बालाघाट। दिव्यांगजनों की भर्ती में दृष्टिबाधितों को नहीं दिया जाता है मौका, होते है परेशान
दो अक्टूबर तक भर्ती न होने पर तीन अक्टूबर को आंदोलन की दी चेतावनी
बालाघाट। नि:शक्तजनों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान दृष्टबाधित दिव्यांगजनों को मौका नहीं दिया जाता है। जिसके चलते उन्हें परेशान होना पड़ता है। जिसके चलते ही राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ मध्यप्रदेश शाखा के बैनर तले मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर दिव्यांगजनों ने कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 06,2002 के तहत नि:शक्तजनों के रिक्त पद बैकलाग, कैरीफारवर्ड पदों की पूर्ति विशेष अभियान चलाकर किए जाने की मांग की है।
दृष्टिबाधितों को नहीं दिया जाता है मौका
दिव्यांग संगठन के जिलाध्यक्ष अमन नामदेव ने बताया कि दिव्यांगजनों की भर्ती प्रक्रिया में अक्सर ही देखा जाता है कि दृष्टिबाधित दिव्यांगों को मौका नहीं दिया जाता है। जिसके चलते ही इस बार मौका नहीं दिए जाने पर बड़े आंदोलन की रुपरेखा बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में एक लाख से अधिक दृष्टिबाधित है और बालाघाट जिले में 45 हजार दिव्यांगों में से 3 हजार दिव्यांग दृष्टिबाधित है। जिसके चलते ही दो अक्टूबर तक भर्ती प्रक्रिया को अपनाकर दृष्टिबाधितों को मौका दिए जाने की मांग की गई है और ऐसा नहीं किए जाने पर तीन अक्टूबर को कलेक्ट्रेट का घेराव कर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।
2013-14 का आदेश छह माह पहले की किया लागू
दिव्यांगों ने बताया कि इंदौर की खंडपीठ ने मध्यप्रदेश शासन को 2013-14 में ही नि:शक्तजनों के रिक्त पदों पर बैकलाग, कैरीफारवर्ड पदों की पूर्ति करने के लिए आदेश दिए थे, लेकिन शासन ने छह माह पूर्व ही इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए आदेशित किया है। जिसके चलते ही जल्द से जल्द आचार संहिता लगने से पहले भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने व भर्ती प्रक्रिया में दृष्टिबाधितजनों को अधिक मौका दिए जाने की मांग की गई है।