बालाघाट। देश के पूर्व राष्ट्रपति डाँ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो पेशे से शिक्षक रहे और देश को नई दिशा दी उनके जन्मदिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है। देश के गुरूजन भारत का भविष्य गढ़ने का काम करते है। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने जब इसे जिलास्तर पर भी यादगार बनाने के लिये कहा तो बालाघाट में भी 2009 से वृहद रूप से शिक्षक दिवस सम्मान समारोह मनाया जा रहा है। प्रदेश के सभी नगरों का गौरव दिवस-जन्मदिवस मनाने की शुरुआत प्रदेश में की। जिस पर बालाघाट गौरव दिवस मनाने के लिये सभी से विचार विमर्श किया गया और सभी ने मिलकर निर्णय लिया की शिक्षक दिवस से अच्छा कोई दिन गौरव दिवस के लिये नहीं हो सकता है। आज हम जहां शिक्षकों का सम्मान कर कृतज्ञता जता रहे है वहीं बालाघाट गौरव दिवस के रूप में भी उन विभूतियों का स्मरण कर रहे है जिन्होंने बालाघाट को उन्नत बनाने के लिये अपना सर्वस्व दिया है। जिसमें दीवान बहादुर मुलना साहब हैं, जटाशंकर त्रिवेदी है जिनका बालाघाट के लिये अनुकरणीय योगदान रहा है। उक्ताशय के विचार पूर्व केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने 5 सितम्बर को स्थानीय सभागार में शिक्षक दिवस एवं बालाघाट गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वृहद समारोह में व्यक्त किये। नगर पालिका परिषद बालाघाट के तत्वावधान में हुये इस कार्यक्रम में गुरूजनों का शाँल श्रीफल देकर सम्मान किया गया। 
तिलकवंदन, शाल-श्रीफल से किया गुरूजनों का सम्मान
शिक्षक सम्मान तथा बालाघाट गौरव दिवस समारोह का प्रारंभ भारत माता, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, दानवीर दीवान बहादुर मुलना के छायाचित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन करके किया गया। इसके पश्चात सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत गायन किया। जिसके उपरांत कलापथक दल के द्वारा मध्यप्रदेश गान हुआ एवं शिक्षकों के सम्मान में गीत गाये गये। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन समस्त अतिथिगण तथा नगरपालिका अध्यक्ष, सभापति एवं पार्षदों ने सभी गुरूजनों का तिलकवंदन के साथ ही शाल-श्रीफल देकर सम्मान किया तथा उन्हें स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये गये। शिक्षकों के प्रति आदरभाव जताते हुए मंचासीन अतिथियों ने प्रत्येक गुरूजनों को सम्मानित किया और उनके प्रति कृतज्ञता जताई। 
शिक्षकों की बदौलत नाम रोशन कर रहे बच्चे - सांसद पारधी
बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती भारती पारधी ने इस अवसर पर कहा कि हमारे जिले के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अनगिनत प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं में उन्नत अंक अर्जित किये है जिससे कि जिले के छात्र मध्यप्रदेश में अव्वल आते है। यह सब कुछ शिक्षकों की मेहनत और लगन से होता है कि जिले का छात्र अपने परिवार, समाज और शहर का नाम रोशन कर पाता है। पार्षद से पार्लियामेंट तक का मैने सफर तय किया है इसमें भी शिक्षकों की भूमिका है में तो अपने आप को विद्यार्थी समझती हूं कुछ ना कुछ सीखने का काम निरंतर करती हूं। शिक्षकों के पास बेहतर सुझाव हो सकते है जिले को बेहतर बनाने के लिये जिससे कि उनका मार्गदर्शन मिले तो और अच्छा काम किया जा सकता है। 
