वारासिवनी। कंपनी ने बरती धान के संरक्षण में लापरवाही
पुलिस ने किया कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज
वारासिवनी। मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन शाखा बालाघाट के प्रबंध संचालक द्वारा वारासिवनी पुलिस थाने में 27 अक्टूबर 23 को एक लिखित शिकायत कर गोग्रीन कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ शासकीय धान को जानबूझकर क्षतिग्रस्त एवं खुर्द बुर्द कर शासन को लगभग 13 करोड़ रुपये का नुकसान पहुॅचाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मॉग की थी। जिस पर वारासिवनी पुलिस द्वारा जॉच के बाद गो ग्रीन कंपनी के डायरेक्टर संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय, अखिलेश बिसेन सहित अन्य लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 406, 409, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया हैं।
पुलिस थाने से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन शाखा बालाघाट में हुए गोग्रीन कंपनी के द्वारा पीएमएस योजना के तहत शासकीय उपार्जित स्कंध के भंडारण के लिए कव्हर्ड गोदाम एवं ओपन केप्स में भंडारण के लिए खुली निविदा के आधार पर गोग्रीन वेयर हाऊस प्राइवेट लिमिटेड नवरंग नगर अहमदाबाद को कार्य सौपा गया था। जिसके कंपनी के मुख्यालय और भोपाल स्तर पर अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में उपार्जित धान स्कंध के सुरक्षित भंडारण का उत्तरदायित्व कंपनी को सौंपा गया था। जिस पर कंपनी ने डोंगरिया, भेंडारा, खापा, नंदलेसरा, चिकमारा, पालडोंगरी, डोंगरिया परसवाड़ा, मोहाड़ी, वारा आदि में पीएमएस कार्य के अंतर्गत ओपन केप्स पर भंडारित स्कंध की संपूर्ण सुरक्षा, रखरखाव एवं गुणवत्ता बनाए रखने का और आवश्यकतानुसार स्कंध का भुगतान करने का संपूर्ण दायिव कंपनी का था। लेकिन कंपनी द्वारा कार्य संचालन के दौरान स्कंध रखरखाव में निष्पादित अनुबंध सहनिविदा प्रपत्र में वर्णित स्कोप ऑफ वक्र्स की अनदेखी की गई। कंपनी द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में जानबूझकर अनुचित लाभ कमाने के प्रयोजन से गंभीर लापरवाही की गई। जिससे ओपन केंप में भंडारित शासकीय धान की अफरातफरी और क्षतिग्रस्तता हुई। कंपनी द्वारा संचालित ओपन कैप्स में जमा धान स्कंध का निरीक्षण क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर द्वारा करने के बाद 19 अक्टूबर 23 की स्थिति में जो नुकसान हुआ, उसका प्रतिवेदन दिया गया था। जिसके आधार पर लगभग 12.866 करोड़ रुपये की धान की अफरातफरी व क्षतिग्रस्त जानबूझकर की गई हैं। वहीं 39.898 मेट्रिक टन धान मूल्य 0.077 करोड़ रुपये खराब हो गया। जिसमें कंपनी के सभी अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया गया हैं।
फिलहाल पुलिस ने भादवि की धारा 406, 409, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया हैं और आगे जॉच की जा रही हैं।