बालाघाट। जिला अस्पताल की प्रभावित हुई स्वास्थ्य व्यवस्था
बालाघाट। 2021 से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर शासन-प्रशासन से गुहार लगा रही स्वास्थ्य विभाग की नर्सों ने चरणबद्ध आंदोलन की कड़ी में मंगलवार काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है। नर्सों की इस हड़ताल से शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल सहित पूरे जिलेभर के स्वास्थ्य केंद्रों की स्वास्थ्य सुविधा लडख़ड़ा गई है। स्थिति ये निर्मित हो गई है कि शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल प्रबंधन को संविधा स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही ट्रेनी नर्सिंग स्टाफ के भरोसे स्वास्थ्य सुविधाओं को संभालना पड़ रहा है जो कि मरीजों के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है। बता दें सिर्फ जिला अस्पताल में ही 174 नर्सों का स्टाफ है जिनके हड़ताल पर जाने से महज 30 संविधा स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। हड़ताली नर्सों ने बताया कि उनकी सरकार मांग नहीं मान रही है जिसके चलते ही उन्हें काम बंद हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ा है फिर भी यदि कोई इमरजेंसी केस आता है तो वे लोग मानवता के नाते जरुरी अपनी सेवाएं देंगे।
इन मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल..
नर्सिग आफीसर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष ज्योति चंदेल ने बताया कि नर्सिंग आफीसर का ग्रेड पे बढ़ाकर 4200, सीनियर नर्सिंग आफीसर का ग्रेड पे बढाकर 4600 व मेट्रन का ग्रेड पे बढ़ाकर 4800 किए जाने की मांग के साथ ही रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता को बढाने, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अधिकारी-कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन करने व भर्ती नियमों में संशोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से सुझाव लेने, ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कालेज में जीएनएन नर्सिंग को तीन व बीएससी नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गई है जबकि अन्य मेडिकल कालेजों को नहीं दी गई है। विभाग के इस सौतेले व्यवहार को दुरस्त करने, नर्सिंग स्टूडेंट का स्टायफंड बढ़ाकर आठ हजार करने, ओनर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति के लिए जब तक न्यायालय में प्रकरण विचारधीन है तब तक विभाग द्वारा पदोन्नति पर पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाए, नर्सिंग के टयूटर के पद सृजित करने, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सातवे वेतनमान का लाभ 2016 से देने, शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदो पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि व 70,80 व 90 प्रतिशत मानदेव नियम को निरस्त करने कर पूर्व की भांति नियम को यथावत रखने की मांग की जा रही है, लेकिन उनकी मार्गों के तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इस तरह किया चरणबद्ध आंदोलन..
नर्सिंग आफीसर एसोसिएशन के बैनर तले अपनी मांगों को पुरा करवाने के लिए नर्सों ने तीन जुलाई को जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपने, चार जुलाई को वार्ता का आयोजन कर मीडिया के माध्यम से अपना संदेश मुख्यमंत्री तक पहुंचाने, पांच जुलाई को अपने कार्य से अतिरिक्त एक घंटे अधिक सेवाएं देने, छह जुलाई को अपने कार्य से अतिरिक्त दो घंटे अधिक सेवाएं देने, सात जुलाई को जिला स्तर पर बैठक का आयोजन कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने, आठ जुलाई को जिला स्तर पर एक घंटे प्रदर्शन कर चरणबद्ध आंदोलन किया है और अब 11 जुलाई से काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है। वहीं हड़ताल को लेकर सिविल सर्जन चिकित्सक संजय धबडगांव ने बताया कि नर्से जिला अस्पताल की रीढ़ की हड्डी है और उनकी अनुपस्थिति में कार्य तो प्रभावित होगा ही हम संविधा स्वास्थ्य कर्मी व ट्रेनि नर्सिंग स्टाफ की मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरस्त करने का प्रयास कर रहे है।