कटंगी।  स्थानीय बड़े राम मंदिर सत्संग भवन में भगवान भोलेनाथ एवं  समस्त शिव भक्त समिति के तत्वाधान में 11 दिवसीय  महामृत्युंजय अनुष्ठान एवं पार्थिव शिवलिंग निर्माण पुजन कार्यक्रम,  17 अगस्त गुरुवार से  शुरू होकर रविवार 27 अगस्त को शिवभक्तो की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ इस दरमियान शिवभक्तो ने हर हर महादेव के जयकारों के साथ जमकर नाचकर खुशियां मनाई । आयोजित 11 दिवसीय कार्यक्रम  प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक  आयोजित किया जाता था जिसमे सुबह 8 बजे प्रमुख यजमानों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ  पार्थिव शिवलिंग पूजन, अभिषेक, और महाआरती की जाती थी, 11 बजे से महिलाओं, पुरुषो शिवभक्तो द्वारा पार्थिव शिवलिंग निर्माण किया जाता था जो शाम तक चलता रहता था  साथ ही साथ भजन गायकों द्वारा संगीतमय भजनों का भी गायन किया जाता था साथ ही संगीतमय सुंदरकांड पाठ  के साथ व्यासपीठ पर विराजमान पंडित रविशंकर तिवारी द्वारा शिव महापुराण के प्रसंगों का  सुंदर वर्णन कर शिवभक्तो को ज्ञानवर्धक जानकारी शिव महापुराण के माध्यम से दी जाती थीं, कथा के अंतिम दिन रविवार को  उन्होंने शिव महापुराण के अंतिम 2 अध्यायों के संबंध में शिवभक्तो को बताया  वर्ष के पवित्र श्रावण माह में  कौन सा उपवास करना चाहिए, कब करना चाहिए, क्या खाना चाहिए का  विस्तार से उन्होंने जानकारी दी कथा के दौरान शिव महापुराण श्रवण करने का महत्व बताते हुए कहा कि शिव महापुराण का श्रवण कर रहे सभी भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है व्यक्ति के जीवन से समस्याओ का अंत हो जाता है जीवन खुशहाल बन जाता है । व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट व पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन के अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवपुराण कथा के 11 दिनों में  पंडित रविशंकर तिवारी ने भगवान भोले के विविध रूपों, अवतारों व ज्योतिर्लिंगो  के  महत्व को  बताया । शिव को पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर माना गया है। कथा के अंतिम दिन उन्होंने बारह ज्योतिर्लिंगो का महत्व बताते हुए कहा कि भगवान शिवजी जहां-जहां स्वयं प्रगट हुए उन्हीं 12 स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को पवित्र ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। इन ज्योतिर्लिंगों के न सिर्फ दर्शन करने पर शिव भक्त को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इनका महज प्रतिदिन नाम लेने मात्र से ही जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा  उन्होंने भगवान शिव को प्रिय, रुद्राक्ष के महत्व का भी वर्णन किया ।  कथा के बाद सभी शिवभक्तो द्वारा हवन पूजन कर अंतिम दिवस भगवान भोलेनाथ की महाआरती कर सभी शिवभक्तो द्वारा शोभायात्रा निकालकर पार्थिव शिवलिंग को राम मंदिर लाकर हरी हर दर्शन कराया  गया शिवभक्तो द्वारा बैंड पार्टी किं धुन पर जमकर नाच कर खुशियां मनाई गई सभी शिवभक्तो की उपस्थिति में पार्थिव शिवलिंग का विधिवत पूजन कर  कुंड में विसर्जन किया गया। विसर्जन करने के बाद सभी भक्तो को महाप्रसाद के रूप में साबूदाने की खिचड़ी का वितरण समिति द्वारा किया गया।