बालाघाट। कुछ वर्ष पूर्व शान द्वारा लांजी नगर एवं रोड से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतीक्षालय बनाए गए हैं लेकिन उनका उचित उपयोग न होकर मवालियों के लिए तथा आसामाजिक तत्वों के लिए डेरा बन चुका है जहां रात्रि के समय शराब पीने वालों को भी देखा जा सकता है जहां पर शराब की बोतलें फेंकी हुई दिखाई देती है कुछ प्रतीक्षालय ऐसे बनाए गए हैं जिसका प्रतीक्षालय होने का मतलब ही नहीं उठाता है उदाहरण के लिए सालेटेकरी मार्ग में बने प्रतीक्षालय का क्या औचित्य है वहां किसी प्रकार के यात्रीगण दिखाई नहीं देते देखने में यह भी आया है कि उक्त प्रतीक्षालय में कुछ लोग लूडो खेलते नजर आते हैं तथा समय पास करने हेतु कुछ लोग बैठे दिखाई देते हैं ऐसा ही कुछ हाल ग्रामीण क्षेत्रों का भी है जहां प्रतीक्षालय का उपयोग नहीं हो रहा है गांव के लोग ही प्रतीक्षालय में बैठकर प्रतीक्षालय की शोभा बढ़ा रहे हैं जन चर्चा यह है कि उक्त प्रतीक्षालय के निर्माण में शासन का लाखों रुपया व्यय हुआ है जिसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है ऐसी स्थिति में शासन के पैसों को बंदर बांट करने का प्रयास किया गया है। आए दिन प्रतीक्षालय में गंदगी का माहौल भी देखा जाता है इसी तरह का उदाहरण बालाघाट मार्ग मैं इटोरा खजरी के पास गणेश प्रतीक्षालय में भारी गंदगी देखी जा सकती है जहां अच्छे लोग बैठना भी पसंद नहीं करते वहीं दूसरी ओर इस अवस्था का फायदा उठाकर और सामाजिक तत्व अपना आसरा बनाकर उसका उपयोग कर रहे हैं। जबकि इटोरा खजरी का यह प्रतीक्षालय यात्रियों के लिए हितकर है लेकिन गंदगी के चलते हैं यात्री लोग उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं मांग की जा रही है की प्रतीक्षालयों  की रखरखाव में ध्यान दिया जाए ताकि यात्रीगण शासन की इस योजना का लाभ ले सके।