लांजी। डबल मनी मामले में इतने डूबे की अब तक नहीं उबर पाये लोग
लांजी। डबल मनी के चक्कर में क्षेत्र के लोग पलायन हेतु मजबूर हो गए। जानकारी प्राप्त हुई है कि अधिकांश लोग पलायन वादी हो चुके हैं तथा संपूर्ण लांजी क्षेत्र का व्यापार व्यवसाय चौपट हो चुका है लोगों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो चुकी है डबल मनी की मार से क्षेत्रवासी उभर नहीं पा रहे हैं। तारीख पर तारीख दी जा रही है लोग बोलेगांव के चक्कर काटते काटते थक गए हैं परिणाम कुछ भी नही मिल रहा है। क्षेत्र का आर्थिक विकास थम सा गया है लोगों ने अपनी जमा पूंजी पूरी डबल मनी में झोंक दी है वर्तमान स्थिति यह है कि लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने मे असक्षम महसूस कर रहे हैं। इसकी आवाज उठाने वाला कोई मसीहा नजर नहीं आ रहा है लोग आस लगा कर बैठे हैं आज नहीं कल पैसा मिलेगा लेकिन आज तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। लोगों में अब हताशा की स्थिति निर्मित हो गई है अपना किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं इनके आंसू पोंछने वाला अभी कोई सामने नहीं आया है। इस कृत्य में मध्यमवर्गीय परिवार पूरी तरह फस चुका है जो अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई स्वाहा कर चुका है जिसके पास पुन: स्थापित होने के लिए कोई अवसर नजर नहीं जा रहा है। मजदूर वर्ग की बिल्कुल दयनीय स्थिति हो गई है कुछ लोग ब्याज में पैसा उठाकर अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं, लोगों का मानना है कि समय पर पैसा नहीं मिला तो हमारे पास जो थोड़ा बहुत बचा है उसे भी बेचना पड़ेगा। डबल मनी के इस मामले में लोगों के धैर्य का बांध टूट चुका है लोग भगवान भरोसे बैठे हैं तथा लोग प्रार्थना एवं दुआएं करने लगे हैं ताकि क्षेत्र पुन: पूर्व के स्वरूप में आ जाए। आर्थिक रूप से मजबूत एवं सुदृढ़ हो सके नगर के प्रत्येक गली मोहल्ले चौराहे में डबल मनी की ही चर्चा सुनी जा सकती है तथा लोग एक दूसरे को साहस दिलाने का ही काम कर रहे है।