बालाघाट। मनमर्जी से बनाए जा रहे भवन
बिना अनुमति व मानचित्र के हो रहे भवन निर्माण
नहीं छोड़ रहे नाली और सडक़ के लिए जगह
बालाघाट। नगरपालिका क्षेत्र में भवन निर्माण किए जाने के पूर्व नपा से अनुमति व मानचित्र लेना पड़ता है। इसके लिए बकायदा नपा ने 19 बिंदुओं की गाइड लाइन भी निर्धारित की है लेकिन शहर के भवन निर्माण कर्ताओं द्वारा गाइड लाइन के अधिकांश बिंदुओं का पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं कुछ भवन मालिकों ने तो अनुमति लिए बिना ही भवन निर्माण शुरू भी कर दिया है। किए गए एक सर्वे के अनुसार वर्तमान में शहर के 33 वार्डो में करीब दो सैकड़ा से अधिक भवन निर्माण किए जा रहे हैं। जबकि नपा आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 63 लोगों ने ही निर्माण की अनुमति ली है। ऐसे में बिना अनुमति व मानचित्र स्वीकृत कराए बनाए जा रहे भवन भविष्य में परेशानियों का सबब बनेंगे, जिनके कारण विवाद की स्थिति भी निर्मित होगी।
यह है गाइड लाइन के प्रमुख बिंदु
भवन निर्माण के लिए नपा द्वारा 19 बिंदुओं पर मापदंड बनाए गए है। इनमें प्रमुख
:-निर्माण कार्य स्वयं के भूखंड पर किया जाना चाहिए।
:- भूखंड से लगी सड़क, नाली शासकीय अथवा नपा की भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया जाएगा।
:- निर्मित क्षेत्रफल भूखंड क्षेत्रफल 322 वर्गमीटर में 50 प्रतिशत से अधिक मान्य नहीं होगा।
:- भवन के सामने 3 मी., दाहिने तरफ 2.50 मी., पीछे 1.50 मीटर और बायी ओर मानचित्रानुसार जगह छोड़ी जानी चाहिए।
:- नपा की सार्वजनिक नाली तक भूखंड स्वामी द्वारा नाली निर्माण।
:- 4 पौधों का रोपण किया जाना आवश्यक।
:- नपा को निर्माण शुरू व समाप्त होने की सूचना दिया जाना चाहिए।
:- वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से हो।
:- निर्माण के दौरान सडक़ पर निर्माण सामग्री भी नहीं रखी जा सकती है। इसी तरह कुल 19 बिंदुओं का पालन भवन निर्माणकर्ता को किया जाना चाहिए।
नहीं छोड़ रहे नाली और सड़क
नपा नियमों के विपरीत शहर में भवन निर्माण करवाए जा रहे हैं। इनमें अधिकांश भवन मालिक मानचित्र के अनुसार नियत स्थान में नाली निर्माण न कराकर किसी भी तरह खाली प्लाटों की ओर नाली निर्माण करवा रहे हैं। वहीं नाली निर्माण और सड़क के लिए भवन के सामने 3 मी. और दाहिने तरफ 2.50 मीटर की जगह भी नहीं छोड़ी जा रही है। इन सबमें प्रमुख किसी भी भवन मालिक द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं किया जा रहा है।
उदासीन बने नपा अधिकारी
जानकारी के अनुसार भवन निर्माता नियमों का पालन करते हुए और मानचित्र अनुसार निर्माण करवा रहा है या नहीं इस बात को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी नगरपालिका के अधिकारियों की है। जिनके द्वारा निर्माण कार्य का मौका स्थल पर जाकर निरीक्षण किया जाना भी प्रावधान में निहित किया गया है। बावजूद इसके अधिकारी उदासीन रवैया अपनाते हुए भवन निर्माण का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप भवन निर्माणकर्ता मनमानी करते हुए मनमर्जी से निर्माण कर रहे हैं।
विवाद की बनेगी स्थिती
शहर में नियमों के विपरीत व बिना मानचित्र के बनाए गए भवनों से नित्य ही विवाद की स्थिति निर्मित होती है। पूर्व में शहर के भटेरा चौकी पंप हाउस गली में सड़क तक मकान बना लिए जाने और वार्ड में निकासी की व्यवस्था नहीं होने से वार्डवासियों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। उस दौरान स्वयं नपाध्यक्ष ने जेसीबी मशीन व अमले के साथ मौके पर पहुंचे अतिक्रमण वाले मकान का हिस्सा तुड़वाकर मामले से पटाक्षेप किया था, ऐसे ही वर्तमान में भी भवन निर्माण किए जा रहे हैं। जिससे आगामी दिनों फिर वैसी स्थिति निर्मित होगी और विवाद होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
इनका कहना है
भवन निर्माण करने के लिए नगरपालिका की अनुमति लेना आवश्यक होता है इस वर्ष अभी तक 331 आवेदन नगरपालिका में आए हैं नियमों का पालन नहीं करने वाले भवन निर्माता को नगरपालिका की ओर से नोटिस भेजा जाता है। यदि कोई अनुमति नहीं लेता है तो उसे बाद में डबल राशि जमा करनी पड़ती है। नगरपालिका के अमले द्वारा समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है।
निशांत श्रीवास्तव
सीएमओ नगरपालिका बालाघाट