बालाघाट। वन विकास निगम परियोजना परिक्षेत्र लामता के पादरीगंज सर्कल उत्तर,दक्षिण कोटा में विगत 31 अक्टूबर को करीब 1 साल का नर बाघ का शव मृत हालत में वन विभाग द्वारा देखा गया जिसकी सूचना वन विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई इसके बाद हत्या की वजह पता लगाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रेंजर, डिप्टी रेंजर एवं स्टाफ के द्वारा 1 नवंबर की रात शावक बाघ के शव को रखकर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया दूसरे दिन 2 नवंबर की सुबह वन विभाग के अधिकारी द्वारा कहे अनुसार वन विभाग ने पाया की मौके स्थल से बाघ का शव बाघिन के द्वारा लेकर जाने का फुटेज सीसीटीवी में कैद हुआ है इसके बाद परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों एवं कर्मचारियों के होश उड़ गए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जिनके निर्देश पर 2 नवंबर से सघन गस्ती कर मृत अवस्था में मिले शावक बाघ के स्थान से लगभग डेढ़ किलोमीटर का एरिया सर्च किया परंतु दो नवंबर को भी नर बाघ शावक का शव प्राप्त नहीं हुआ 3 नवंबर को शावक का शव वन विभाग को मौके स्थल से डेढ़ किलोमीटर के रेंज के अंदर छत विचात अवस्था में बरामद हुआ अधिकारियों द्वारा नर बाघ के शव को बालाघाट संभागीय प्रबंधक कार्यालय लाकर वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया अन्य और कड़ी को उजागर करने के लिए अगले अंक में संपूर्ण समाचार प्रकाशन किया जाएगा

आखिर नर बाघ शावक के शव को कैसे उठा ले गई बाघिन वन कर्मी कहा थे मौजूद 
जानकारी लेने पर वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा बताया गया की 31 अक्टूबर को ही नर बाघ शावक का शव वन विभाग को प्राप्त हो चुका था परंतु अधिकारियों के निर्देश पर अंतिम संस्कार नहीं किया गया यह कारण जानने के लिए की नर बाघ शावक की हत्या किस वजह से हुई है अधिकारियों के निर्देश पर शावक के शव को उसी स्थान पर रखा गया एवं सीसीटीवी लगा दिया गया वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमारे द्वारा सीसीटीवी लगे स्थान से लगभग कुछ दूरी पर पूरा वन अमला मौजूद था एवं हमारी निगरानी बनी हुई थी परंतु सवाल यह है कि कैसे बाघिन शावक के शव को उठा ले गई कही ऐसा तो नहीं की वन विभाग की चौकसी में लापरवाही हुई है क्योंकि शव मिल जाने के बाद पुनः उसे छोड़ना यह कही न कही वरिष्ट अधिकारियों द्वारा मनगढ़ंत कहानी को दर्शाता है हालांकि संबंधित बाघ शावक के विषय में संभागीय प्रबंधक से पत्रकारों के द्वारा वार्तालाप किए जाने को लेकर कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने पत्रकारों को एक-एक आने के लिए कहा एवं सामूहिक रूप से पत्रकारों को बयान देने से साफ इनकार कर दिया कहीं ऐसा तो नहीं की संभागीय प्रबंधक अमित कुमार राष्ट्रीय वन्य प्राणी नर बाघ शावक मामले में कुछ छुपाने में लगे हुए है तथा  अपने अधिकारियों को बचा रहे हैं ।