बालाघाट। यह जिला कृषि प्रधान जिला है यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है, अधिकांश जनता कृषि कार्य पर ही निर्भर है। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि बालाघाट जिले में नहर नहीं है लेकिन सिंचाई परियोजना सभी जगहों में नहीं है। अभी भी जिले में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां सिंचाई परियोजना नहीं है और वहां के किसान बरसात के पानी पर ही निर्भर है, कई मर्तबा समय पर बारिश नहीं होने की स्थिति में किसानों की फसलें खराब हो जाती है। यह कहे कि किसान सूखे का दंश झेल रहे थे उन किसानों की परेशानी को सरकार ने समझा और जिले की चार सिंचाई परियोजना को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। परसवाड़ा क्षेत्र की चार सिंचाई परियोजनाओं को मध्यप्रदेश सरकार के बजट में स्थान मिला है, निश्चित ही यह सिंचाई परियोजना परसवाड़ा क्षेत्र के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी और आने वाले समय में किसानों का सभी प्रकार से विकास दिखने लगेगा।
252 करोड़ की सिंचाई परियोजना मिली जिले को
आपको बताये की प्रदेश सरकार का जो बजट आया है उसमें बालाघाट जिले की चार महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। यह कहे कि 252 करोड़ की सिंचाई परियोजना परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आई है। इन सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री रामकिशोर कावरे के प्रयास से मिली है, इन परियोजनाओं को जिले में लाने चाहे जिस का भी प्रयास हो लेकिन बालाघाट जिले में यह सिंचाई परियोजना आई है यह बड़ी बात है। जिन सिंचाई परियोजनाओं को प्रदेश सरकार के बजट में स्थान मिला है उनमें परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आने वाले बगलीपाठ माइक्रो प्रेशराइज्ड पाइप इरिगेशन परियोजना जो कि 170 करोड़ लागत की है। इसके अलावा चनई जलाशय के लिए 10 करोड़ 50 लाख, बैगानगरी जलाशय के लिए 56 करोड़ 18 लाख तथा पैताड़नाला जलाशय के लिए 15 करोड़ 38 लाख की स्वीकृति मिली है।
खबर के माध्यम से लाया था संज्ञान में
हमारे अखबार द्वारा जिले की समस्याओं को समय-समय पर सामने लाया जाता है ताकि समस्याओं का समाधान हो और जिले की जनता को लाभ मिले। सिंचाई योजनाओं को ध्यानाकर्षण का इंतजार शीर्षक नाम से खबर 13 फरवरी को प्रकाशित हुई थी जिसमें हमारे द्वारा बताया गया था कि जिले की करीब दो दर्जन सिंचाई परियोजना ऐसी है जिनके प्रस्ताव शासन स्तर पर वर्षों पूर्व भेजे गए हैं। स्वीकृति भी मिली लेकिन बजट में स्थान नहीं मिल पाने के कारण वह सिंचाई परियोजना वर्षों से लंबित रही। उस खबर को सरकार के जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से लिया और उनके प्रयास से प्रदेश सरकार ने शुरुआत में चार सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराने मंजूरी दे दी है।
किसानों का आर्थिक स्तर उठेगा
सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने से इस बात में दो मत नहीं की यह सिंचाई परियोजनाएं जिले के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। सूखे का दंश झेल रहे किसानों के लिए यह सिंचाई परियोजना उनके चेहरे पर मुस्कान लाएगी। किसानों का आर्थिक स्तर मजबूत होगा और इससे परसवाड़ा क्षेत्र के किसानों की ही नहीं बल्कि जिले की भी विभिन्न प्रकार से प्रगति होगी, विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।