लालबर्रा। मत्स्य पालन व सिंघाड़े की फसल हेतु शासकीय तालाब का पट्टा प्रदान करने जनसुनवाई में कलेक्टर से लगाई गुहार
मछुआरों ने नगपुरा सरपंच पर लगाया निजी लोगों को फायदा देने का आरोप..
लालबर्रा। मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत नगपुरा में मछुवा समूह के द्वारा ग्राम में स्थित शासकीय तीन तालाब में मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा की फसल हेतु ग्राम पंचायत के माध्यम से पट्टा प्रदान करने 20 जून को कलेक्टर जनसुनवाई में जनपद सदस्य हरिशंकर बनवारी के नेतृत्व में एक दर्जन मछुआरों ने पंचायत से पट्टा प्रदान करने व सरपंच सचिव पर निजी लोगों को फायदा पहुंचाने तथा भेदभाव का आरोप भी लगाया। वही शिकायती पत्र में उल्लेख है कि ग्राम में तीन शासकीय तालाब क्रमश: माता तालाब, बेल तालाब व चमर तालाब है जिसे वर्ष 2003 तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्राम पंचायत नगपुरा के माध्यम से स्थानीय मछुआ समूह में पट्टे पर प्रदान किया जाता रहा है। ग्राम पंचायत नगपुरा सरपंच सचिव के द्वारा निजी लोगों के द्वारा शासकीय तालाबों पर कब्जा कर मछली पालन व सिंघाड़े की फसल ले रहे हैं जो कि मछुआरों को दिया जाना था परंतु सरपंच सचिव के द्वारा मछुआरों को पट्टे पर नहीं दिया जा रहा है जिससे मच्छुवा समूह के सदस्यों को रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा है उक्त तालाब शासकीय है ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत नगपुरा के मछुआ समूह के लोगों को मछली पालन व सिंघाड़े की फसल के उत्पादन हेतु पट्टा प्रदान करने कलेक्टर से जनसुनवाई में गुहार लगाई।
वही पट्टा प्रदान करने की मांग करने वालों में प्रमुख रूप से बसंत शांडिल्य, राहुल बागड़े, शेखचंद बागड़े, लल्लूलाल कुराह, अजय कुशमारे, शिवम कुशमारे, संदीप शान्डिल्य, दिलीप बागड़े, अखिलेश कुशमारे, सावन कुशमारे, अंकित कुशमारे, चंद्रभान कुशमारे, अनुराग कुशमारे व जनपद सदस्य हरिशंकर बनवारी के नेतृत्व में आवेदन पत्र दिए गए हैं।
इनका कहना है
ग्राम में जो तालाब है सरपंच द्वारा लीज पर ना देने की वजह से हम सभी मछुआरे भाई कलेक्टर महोदय के पास आए हैं ताकि महोदय हमारे ऊपर ध्यान देकर सरपंच को पट्टा देने का आदेश जारी करें वही मेरे अनुसार पिताजी व उनके पिताजी भी 40 वर्ष पहले से तथा गांव के ही उन्हीं के साथ रहने वाले बुजुर्ग जो उसी तालाब में मत्स्य पालन कर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहे थे और कुछ वर्ष तक हमें पट्टे में तलाब भी दिया गया था लेकिन 2003 के बाद से कुछ निजी स्वार्थ के मतलब से वह तालाब हमें नहीं मिल रहा है क्योंकि वह तलाब शासकीय है इस वजह से हमें पट्टे प्रदाय किया जाए।
बसंत शांडिल्य शिकायतकर्ता
ग्राम में जो तीन तालाब है जो कि शासन के तालाब है मछुआरों को सरपंच पट्टा नहीं दे रहे हैं सरपंच का कहना है कि कलेक्टर साहब का मुझे आदेश आएगा तो मैं पट्टे पर दूंगा नहीं तो नहीं दूंगा इसी विषय को लेकर आज मछुआरों के साथ कलेक्टर ऑफिस आए हुए हैं उन्हें पट्टा प्रदान किया जाए ताकि उनको रोजगार मिल सके साथ ही पंचायत को आए भी प्राप्त होगी।
हरिशंकर बनवारी, जनपद सदस्य