बालाघाट। शिक्षा विभाग ऐसा विभाग होता है जहा ज्ञान की शिक्षा दी जाती है ऐसे विभागों में लाखो रूपयो का घोटाला किए जाने की जानकारी सामने आई है। हम बात कर रहे है विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के घोटाले की। इसकी भनक जैसे ही जबलपुर संभागीय कार्यालय तक पहुंची वहा से गठित जांच दल द्वारा इस मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। और अभी तक इसकी जांच पूरी नही हो पाई है, अभी भी जांच टीम के सदस्यो द्वारा बीईओ कार्यालय के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। आपको बताए की यह यह मामला तो वैसे विकासखंड अधिकारी कार्यालय बालाघाट का है लेकिन इसमें जो गड़बड़ी की गई है वह बालाघाट संकुल के एक बाबू द्वारा किया गया है जिनके द्वारा उत्कृष्ट स्कूल बालाघाट में बैठकर कार्य किया जाता है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार यह कोई छोटा मामला नहीं है बल्कि राशि का हेरफेर बड़े पैमाने पर किया गया है यही कारण है कि जांच टीम को इसके पूरे दस्तावेज खंगालने में बहुत समय लग रहा है। जैसे ही इस मामले की जानकारी बाहर पहुंची लोगो द्वारा इस मामले की वास्तविकता क्या है यह जानने का इंतजार किया जा रहा है।
एक माह से चल रही जांच
बालाघाट बीईओ कार्यालय अंतर्गत हुए गड़बड़झाले की आशंका लगने पर वित्त एवं। लेखा शाखा संभाग जबलपुर की टीम पिछले माह 17 अगस्त के आसपास श्री परस्ते के नेतृत्व में पहुंची थी। इनके द्वारा लगातार दो तीन दिनों तक जांच की गई, उसके बाद से टीम के सदस्यो द्वारा दस्तावेजों को मिलान करते हुए चेक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां गड़बड़ी काफी लंबे समय से थी यही कारण है कि पांच वर्ष का रिकार्ड देखा जा रहा है।
फर्जी बिल लगाकर निकाली गई राशि
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बालाघाट विकासखंड के शिक्षकों के चाहे वो पेंशन संबंधित प्रकरण हो अथवा ऐसे ही अन्य प्रकरण उनमें बाबू द्वारा फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई थी। अब इसमें सवाल यह खड़ा हो रहा है इसके लिए अकेले क्या सिर्फ वह बाबू ही जिम्मेदार है, सही मायने में उस बाबू के ऊपर जितने अधिकारी है और जिनके हस्ताक्षर से बिलो का भुगतान हुआ है वे सभी लोग इसके दायरे में आने की बात कही जा रही है।
कही लीपापोती तो नही की जा रही
जिस प्रकार से इस मामले की जांच पड़ताल मे लंबा समय लग रहा है, और कार्यवाही जल्द नहीं की जा रही है। उसको देखते हुए लोग यही सोचने विवश हो गए है कि कही इस प्रकरण में लीपापोती कर रफादफा तो नही किया जा रहा है। यह भी जरूर है कि जिस प्रकार से इस मामले का हल्ला हुआ है और इस मामले को दबा दिया जाता है तो विभाग सवालों के घेरे में घिर जाएगा।