लांजी। किशोर समरिते लेंगे न्यायालय की शरण
लांजी। लांजी विधानसभा चुनाव को लेकर 31 अक्टूबर को नाम निर्देशन पत्रो की संविक्षा की गई जिसमें नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर चुके संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक किशोर समरीते का नाम निर्देशन पत्र निरस्त कर दिया गया है। साथ ही दो और अभ्यर्थियो का नाम निर्देशन पत्र निरस्त किया गया है जिसमें राजकुमार पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया से, बहुजन मुक्ति पार्टी से करणसिंह नगपुरे इन तीनो नाम निर्देशन पत्र निरस्त किया गया है।
अजय अवसरे ने लगाई पूर्व विधायक किशोर समरीते के चुनाव लड़ने पर आपत्ति
पूर्व विधायक किशोर समरीते के चुनाव लड़ने पर आपत्ति जनपद उपाध्यक्ष अजय अवसरे के द्वारा रिटर्निंग अधिकारी लांजी को पत्र प्रेषित कर लगाई गई। जिसमें उल्लेख किया कि किशोर समरीते निवासी लांजी जिला बालाघाट द्वारा लोक प्रतिनिधित्व की धारा 8 अपराध 3 में निहित निहर्ता के प्रावधानों के तहत अपात्र होने के बावजूद मप्र विधानसभा से दाखिल नामांकन पत्र को खारिज करने एवं उनके आगामी चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाये जाये। किशोर समरीते द्वारा आगामी मप्र विधानसभा चुनाव 2023 में विधानसभा क्रमांक 109 लांजी अपनी उम्मीदवारी हेतु नामांकन पत्र दाखिल किया गया था। उस नामांकन पत्र में किशोर समरीते द्वारा खुलासा किया गया है लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम 1951 की धारा 8 उपधारा 3 में निहित निरहर्ता के प्रावधानों के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया गया हैं और दो वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दंडादित किया गया हैं, ऐसी दोषसिद्धि की तारीख से नामांकन भरने या चुनाव लडने से निरर्हित होगा और उसे छोड़े जाने से 6 वर्ष की अतिरिक्त कालावधि के लिए निरहित बना रहेगा। उक्त आवेदन के माध्यम से आवेदक यह निवेदन करता है किशोर समरीते को लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम 1951 की धारा 8 उपधारा 3 में विहित निरहर्ता के प्रावधानों के तहत आगामी मप्र विधानसभा चुनाव 2023 में विधानसभा 109 लांजी में चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाए व नाम निर्देशन/नामांकन पत्र निरस्त किया जाए। विधानसभा चुनाव हेतु नाम निर्देशन पत्रों की संविक्षा के पश्चात पूर्व विधायक किशोर समरीते सहित दो अन्य अभ्यर्थीयों के नाम निर्देशन पत्र निरस्त किये गये है।
दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत नाम निर्देशन पत्र निरस्त किया गया - प्रदीप कौरव
रिटर्निंग अधिकारी लांजी प्रदीप कुमार कौरव ने बताया कि इलेक्शन कमीशन के कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्रों के संविक्षा का कार्य रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में संपन्न हुआ, एक एक कर नामनिर्देशन पत्रों की संविक्षा की गई। एक नाम निर्देशन पत्र करण सिंह नगुपरे और राजकुमार नागेश्वर का नाम निर्देशन निरस्त किया गया। वही आपने पूर्व विधायक किशोर समरीते के नाम निर्देशन को लेकर कहा कि किशोर समरीते के नाम निर्देशन पत्र में अजय अवसरे के द्वारा आपत्ति की गई थी। इसके आधार पर कल संविक्षा स्थगित की गई, किशोर समरीते जी को नोटिस भेजा गया तथा जवाब प्राप्त किया गया। जवाब प्राप्त करने के बाद 1 नवंबर को प्रेक्षक की उपस्थिती में संविक्षा का कार्य पूर्ण किया गया और तमाम तरहो के दस्तावेजो के परिक्षण उपरांत यह पाया गया की लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8-3 के तहत वो भी दोष सिद्ध है इस कारण से उनका भी नाम निर्देशन पत्र निरस्त किया गया है। यह तीनो अभ्यर्थी विधानसभा चुनाव 2023 में हिस्सा नही ले पायेंगे।
चुनाव शून्य घोषित करने न्यायालय में अपील की जाएगी - किशोर समरिते
नाम निर्देशन पत्र खारिज होने को लेकर पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कहा कि लांजी विधानसभा चुनाव को चैलेंज किया जायेगा, चुनाव शून्य घोषित करने की अपील न्यायालय में क़ी जायेगी। श्री समरिते ने कहा जब लोकसभा चुनाव 2019 में नामांकन दाखिल किया था उसमे प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा और 8-4 में आपत्ति किया था 3 और 8-4 जो विधायक या लोक 8-3 लेकिन 8- सांसद पर
लागू होती है। लोक प्रतिनिधित्व कानून में सजा के 6 साल का ही बेन है। उससे ज्यादा प्रावधान नहीं है मेरी अपील उच्च न्यायालय में लंबित है 14 वर्ष हो चूके है। इसी बात को ध्यान में रखकर लोकसभा चुनाव 2019 में मेरा नाम अपात्र व्यक्ति की सूची में नही होने से मुझे उम्मीद्वार घोषित किया और कप प्लेट चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। पून कांग्रेस पार्टी ने लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8-3 और 8- 4 के तहत आपत्ति प्रस्तुत की जिसके खिलाफ रिटर्निंग अधिकारी लांजी ने 31 अक्टूबर को फार्म की जांच कर मुझसे जवाब लिया गया है। मैने सारे दस्तावेज प्रस्तुत किये है, जिसमें मैने केरला हाईकोर्ट एआईआर 2019, केरला 2027 डबल्यू टी एन 30749/2010 दिनांक 26 जून 2015 के जजमेंट की कॉपी लगाई है। जिसमे इस बात का उल्लेख है किसी व्यक्ति पर आप आजीवन प्रतिबंध नही कर सकते। लोक प्रतिनिधित्व कानून में 6 साल का बैन है, इसके अलावा अब तक कोई नया कानून नही बना है यही करवाने व्यवस्था लागू रहेगी। साथ ही रिटर्निंग अधिकारी को यह भी बताया मेरा नाम निर्हता में अपात्र लोक प्रतिनिधित्व कानून 8-3, 8- 4 में जो प्रावधान है जो निर्वाचित प्रतिनिधियों पर लागू होता है। 2008 से मै सदस्य हॅू इस आधार पर जो अपील लगाई गई वह निरस्त होना चाहिये ।