हर क्षेत्र में बालाघाट को बनाना है नंबर वन - नपाध्यक्ष भारती
समारोह के अंत में सभापति सरिता सोनेकर ने आभार प्रकट किया वहीं बालाघाट नपाध्यक्ष भारती सुरजीतसिंह ठाकुर ने भी उपस्थित गुरूजनों तथा गणमान्य अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि शिक्षक वटवृक्ष है जिनकी छाया में ज्ञान अर्जित कर हम अच्छे नागरिक बन सकते है, बालाघाट नगर में स्वच्छता को लेकर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है हमारा लक्ष्य है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में हमें बालाघाट को नंबर वन बनाना है साथ ही विकास कार्यो को और गति देनी है। इस मौके पर समाजसेवी मीना चावड़ा को बालाघाट नपा का स्वच्छता सर्वेक्षण ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाकर उनका सम्मान किया गया। साथ ही समारोह में उपस्थित शिक्षकों एवं नागरिकों को एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधे भेंट किये और अपेक्षा जताई गई कि इन पौधों को संरक्षित करते हुए हरियाली युक्त बालाघाट बनाने की दिशा में आप भी अपना योगदान दें।
व्यक्तित्व का निर्माण करते है शिक्षक- रंगलानी
समारोह में पूर्व नपाध्यक्ष रमेश रंगलानी ने कहा कि गुरू हमें सतमार्ग सिखाते है, शिष्य गुरू के बिना पारंगत नहीं होता है जीवन में गुरू की महत्ता और आवश्यकता है। उन्होंने सिकदंर की सेना का विस्तृत वृतांत बताते हुए समझाया कि जब सिकंदर राह में गहरा पानी देखकर ठहर गया था तो उनके गुरू ने इस मार्ग को पार करने की ईच्छा जताई थी किंतु सिकंदर ने कहा था कि आप पानी में ना उतरें मुझे जाने दें मुझे कुछ हो भी गया तो आपमें सामथ्र्य है कि आप मुझ जैसे और शिष्य गढ़ सकते है उन्होंने कहा कि शिक्षक व्यक्तित्व का निर्माण करता है यही जीवन का सत्य है।
शिक्षकों की भूमिका राष्ट्रनिर्माता-एलकर
शिक्षविद एवं भाजपा नेत्री लता एलकर ने इस मौके पर कहा कि जन्म के उपरांत मां पहली गुरू होती है ओर उसके बाद पिता जो उंगली पकड़कर शिक्षा के द्वार तक ले जाता है, शाला में शिक्षक से परिचय होता है तो ज्ञान अर्जित कर पाते है जिससे हमें हमारी संस्कृति का आभास होता है। शिक्षक अपने शिष्य की क्षमता में विकास करते है जिससे वे क्षमतावान बनकर समाज का निर्माण करें जिससे राष्ट्र का निर्माण हो यही शिक्षक का सार है कि राष्ट्र निर्माण करके राष्ट्रनिर्माता बन जाता है। 
एकता और सद्भाव बालाघाट की पहचान- मौसम
जनभागिदारी समिति अध्यक्ष मौसम बिसेन ने कहा कि शिक्षकों ने जीना सिखाया है जिसमें हर किसी के जीवन में आदर्श गुरू होते है जो ज्ञान प्रशस्त करने का काम करते है। हम जो पद एवं प्रतिष्ठा का निर्वहन करते है उसमें शिक्षकों का प्रयास होता है। उन्होंने बताया कि तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने घोषणा की थी कि जिले का गोरव मनाया जाये तो शिक्षक दिवस से अच्छा दिन कोई नहीं हो सकता था। हमारा जिला शांतिप्रिय जिला है, एकता और सद्भाव के वातावरण में हम यहां जीवन जीते है। हमारे जिले की पहचान हरा सोना जंगल, नीला सोना जल, सफेद सोना चांवल, काला सोना मैंगनीज और लाल सोना कॉपर के रूप में होती है। उन्होंने कहा कि 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बनें और स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर बने यह प्रयास किया जा रहा है।
