बालाघाट। विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया गया है इसके साथ ही आदर्श आचरण संहिता आज से लागू कर दी गई है। चुनाव आचार संहिता लागू होते ही चुनावी आगाज हो गया है, इसके साथ ही जिले की जनता द्वारा विधानसभावार समीकरण बनाने शुरू कर दिए गए हैं। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी वर्तमान में आगे चल रही है क्योंकि भाजपा द्वारा चार सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है वही कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक एक भी सीट के लिए प्रत्याशी अधिकृत रूप से घोषित नहीं किया गया है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सोमवार को चौथी सूची जारी की गई जिसमें बालाघाट जिले की एक सीट का समावेश किया गया है, परसवाड़ा सीट से आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे को पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। इसके पहले जिले की बैहर लांजी और कटंगी सीट के लिए प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषित किया जा चुका है। परसवाड़ा सीट पर कावरे को भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाते ही भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ ही समर्थकों एवं क्षेत्र की जनता में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है।
परसवाड़ा सीट में पहले से ही तय थे कांवरे
भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो बालाघाट जिले में परसवाड़ा और बालाघाट सीट में उम्मीदवार कौन हो सकता है यह पहले से ही लगभग होना माना जा रहा था, बस अधिकृत रूप से घोषणा होना ही बाकी था। चाहे पार्टी द्वारा अब तक रामकिशोर कावरे को प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया हो लेकिन सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता क्षेत्रीय जनता एवं राजनीतिक जानकार सभी रामकिशोर कावरे को भाजपा प्रत्याशी ही मानते चले आ रहे थे और इस पर आज पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के रूप में मुहर लगा दी गई है।
2 सीटों में प्रत्याशी घोषित नहीं होने से बना है सस्पेंस
भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश की काफी सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। सोमवार को जारी हुई चौथी सूची में 57 सीटों के लिए प्रत्याशी अधिकृत रूप से घोषित किया गया है। पार्टी द्वारा अभी तक दो सीट वारासिवनी एवं बालाघाट के लिए प्रत्याशी अधिकृत रूप से घोषित नहीं किया गया है जिससे लोगों में इन सीटों पर प्रत्याशी कौन होगा इसका सस्पेंस बना हुआ है। लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आखिर बालाघाट सीट से कौन उम्मीदवार होगा, हालांकि बालाघाट सीट से कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन एवं उनकी पुत्री मौसम हरिनखेड़े का ही नाम चल रहा है। बालाघाट विधानसभा के साथ ही जिले की जनता यह जानने उत्सुक है कि आखिर इनमें से बालाघाट विधानसभा प्रत्याशी के रूप में किसे टिकट मिलेगी तथा कौन विधानसभा फाइट करेगा।
वारासिवनी सीट पर टिकी है लोगों की नजरे
बालाघाट जिले में चुनावी अखाड़े के तौर पर देखे तो वारासिवनी सीट केंद्र बिंदु बनी हुई है। वारासिवनी सीट में विधायक एवं खनिज निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल केंद्र बिंदु बने हुए हैं, जनता यही देखना चाहती है कि प्रदीप जायसवाल किस पार्टी से चुनाव लड़ते हैं या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में। जिस प्रकार लंबे समय से चर्चा चली आ रही है और पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन पर जिस प्रकार से विधायक प्रदीप जायसवाल की शिवराज सिंह चौहान के साथ पुलिस लाइन हेलीपैड स्थल पर मुलाकात हुई, साथ ही उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में कार्यक्रम स्थल पर फ्रंट लाइन में प्रदीप जायसवाल नजर आये। उसको देखते हुए लोगों में यही चर्चा है कि प्रदीप जायसवाल भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं या यह कहे कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर चुनाव लड़वा सकती हैं। जबकि वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपाईयो द्वारा प्रदीप जायसवाल का विरोध शुरू से ही किया जा रहा है तथा वर्तमान में भी जारी है। ऐसे में भाजपा प्रदीप जायसवाल को प्रत्याशी बनाती है या किसी और को, जनता इसी का इंतजार कर रही है।
टिकट आबंटन होते ही वारासिवनी में बदलेंगे समीकरण
वारासिवनी सीट जिले की महत्वपूर्ण सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से हो गई है। यह सीट पिछले चुनाव में भी बहुत ज्यादा जनचर्चा में रही थी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव के ठीक पूर्व संजय सिंह मसानी को प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस से चुनाव लड़वाया गया था। जिससे आहत होकर विधायक प्रदीप जायसवाल द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा गया था और उन्होंने अपने एवं साथी कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव जीतकर भी दिखाया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के 15 माह के कार्यकाल के बाद जब शिवराज सरकार बनी, उसमें भी विधायक प्रदीप जायसवाल का योगदान रहा। जिसके कारण यह विधानसभा हमेशा सुर्खियों में रही, अब यदि भारतीय जनता पार्टी विधायक प्रदीप जायसवाल को भाजपा से उम्मीदवार बनाती है या नहीं भी बनाती तो भी इस विधानसभा में राजनीतिक समीकरण जरूर बिगड़ेंगे। कुल मिलाकर इस विधानसभा में चुनाव दिलचस्प रहेगा।