वारासिवनी। भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं को अहंकार हो गया हैं, जिनके भरोसे हम चुनावों में जाते हैं, ऐसे छोटे कार्यकर्ताओं का भाजपा में कोई महत्व नहीं रह गया हैं। वर्तमान की भाजपा पूरी तरह से बदल गई हैं, भाजपा ने जिस तरह से क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का अपमान कर प्रदीप जायसवाल को भाजपा प्रवेश करवाया हैं, उसका परिणाम इस चुनाव में पार्टी को भुगतना होगा।
जायसवाल के भाजपा प्रवेश से नाराज हैं अधिकांश भाजपाई
यह कहना हैं वारासिवनी विधानसभा के पूर्व विधायक और भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. योगेंद्र निर्मल का। विदित हो कि वारासिवनी-खैरलांजी क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद भी राजधानी भोपाल में बैठे हुए पार्टी के बड़े नेताओं ने खनिज विकास निगम अध्यक्ष व निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को भाजपा की सदस्यता दिलवा दी हैं। जिससे क्षेत्र के भाजपा नेताओं में बड़ी नाराजगी व्याप्त हैं।
जायसवाल ने पूरी जिंदगी भाजपा व संघ को कोसा है
इस मामले में मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ योगेंद्र निर्मल ने कहा कि जिस व्यक्ति ने पूरी जिंदगी भाजपा और संघ को कोसा और कार्यकर्ताओंको प्रताडि़त किया। नगरपालिका और पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ  अपने उम्मीदवार उतार कर भाजपा को दोनों निकायों में नुकसान पहुॅचाने का कार्य किया हैं। ऐसे व्यक्ति के भाजपा प्रवेश का क्षेत्र के कार्यकर्ता लगातार विरोध करते रहे, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं के विरोध की अनदेखी कर उसे पार्टी में प्रवेश दे दिया गया।
टिकट देने पर नहीं करेगे कार्य
डॉ निर्मल ने कहा कि गुड्डा जायसवाल को पार्टी यदि वारासिवनी से टिकट देती हैं, तो भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता जायसवाल का काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई हैं, वहाँ जो निर्णय होगा, उस पर अमल किया जायेगा। कांग्रेस पर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ना ही किसी कांग्रेस के नेता का उन्हें फोन आया हैं और ना ही वे कांग्रेस में जायेंगे।
गौरीशंकर बिसेन से भी नाराज हैं विरोध करने वाले भाजपाई
दूसरी ओर वह केबिनेट मंत्री व विधायक गौरीशंकर बिसेन से भी नाराज नजर आए। जिन्होंने पहले तो प्रदीप जायसवाल के भाजपा प्रवेश के विरोध में भाजपाईयों द्वारा चलाई जा रही मुहिम में उनका  खुलकर साथ दिया और उन्हें भोपाल और दिल्ली तक के बड़े नेताओं से मिलवा कर उनके विरोध को एक धार प्रदान की। लेकिन जैसे ही उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक माह पूर्व मंत्रीमंडल में शामिल कर केबिनेट मंत्री बनाया गया, उनके सुर ही बदल गए।
बोधसिंह को रोकने जायसवाल से हाथ मिलाने का आरोप
चर्चा हैं कि गौरीशंकर बिसेन ने पूर्व सांसद बोधसिंह भगत को भाजपा में शामिल नहीं होने देने और कटंगी से भाजपा प्रत्याशी नहीं बनने देने के लिए विधायक प्रदीप जायसवाल का सहारा लिया और उनके माध्यम से भाजपा हाईकमान के सामने बोधसिंह भगत की खिलाफत करवा कर गौरव सिंह पारधी को कटंगी का प्रत्याशी बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके कारण बोधसिंह भगत को कांग्रेस का रुख करना पड़ा।
वारासिवनी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ दगाबाजी कर जायसवाल में मिलाया हाथ
वहीं दूसरी ओर उन्होंने वारासिवनी विधानसभा के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ दगाबाजी करते हुए प्रदीप जायसवाल को भाजपा में शामिल करने के लिए अपनी सहमति हाईकमान के सामने दे दी और प्रदीप जायसवाल के भाजपा में शामिल होने के दौरान रविवार की रात में गौरीशंकर बिसेन खुद मुख्यमंत्री आवास में उपस्थित रहे और उन्होंने प्रदीप जायसवाल को भाजपा
का गमछा पहना कर अपना आशीर्वाद भी दिया।
विधायक गौरीशंकर बिसेन की इस दोहरी चाल से वारासिवनी विधानसभा के नेता व कार्यकर्ताओं में उनके प्रति भी आक्रोश व्याप्त हुआ हैं। जिस कारण पूर्व विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल ने साफ कहा हैं कि गौरीशंकर बिसेन अपने निहित स्वार्थो के लिए उनके आंदोलन के साथ जुड़े थे। हमें उन पर शुुरु से ही विश्वास नहीं था।
नाराज भाजपाईयों को कैसे मनायेगे जायसवाल?
बताया जाता हैं कि केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठकों के बाद जब भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होगी और उसमें प्रदीप जायसवाल को वारासिवनी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया जायेगा, उसके बाद ही उनसे नाराज भाजपाईयों द्वारा बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जायेगी। अब देखना यह हैं कि नाराज भाजपाईयों को प्रदीप जायसवाल कैसे मना पाते है?