बालाघाट। कांग्रेस प्रवक्ता रिकाब मिश्रा ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। अमेरिका के वाशिंगटन सेब पर 70 प्रतिशत से इंपोर्ट ड्यूटी कम कर 15 प्रतिशत किये जाने पर प्रवक्ता रिकाब मिश्रा ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों पर चाबुक चला रही है और अमेरिका के कथित कार्पोरेट किसानों को तोहफा दे रही है। जो समझ से परे है।
    उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के किसान विरोधी होने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी उन्होंने तीन काले कृषि कानून लाकर, देश के किसानों पर चाबुक चलाने का काम किया था, लेकिन देश के जागरूक किसानों ने इसका विरोध कर तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा। एक बार फिर उन्हें वाशिंगटन सेब पर कम किये गये आयात शुल्क का निर्णय, किसानों के विरोध में वापस लेना पड़ेगा।
    कांग्रेस प्रवक्ता रिकाब मिश्रा ने कहा कि वाशिंगटन सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी घटनाकर मोदी सरकार ने देश के सेब किसानों के पेट पर लात मारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में तीन राज्यो में सेब की पैदावार होती है। जिसमें जम्मु कश्मीर,  हिमाचल और उत्तराखंड शामिल है। जहां सबसे ज्यादा जम्मुकश्मीर, फिर हिमाचल प्रदेश और लगभग 10 प्रतिशत सेब उत्तराखंड में होता है। वर्तमान में हिमाचल प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। जहां के लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है। प्राकृतिक आपदा से यहां सेब को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां के सेब उत्पादकों में प्रदेश की जीडीपी में 14 प्रतिशत हिस्सा होता है। सेब के सबसे बड़े उत्पादक जम्मु कश्मीर में भी अभी हालत सामान्य होने से यहां सेब का कारोबार थोड़ा बड़ा ही था कि सरकार ने वाशिंगटन के सेब के आयात शुल्क में कमी कर सेब उत्पादक किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसा सरकार ने बादाम और अखरोट में भी किया। आखिर मोदी सरकार ऐसा क्यों कर रही है? जबकि जब पीएम मोदी, गुजरात के प्रधानमंत्री थे, तब वह आयात शुल्क 100 प्रतिशत करने की बात करते थे और पीएम बनने के वह शुल्क कम कर रहे है, दोनो ही स्थिति में उनका रवैया, विरोधाभाष प्रदर्शित करता है। वाशिंगटन सेब में मोदी सरकार के आयात शुल्क में कमी किये जाने का कांग्रेस विरोध करती है और मांग करती है कि मोदी सरकार अपने इस फैसले पर पुर्नविचार करें। आयात शुल्क में परिवर्तन कर कुछ ऐसा करें कि देश के सेब उत्पादक किसानों को इसका नुकसान ना उठना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार लोकल फॉर वोकल की बात करती है, तो वही दूसरी ओर सेब उत्पादक किसान और इसके व्यापार से जुड़े लाखों लोगों का गला घांेटने का काम कर रही है, यह सरकार के किसानों को लेकर दोहरे रवैया को प्रदर्शित करता है। जिसका कांग्रेस विरोध करती है।