बालाघाट। 18 वर्ष पूर्व ग्राम खरपडिय़ा थाना परसवाड़ा निवासी सुरतन बाई राहंगडाले पति की प्रताडना से तंग आकर, अपने दो लडक़ों नामदेव एवं मुकुन्द राहंगडाले को साथ लेकर किसी को बिना कुछ बताए कहीं चली गई थी। जिसकी रिपोर्ट गुमशुदा के पति नन्दकिशोर राहंगडाले द्वारा थाना परसवाड़ा में की गई थी। पुलिस द्वारा गुमशुदा सुरतन बाई एवं उसके लडक़े नामदेव व मुकुन्द की तलाश लंबे समय तक की गई परंतु काफी प्रयासों के बाद भी गुमशुदा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। वही टीम गठित कर जानकारी एकत्रित की गई जिसमें महिला को ढूंढ निकाला है वही उक्त मामले में मान. उच्च न्यायालय ने पति पर 10000 रूपये का जुर्माना लगाया है।
गुमशुदा की तलाश के संबंध मे मान उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका के पालन मे पुलिस अधीक्षक बालाघाट समीर सौरभ द्वारा गुमशुदा की तलाश हेतु अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सतीश साहू के नेत्रत्व मे एसआईटी का गठन कर गुमशुदा को शीघ्र दस्तयाब करने हेतु निर्देशित किया गया।
गठित एस.आई.टी. द्वारा गुमशुदा के निवास स्थान में सभी रिस्तेदारों एवं ग्रामवासियों से लगातार पूछताछ करते हुए करीब 70 लोगो से पूछताछ की गई जो प्राप्त सूचना के आधार पर गुमशुदा सुरतन बाई को उसके लडक़े नामदेव के साथ दस्तयाब किया गया। जिसने बताया कि उसके छोटे लडक़े मुकुन्द की सितम्बर 2006 में मृत्यु हो गई है। गुमशुदा द्वारा उसके पति नन्दकिशोर राहंगडाले द्वारा उसे तथा उसके बच्चों के साथ मारपीट एवं अमानवीय व्यवहार से परेशान होकर घर से बिना किसी को कहे, चले जाने की बात बतायी।
माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई याचिका पर आपत्ति जाहिर करते हुए याचिकाकर्ता पति नन्दकिशोर राहंगडाले पर 10000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है वहीं गुमशुदा की बहनों तथा परिजनों द्वारा 18 वर्ष बाद गुमशुदा सुरतन बाई राहंगडाले तथा नामदेव राहंगडाले से मिलाने पर पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
थाना प्रभारी उनि दीपक त्रिपाठी, सउनि धरम चंद्र बघेले, सउनि सुरेश राजपूत, आर. प्रवीण जाट। महिला आर. शशिकला आर. गजेंद्र पटेल।