बालाघाट। डेढ़ करोड़ से किया जाएगा डेंजर रोड़ का रुका कार्य
ठेकेदार की 28 लाख की जमानत राशि जब्त
बालाघाट। नगर के डेंजर रोड पर बायपास रोड़ का निर्माण कार्य पुराने निर्माण एजेंंसी द्वारा कराया गया लेकिन बायपास रोड़ का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है और ठेकेदार द्वारा डेंजर रोड़ के निर्माण कार्य को बीच मेंं ही अधूरा छोड़ दिया गया था उस निर्माण कार्य को पूर्ण करने पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान में इसका जो अधूरा कार्य बचा है उसकेे लिये दूसरे ठेकेदार को टेंडर दे दिया गया है जल्द ही ठेकेदार द्वारा इसका निर्माण कार्य शुरू कर रुके हुए कार्य को पूर्ण कराया जाएगा। जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार एक करोड़ 56 लाख रुपए की लागत सेे यहां निर्माण कार्य कराया जाना है। आपको बताएं कि ठेकेदार द्वारा बीच मेंं ही काम अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण बायपास निर्माण का कार्य करीब 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। वही लम्बे समय से बायपास निर्माण का कार्य बंद पड़ा था ऐसे मे अब वर्ष 2023 के अंत तक नगरवासियों को बाईपास की पूर्ण सौगात मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। कार्य में हो रही लेटलतीफी और गुणवत्ता युक्त कार्य ना होने के चलते संबंधित विभाग ने निर्माण कंपनी मेसर्स महा पीताम्बरा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुरैना को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है जिसकी अमानत जमा राशि 28 लाख रु जप्त कर डिपार्टमेंटल राजसात कर दी गई है तथा इस सड़क के पुनर्निर्माण के लिए नया टेंडर भी जारी कर दिया है।
पहले आपत्तियो के चलते अटका था कार्य
आपको बताएं कि डेंजर रोड से बायपास का निर्माण कराए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से चल रही है जहां वर्ष 2020 में बायपास बनाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सर्वे कराया गया था और वहां बायपास का निर्माण दिसंबर माह तक पूरा हो जाने की बात कही जा रही थी लेकिन बायपास की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही पर्यावरण प्रेमियों, विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों द्वारा इसका विरोध किया गया था। चिपको आंदोलन सहित पेड़ बचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए थे वहीं डेंजर रोड़ से बायपास का निर्माण ना कराए जाने को लेकर जगह-जगह आपत्ति लगाई गई थी जिसके चलते वर्ष 2020 में बनकर तैयार होने वाला बायपास का कार्य रोक दिया गया था लेकिन परमिशन मिलने के बाद करीब 3 माह तक बायपास के पेड़ों की कटाई चलती रही। वही ठेकेदार द्वारा जो कार्य कराया गया था वहां कार्य भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा, जिसके चलते इस मार्ग निर्माण की विभागीय जांच हुई। जहां भोपाल जबलपुर से आए अधिकारियों ने इस मार्ग निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए इसके लिए एसडीओ मनीष ठाकुर और राजीव श्रीवास्तव को जिम्मेदार ठहराया था जिनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही जारी है।
यह प्रकिया पूरा करने लगेगा लम्बा समय
बायपास के विकल्प के रुप में करीब 4 करोड़ 11 लाख की लागत से डेंजर रोड का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। चौड़ीकरण के तहत सड़क का डामरीकरण किया जाना है वही डेढ़-डेढ़ मीटर के साइड सोल्डर बनाए जाने है, इस तरह कुल 8.30 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाना है। बताया जा रहा है कि वैनगंगा नदी के बड़े पुल से लेकर जागपुर घाट तक करीब 3.20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा। इस कार्य के पूर्ण होने के बाद नवेगांव से वाहन सीधे वैनगंगा नदी के बड़े पुल पर निकलेगे। जिससे शहरी क्षेत्र के अंदर प्रवेश करने वाले वाहनों की धमाचौकड़ी कम हो सकेगी और यातायात भी व्यवस्थित हो सकेगा।
विभाग ने ठेकेदार को किया ब्लैक लिस्टेड
बताया जा रहा है कि कछुआ गति से कार्य करने, गुणवत्ता युक्त कार्य ना होने ,सड़क निर्माण कार्य में मापदंडों का सही इस्तेमाल न करने, कार्य में लेटलतीफी और निर्धारित समय सीमा मे कार्य पूरा करने के चलते संबंधित विभाग ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 के दिसंबर माह तक बनकर तैयार होने वाला यह मार्ग 2021 बीत जाने पर भी पूरा नहीं हो पाया था। जहां विभाग द्वारा ठेकेदार को 15 अप्रैल 2022 तक इस निर्माण कार्य को पूर्ण करने का अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन वर्ष 2022 बीत जाने के बावजूद भी ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य को पूर्ण नहीं कराया गया । जिसके चलते विभाग ने जिला मुरैना की महा पितांबर कंस्टक्शन कंपनी को सस्पेंड कर दिया है। जहां ठेकेदार सौरभ सिंह परमार द्वारा जमा कराई गई 28 लाख रुपए की अमानत राशि को डिपार्टमेंट राजसात किया गया है। वही कार्य में गुणवत्ता ना होने के चलते एसडीओ मनीष सिंह ठाकुर और राजू श्रीवास्तव पर विभागीय जांच बिठाई गई है।
1.56 करोड़ का नया टेंडर जारी
डेंजर रोड निर्माण को लेकर एक बार फिर से विभागीय तौर पर प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसमें मुरैना के महा पितांबर कंट्रक्शन कंपनी को 4 करोड़ 11 लाख रुपए का टेंडर मिलने के बावजूद भी, उस कंपनी ने समय सीमा पर अपना कार्य पूर्ण नहीं किया। वही जो कार्य किया गया वह भी अधूरा है वही गुणवत्ता युक्त कार्य ना होने के चलते ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 4 करोड़ 11 लाख में से ठेकेदार सौरभ सिंह परमार में 2 करोड़ 44 लाख रुपए का कार्य किया है जिसमें तीन पुलिया रोड, रिटेनिंग वॉल आदि का कार्य कराया गया है जबकि मार्ग के चौड़ीकरण ,सीआरएम, बारिक गिट्टी की बिछाई, बीच में छोड़े गए सड़क निर्माण कार्य, बीटी 2, फिनेशिंग सहित अन्य कार्य अब भी बाकी है। वही ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर दिया गया है। जिसके चलते ठेकेदार को टर्मिनेट कर विभाग ने दोबारा से इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 1.56 करोड़ का नया टेंडर जारी किया है तथा यह टेंडर खुल भी गया है यह नया टेंडर ठेकेदार रवि ठाकरे को दिया गया है। जहाँ विभागीय तौर पर इस बार समय सीमा के भीतर इस कार्य को पूरा किए जाने की बात कही गई है।
कार्य पूर्ण करने तीन माह का दिया गया समय- अड़में
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री बी एस अड़मे ने बताया कि पूर्व में जो ठेकेदार थे उनके द्वारा तय समयावधि में कार्य नहीं किया जा रहा था इसीलिए उनका ठेका निरस्त कर दिया गया है। आगे के काम के नया टेंडर लगा दिया गया है तथा टेंडर खुल गया है सिर्फ वर्क आर्डर होना बाकी है, शेष कार्य को पूर्ण करने ठेकेदार को 3 माह का समय दिया गया है। बरसात के पहले यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। वही जो ठेकेदार कार्य छोड़कर भागा है उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है उसकी अमानत राशि जब्त कर ली गई है।