जिम्मेदारों की अनदेखी से पर्यटन प्रेमी परेशान
बालाघाट। शहर के मोतीउद्यान को मोती सा चमकाने का दंभ भरने वाली नगरपालिका ठीक इसके विपरीत कार्य करते नजर आ रही हैं। वर्तमान में मोती तालाब की सफाई के नाम पर उद्यान परिसर में ही तालाब से निकाली जाने वाली जलकुंभी फेंकी व एकत्रित की जा रही है। इससे मोती उद्यान का वातावरण दूषित तो हो रहा है। यहां से गुजरने वाले अस्वच्छ वातावरण और बदबू से परेशान हैं। यहां पहुंचने वालों का कहना है कि स्वच्छता का ढिंढोरा पीटने वाली नपा स्वमं ही गंदगी को बढ़ावा देकर स्वच्छ वातावरण को प्रदूषित करने का काम कर रही है।
मोती उद्यान परिसर में स्वच्छता के नाम पर अस्वच्छता की यह तस्वीर देखकर लोग हैरान हैं। सवाल खड़े कर रहे है कि आखिर यह नगरपालिका का कैसा कचरा निष्पादन है। तालाब को जलकुंभी से साफ तो किया जा रहा है, लेकिन उद्यान में कचरे को अव्यवस्थित रूप से फेंक दिया गया है। जिसे हटाया नहीं जा रहा, बल्कि जलाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे कई जगह पर जलकुंभी जली भी नजर आ रही है।
सड़ांध मारती बदबू से गुजरना मुहाल
तालाब किनारे और उद्यान में प्रात: और शाम के समय सैर करने आने वाले नागरिकों की माने तो उनके लिए यह स्थिति काफी तकलीफदेह साबित हो रही है। जिन्हें इसके सडऩे से होने वाली दुर्गंध के साथ नाक में कपड़ा बांधकर निकलना पड़ रहा है। वहीं पूरे पग मार्ग पर फैले जलकुंभी के कचरे से तालाब का सौन्दर्य भी भद्दा नजर आ रहा है। इस संबंध में नागरिकों ने अपेक्षा की है कि जनता की खामोशी को गंभीरता से लेकर नगरपालिका जलकुंभी के कचरे को हटाकर उसके उचित निष्पादन की व्यवस्था करें।
इनका कहना है
यदि जलकुंभी को जलाकर नष्ट करना है, तो उसे अन्यत्र ले जाकर किया जाना चाहिए। यदि जलकुंभी को जलाया जाएगा, तो निश्चित ही इसका कचरा किनारे तालाब में जाएगा, जो तालाब की मछलियों के लिए कितना उपयोगी होगा या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।
इकबाल कुरैशी, जागरूक नागरिक
तालाब सफाई के नाम पर नगरपालिका उलटा गंदगी को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा मुकाम पाना तो दूर शहर और उद्यान की छवि धुमिल हो रही है। नपा को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
अजय ठाकुर, जागरूक युवा
तालाब सफाई के दौरान जलकुंभी निकाली गई है। हालाकि कचरे को टीम लगाकर हटाने का कार्य किया जाएगा।
सूर्यप्रकाश उइके, स्वास्थ्य प्रभारी नपा बालाघाट