बालाघाट। यदि कोई कहे कि दो वर्ष पूर्व मृत हो चुके शिक्षक रोजाना बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल आते हैं और मृत शिक्षकों की रोजाना ऑनलाइन हाजिरी लगती है तो डर का माहौल निर्मित हो जाएगा और उस स्कूल में बच्चों का आना बंद हो जाएगा, लेकिन यह कोई कहानी नहीं बल्कि बालाघाट जिले के एक स्कूल की हकीकत है। नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक एक सागौन वन बूढ़ी स्कूल में कुछ ऐसी ही समस्या इन दिनों देखी जा रही है। जहां दो वर्ष पूर्व मृत हो चुके शिक्षकों की आनलाइन हाजिरी एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से शासन तक रोजाना पहुंच रही है। इसमें चौकने या डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि एम शिक्षा मित्र एप की तकनीकी समस्या के चलते ऐसा हो रहा है दरअसल शिक्षकों के भारी विरोध के बावजूद शिक्षा विभाग ने एक बार फिर ई-अटेंडेंस अनिवार्य का नियम लागू कर दिया है।जिसमे सभी सरकारी स्कूलों में भले ही बच्चे नहीं आएंगे, लेकिन शिक्षकों को स्कूल पहुंचकर एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से ई-अटेंडेंस लगाने के आदेश जारी किए हैं। जिसमे अब शिक्षको के साथ साथ बच्चो की भी ऑनलाइन हाजरी लगाने के को कहा गया है, लेकिन एम शिक्षा मित्र के नए वर्जन में तकनीकी खामियों को अब तक दूर नही है किया गया है। जिसको लेकर शिक्षको को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वर प्रबलम के अलावा अन्य तकनीकी समस्या दुरस्त ना होने के लिए कारण अब मृत शिक्षकों की भी हाजरी लगानी पड़ रही है। जहां मृत शिक्षको की हाजरी ना लगाने पर अपने आप एप में उनकी हाजरी लग रही है। बताया जा रहा है कि एम शिक्षा मित्र एप में शिक्षकों के नाम हटाने या जोडऩे का कोई ऑप्शन ही नहीं है जिसके चलते एप मृत हो चुके शिक्षको की रोजाना हाजिरी अपने आप लगा देता है।
सहायक शिक्षक 2019 में, तो प्रधान पाठक की 2021 में हो चुकी है मौत, फिर भी लग रही हाजरी
मिली जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड क्रमांक एक सागौन वन स्थित शासकीय माध्यमिक शाला बूढ़ी बालाघाट में भी 11 शिक्षक शिक्षिकाओ के पदस्थ स्वीकृत हैं। जिसमें से दस शिक्षक शिक्षिकाएं वर्तमान समय में कार्यरत हैं, जबकि प्रतिवर्ष एक शिक्षक की प्रतिपूर्ति अतिथि शिक्षक के तौर पर शाशन द्वारा की जाती है। जानकारी के अनुसार इस स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक रनमत सिंह धुर्वे की वर्ष 2021 में मौत हो चुकी है, तो वहीं स्कूल के सहायक शिक्षक ज्वाय पटोले कि वर्ष 2019 में मृत्यु हो गई थी। जहां प्रधान पाठक और सहायक शिक्षक की मृत्यु के बाद भी अब तक सरकारी रिकॉर्ड से मृतक शिक्षकों की जानकारी नहीं हटाई गई है। जिसके चलते इन मृतक शिक्षकों की जानकारी अभी एम शिक्षा मित्र एप में दर्ज है। ऐसे में शासन द्वारा एम शिक्षा मित्र एप में सभी शिक्षकों और स्कूल में पहुंचने वाले सभी बच्चों की हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन इस ऐप में किसी के नाम को विलोपित करने या उसके नाम को समाहित करने का ऑप्शन ही नहीं है। जिसके चलते इस ऐप से मृतक शिक्षकों नाम नहीं हट पाया है। जहां आज भी मृतक शिक्षकों के नाम से हाजिरी लग रही है। बताया यह भी जा रहा है कि यदि उस ऐप में मृतक शिक्षकों की हाजिरी दर्ज ना भी की तो भी शिक्षा मित्र एप अपने आप उन मृतक शिक्षकों की हाजिरी दर्ज कर देता है। जिसके चलते यह समस्या इस स्कूल में आ रही है।
नहीं लगाए हाजिरी, तो वेतन नहीं होगा जनरेट
एप के नए वर्जन के जरिए शिक्षकों की अटेंडेंस को वेतन से भी जोड़ दिया गया है। जानकारी के अनुसार अगर एप से अटेंडेंस नहीं लगाई तो वेतन भी जनरेट नहीं होगा, इसलिए शिक्षकों को हर हाल में ई-अटेंडेंस लगानी ही है । वही जब तक ई अटेंडेंस लगाने का कार्य पूरा नहीं होता तब तक ऐप क्लोज नहीं होता। ऐसे में या तो शिक्षकों को मृतक शिक्षकों की अटेंडेंस लगानी पड़ती है या फिर एप अपने आप उनकी अटेंडेंस लगा देता है। हालांकि इस ऐप में मृतक शिक्षको की सिर्फ हाजिरी लग रही है लेकिन उनका वेतन जनरेट नहीं हो रहा है।
मृत शिक्षकों की अपने आप लग जाती है हाजिरी
इस मामले में चर्चा के दौरान वार्ड क्रमांक एक सागौन वन बूढ़ी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला बूड़ी की प्रभारी प्रधान पाठक विजयलक्ष्मी श्रीवास ने बताया कि एम शिक्षा मित्र एप में हाजिरी लगाने का नियम पुराना है लेकिन इसमें कई तरह की समस्या आ रही है। यदि सरवर ठीक रहा तो शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी लग जाती है। यदि सरवर नहीं रहा तो किसी की हाजिरी नहीं लगती । शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक यही समस्या है लेकिन शासन ने इसे समस्त विभागों में अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए इसका पालन हम लोग कर रहे हैं। यहां जिन शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है उनके नाम भी एम शिक्षा मत्र एप में आता है प्रधान पाठक धुर्वे की 2021 तो सहायक शिक्षक पटोले की 2019 में मृत्यु हो गई है। हम उनकी हाजिरी नहीं लगाते तो भी एम शिक्षा मित्र ऐप में अपने आप उनकी हाजिरी लग जाती है। मृतक शिक्षकों के नाम हटाने का कोई ऑप्शन नहीं है।