बालाघाट- बैंगलुरू स्थित भारतीय एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने स्वदेशी हेलीकाप्टर का माडल तैयार किया है, जोे चीन के अत्याधुनिक रक्षा विमानों को टक्कर देगा। इस स्वदेश हेलीकाप्टर को बनाने वाले एयरो डायनामिक विभाग के प्रमुख चीफ मैनेजर अब्दुल राशिद पिता अब्दुल मलिक ताजर बालाघाट जिले की किरनापुर तहसील के रहने वाले हैं जो एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं

उन्होंने कक्षा बारहवीं तक किरनापुर के शासकीय स्कूल में शिक्षा हासिल करने वाले अब्दुल राशिद ने दूरभाष बताया कि यह हेलीकाप्टर आइएमआरएच यानी इंडियन मल्टीरोल हेलीकाप्टर का माडल बनाया है, भारतीय वायुसेना के पास मौजूद रूसी मी-17 (एमआइ) हेलीकाप्टर की जगह लेने की क्षमता रखता है। जिसे बैंगलुरू में चल रहे एयर शो में इसे प्रदर्शित किया गया है। एयर शो में इस माडल का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने अवलोकन किया  और माडल की तारीफ भी कर चुके हैं।

अब्दुल राशिद ने इस हेलीकॉप्टर की तकनीकी और सरंचना के बारे में बताया कि इस हेलीकाप्टर में लगने वाली ब्लेड, उसकी डिजाइन, इंजन की क्षमता सहित अन्य काम उनकी एयरो डायनामिक टीम ने किए हैं। हालांकि इस माडल को सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलना बाकी है।

राशिद का मानना है कि इसकी स्वीकृति मिलने से सुरक्षा उपकरणों को लेकर विदेशों पर हमारी निर्भरता खत्म होगी और इस क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बन जायेगा।


हेलीकाप्टर की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं

- एचएएल में चीफ मैनेजर अब्दुल राशिद के मुताबिक, इस हेलीकाप्टर में हाई टेक्नाेलाजी के उपकरण लगाएंगे जाएंगे

- कम दृश्यता यानी लो विजिबिलिटी में भी पायलट को उड़ान भरने में आसानी होगी।

- इस हेलीकाप्टर में 36 लोगों की बैठने की क्षमता है, जो अन्य हेलीकाप्टर से अधिक है।

- हेलीकाप्टर में राकेट, गन, एयर टू एयर मिसाइल जैसे हथियार रखने का स्थान बनाया गया है।

 इसमें मेंटेनेंस की कम जरूरत पड़ेगी।

किरनापुर के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे अब्दुल राशिद ने कक्षा आठवीं तक सरस्वती शिशु मंदिर फिर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला किरनापुर से बारहवीं पास की। इसके बाद उन्होंने भिलाई के छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। श्री राशिद कक्षा दसवीं और बारहवीं तथा अपने कालेज में टापर रह चुके हैं। इसके बाद वर्ष 2005 में राशिद बैंगलुरू स्थित भारतीय एयरोनाटिक्स लिमिटेड में बतौर इंजीनियर नियुक्त हुए थे। 18 साल से वह अलग-अलग हेलीकाप्टर की डिजाइनिंग में योगदान देकर देश सेवा कर रहे हैं। श्री राशिद ने बताया कि उनकी मां शाहरून निशा और छोटा भाई अब्दुल शाहिद ताजर परिवार के साथ किरनापुर में ही रहते हैं। वहीं, श्री राशिद पत्नी उज्मा ताजर, दस वर्षीय बेटी अलीजा और पांच वर्षीय बेटे अज़हान के साथ बैंगलुरू में रहते हैं। उज्मा ताजर पड़ोसी जिले सिवनी की रहने वाली हैं।

अब्दुल रशीद प्रचंड हेलीकाप्टर की डिजाइनिंग में भी दे चुके हैं अपना योगदान

अब्दुल राशिद की 20 सदस्यीय टीम ने हाल ही आइएमआरएच हेेलीकाप्टर का माडल बनाया है। इसके अलावा अब्दुल राशिद एएलएच ध्रुव हेलीकाप्टर, एलसीएच प्रचंड हेलीकाप्टर की डिजाइनिंग और लाइव टेस्टिंग में अपना योगदान दे चुके हैं। प्रचंड हेलीकाप्टर वर्तमान में आर्मी और एयरफोर्स में इस्तेमाल होता है। श्री राशिद को सोसाइटी आफ डिफेंस टेक्नोलाॅजी जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं।