बालाघाट। कांग्रेसियों ने पकड़ी स्कूटी में शराब
बालाघाट। विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान 17 नवंबर को होना है चुनावी शोरगुल 15 नवंबर की शाम से थम गया है और प्रत्याशियों द्वारा संपर्क कर मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने की अपील की जा रही है। एक तरफ जहां पार्टी पदाधिकारी और प्रत्याशियों द्वारा घर घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है, वही कुछ लोगों द्वारा पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने शराब साड़ी बांटने का भी कृत्य किए जाने की जानकारी सामने आई है। गुरुवार की दोपहर में करीब 3:00 बजे नगर के वार्ड नंबर 16 में शुक्ला नर्सिंग होम के पीछे कुछ कांग्रेसी पार्षदो एवं कार्यकर्ताओं द्वारा एक स्कूटी में सवार दो लोगों के पास से शराब बरामद की गई, जिससे वहां हंगामा खड़ा हो गया। कांग्रेसियों के द्वारा पकड़े जाते ही दोनों युवक की स्कूटी छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान कांग्रेसियों ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी पर सीधा आरोप लगाते हुये कहां की बालाघाट विधानसभा सीट की प्रत्याशी का पलड़ा भारी होने के कारण भाजपा प्रत्याशी द्वारा चुनाव जीतने के लिए शराब साड़ी और पैसे का सहारा लिया जा रहा है।
कांग्रेसी पार्षद कारो लिल्हारे ने इस दौरान बताया कि भाजपा के कार्यकर्ता और बड़े पदाधिकारी पैसा और शराब बांट रहे हैं, उसको लेकर हम पूरे शहर का भ्रमण कर रहे थे। इसी दौरान वार्ड नंबर 1 में उनकी एक टीम द्वारा शराब पकड़ी गई, वही वे लोग शिकायत मिलने पर वार्ड नंबर 10 जा रहे थे इस दौरान एक स्कूटी में शराब ले जाते हुए दो युवकों को पकड़ा गया है। वे लोग पार्षद सुधीर चिले और ठेकेदार निशिध श्रीवास्तव के पास से शराब लेकर आ रहे थे, स्कूटी में शराब देखते ही उन्होंने गाड़ी रोक कर उन युवकों से पूछताछ की तो वे स्कूटी छोड़कर भाग गए। पार्षद कारो लिल्हारे ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी जब 40 साल के विधायक है तो उन्हें विकास के नाम पर वोट मांगना था। हमारे नेता कभी विधायक नहीं बनी वे नगरपालिका के 10 वर्ष के कार्यकाल पर वोट मांग रहे हैं, हम शराब साड़ी और पैसे का सहारा नहीं ले रहे हैं। हमारा जिला प्रशासन पर भी सीधा आरोप है उनके द्वारा भाजपाईयो को खुला छोड़ दिया गया है कानून व्यवस्था पूरी शिथिल कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा शराब पैसे बांटने वालों को नहीं रोके जाने के कारण उन्हें सामने आना पड़ रहा है। जनता समझ चुकी है अनुभा मुंजारे का पलड़ा भारी है इसलिए भाजपा को शराब साड़ी और पैसे का सहारा लेना पड़ रहा है।