बालाघाट। जब भी कोई चुनाव होते हैं तो टिकट वितरण को लेकर खींचतान देखी ही जाती है सभी दावेदार यही चाहते हैं कि उन्हें पार्टी से टिकट मिले, लगभग सभी पार्टियों में यह स्थिति देखी जाती है खासकर बड़े राजनीतिक दलों में। हम बात कर रहे हैं लांजी विधानसभा क्षेत्र की यहां भाजपा की टिकट फाइनल हो चुकी है, इस बार लांजी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए राजकुमार कर्राहे को मौका दिया गया है। इससे लांजी क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह इस बात को लेकर है की पार्टी द्वारा टिकट वितरण में परिवर्तन किया गया है, वही जो लोग चाहते थे कि भटेरे परिवार को ही भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दी जाए वे लोग उम्मीदवार के विरोध में खड़े हो गए हैं और प्रत्याशी बदलने के लिए लगातार विरोध प्रदर्शन करते हुए दबाव बना रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन किस हद तक सही है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल लांजी भाजपा में विरोध का ड्रामा जमकर चल रहा है और जनता इसका लुत्फ उठा रही है।
टिकट के प्रबल दावेदार कई वर्षों से रहे हैं राजकुमार कर्राहे
अगर बात करें राजकुमार कर्राहे की तो यह कोई नया चेहरा नहीं है वे भारतीय जनता पार्टी के बीते कई वर्षों से सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं, इनका परिवार भी भाजपा से जुड़ा रहा। लांजी में रमेश भटेरे जब विधायक नहीं थे उसके पहले से राजकुमार कर्राहे को विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी जा रही थी। यही कारण है कि भाजपा में जो परिवारवाद लंबे समय से चल रहा था और राजकुमार कर्राहे को टिकट नहीं दी जा रही थी। इससे परेशान होकर उन्हें आम आदमी पार्टी ज्वाइन करना पड़ा था लेकिन उनका मन कहीं ना कहीं भाजपा में ही था क्योंकि वह लंबे समय से भाजपा से जुड़े थे। इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता कि यदि वे भाजपा में नहीं होते तो इसका प्रभाव विधानसभा चुनाव में जरूर पड़ता, इसको देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व में गहन विचार मंथन के बाद और लांजी क्षेत्र में जो गतिविधियां देखी जा रही थी। यही नहीं लोगों में जो चर्चा चल रही थी लांजी क्षेत्र से एक ही परिवार को टिकट दी जा रही है इसका विपरीत असर भी चुनाव में पड़ सकता है उसको देखते हुए इस बार विधानसभा चुनाव में रमेश भटेरे को टिकट न देते हुए राजकुमार कर्राहे को टिकट दी गई।
जनता कह रही इसे प्रायोजित विरोध
भारतीय जनता पार्टी का संगठन बहुत मजबूत है जब भी पार्टी का कोई कार्यक्रम होता है तो निचले स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता अवश्य कार्यक्रम में पहुंचते हैं। भीड़ को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि सभी लोग विरोध कर रहे हैं, कई लोग ऐसे होते हैं जो न चाहते हुए भी भीड़ का हिस्सा होते हैं। वैसे भी रमेश भटेरे विधायक भी रह चुके हैं और पिछले चुनाव में लांजी विधानसभा से चुनाव लड़े हैं जिसके चलते उनकी क्षेत्र में सक्रियता लगातार बनी रही। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हें पार्टी लांजी विधानसभा क्षेत्र के लिए अवसर देगी, यही कारण है कि पिछले दिनों चले विकास पर्व में उनकी बढ़-चढ़ कर भागीदारी रही। ऐसे में क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं का उन्हें सपोर्ट तो रहेगा ही, रही बात राजकुमार कर्राहे की तो उनका भी क्षेत्र में अच्छा जनाधार है लेकिन पार्टी द्वारा पिछले चुनावो से उन्हें नजरअंदाज किए जाने के कारण कार्यकर्ताओं से वे कुछ दूर हो गए थे। इसको क्षेत्र की जनता भलीभांति समझती है इसको देखते हुए ही जनता द्वारा यह कहा जा रहा है कि जो विरोध दिख रहा या दिखाया जा रहा वह प्रायोजित कार्यक्रम भी हो सकता है।
लांजी में दिखा डबल मनी का साइड इफेक्ट
लांजी क्षेत्र में डबल मनी मामला लंबे समय से सुर्खियों में रहा और यह मामला अब भी जारी है। चाहे लांजी क्षेत्र की जनता हो या राजनीतिक जानकार सभी लोगों का यही कहना था कि विधानसभा चुनाव में डबल मनी मामले का इफेक्ट जरूर पड़ेगा और यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारियो तक पहुंच गई। इस चुनाव में पार्टी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है इसलिए लांजी में उन्हें प्रबल दावेदार के रूप में राजकुमार कर्राहे दिखे जिनका कई वर्षों से पार्टी में समर्पण रहा। और उसको देखते हुए उम्मीदवार के रूप में पार्टी नेतृत्व द्वारा राजकुमार कर्राहे पर विश्वास जताया गया है।
वरिष्ठ नेताओ की ओर से नहीं आया कोई बयान
लांजी में टिकट वितरण के बाद से पूर्व विधायक रमेश भटेरे एवं कुछ भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं द्वारा राजकुमार कर्राहे का विरोध किया जा रहा है। लांजी क्षेत्र का यह पूरा राजनीतिक घटनाक्रम पार्टी के नेताओं के संज्ञान में है। उसके बावजूद भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। शायद वरिष्ठ नेताओं को भी यह आभास हो गया हो कि लांजी सीट पर जिताऊ उम्मीदवार राजकुमार कर्राहे हो सकते हैं, लांजी में चाहे जो भी राजनीतिक माहौल चल रहा हो राजकुमार कर्राहे इस पर फिट बैठते हैं या नहीं यह सबके सामने आ जाएगा।