समर्पण से उत्तरदायित्व पूर्ण करें शिक्षक-एलसी जैन
सेवानिवृत्त शिक्षक एलसी जैन ने कहा कि शिक्षकों को आपने जो सम्मान दिया है उसकी सराहना करता हूं। शिक्षक ही छात्रों के व्यक्ति विकास को बढ़ाते है जिससे कि उच्चपदों पर अनगिनत विद्याथी आज योगदान दे रहे है। शिक्षकों से भी कहता हूं कि अपने उत्तरदायित्व को समर्पण से पूरा करें जिससे कि हमारा देश, समाज और शहर उन्नति करेगा। 
शिक्षा और विकास से भारत बनेगा विकसित राष्ट्र-गौरीशंकर बिसेन
समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि शिक्षकों के बारे में जितना कहा जाये उतना कम है। वर्ष 2008 में मंत्री था तब शिक्षक दिवस को वृहद रूप में मनाने की सोची थी और उसी समय संकल्प पारित किया था कि उत्कृष्ट विद्यालय का नाम पूर्व प्राचार्य श्यामबिहारी वर्मा के नाम पर हो, दिक्कते आई किंतु हमने यह करके दिखाया है जिसका उद्देश्य यही था कि उनके व्यक्तित्व के बारे में लोग जाने शिक्षा जगत में उनके योगदान से प्रेरणा ले सके इसमें हम सफल भी हुये है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अंकुर को गढ़ने का काम करता है संस्कारों का रोपण करता है जो भुलाया नहीं जा सकता है। एक शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब राष्ट्रपति बनकर देश की सेवा करता है तो शिक्षकों में कुछ करने का भाव उनके आदर्शो से जागृत होता है। दानवीर मुलना जी के प्रति हम गौरवान्वित होते है इसलिए बालाघाट के गौरव के रूप में उनको याद करते है। 2047 में जब हम भारत की आजादी का 100 वर्ष मनाएंगे तो विकसित राष्ट्र की कल्पना पूर्ण होगी, जिसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिंतनशील व्यक्ति है दुनिया में मोदी जी भारत का नाम रोशन कर रहे है। शिक्षकों के योगदान की भी इसमें अपेक्षाएं है। उन्होंने बताया कि सीएम राईज बालाघाट स्कूल प्राचार्य युवराज राहंगडाले के प्रयासों से बेहतर कार्य कर रहा है और वर्तमान में नंबर वन है, पीजी कालेज भी अपग्रेड हुआ है जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है। 
इनकी रही उपस्थिति
आयोजित समारोह में प्रमुख रूप से सांसद श्रीमती भारती पारधी सेवानिवृत्त प्राचार्य एलसी जैन, रामकुमार जोशी, आरके सोनवाने, सांसद भारती पारधी, पूर्व नपाध्यक्ष रमेश रंगलानी, श्रीमती लता एलकर, राजकुमार रायजादा, सत्यनारायण अग्रवाल, संजय मिश्रा, सत्यनारायण अग्रवाल, संजय अग्निहोत्री, महेन्द्र सुराना, जनभागिदारी समिति अध्यक्ष मौसम बिसेन, नपाध्यक्ष भारती सुरजीतसिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष योगेश बिसेन, सभापति वकील वाधवा, कमलेश पांचे, सरिता सोनेकर, संगीता खगेश कावरे पार्षदगणों में समीर जायसवाल, संगीता विनय बोपचे, योगिता बोपचे, श्वेता सौरभ जैन, नरगिस खान, श्वेता सौरभ जैन, संगीता थापा, सीएमओ निशांत श्रीवास्तव के साथ ही समस्त नगरपालिका अधिकारी-कर्मचारीगण एवं जिला शिक्षाधिकारी एके उपाध्याय, सीएम राईज बालाघाट प्राचार्य युवराज राहंगडाले, शिवकुमार त्रिपाठी तथा नगर पालिका म्युनिसपल स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं बड़ी संख्या में सम्मानित गुरूजनों की उपस्थिति रही।