पर काम कर रही हैं, कृषि संबंधित सभी जानकारी ऑनलाइन रखी जाएगी जिसके मायने यह है कि टेक्नोलॉजी के हिसाब से किसानों की खेती उसका रकबा खसरा सभी ऑनलाइन हो जाएगा और सभी किसानों के खेत का जियो टैग कर उसे आधार कार्ड से लिंक कर दिया जाएगा, जिससे किसान के सारे खेत और उसमें होने वाली फसलों से लेकर सभी क्षेत्रों में लगने वाली फसल की जानकारी सेटेलाइट के माध्यम से पता कर ली जाएगी। यह एक बड़ा काम सरकार द्वारा डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत किया जा रहा है जिससे अभी जो पटवारी द्वारा ओलावृष्टि होने पर किसानों का सर्वे किया जाता है इन सब चीजों का सर्वे करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। किसान जब लोन लेने के लिए बैंकों में जाता है तो उसे लिखवाकर लाने को कहा जाता है इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही किसान द्वारा कौन सी फसल कौन से क्षेत्र में कहां पर लगाई गई है कहां कितना नफा नुकसान हुआ है यह सब सरकार द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से पता कर लिया जाएगा