बालाघाट। भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन में तीसरे सावन सोमवार पर नगर के तमाम शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी पूजा अर्चना की। सावन के तीसरे सोमवार पर सुबह 6 बजे से ही मंदिरों में भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ दिखाई दी।जहा सुबह स्नान करने के बाद बड़ी तादात में लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिरों में पहुंचे। जिनके द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की गई।वही श्रद्धालु भक्तो द्वारा शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत, शमीपत्र आदि अनेक शुभ वस्तुएं चढ़ाई गई।वही नगर के सभी शिवालयों में सुबह से लेकर देर शाम तक बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहे।
शिवालयों में गूंजती रही, हर-हर महादेव की गूंज
सावन महीने के तीसरे सोमवार को नगर के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओ की खासी भीड़ नजर आई। जहा सुबह से लेकर देर शाम तक हर-हर महादेव, जय ओम शिवकारा की गूंज सुनाई दी। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की मंदिरों में खासी भीड़ रही।वहीं शिव मंदिरों के साथ अन्य मंदिरों पर भी दिनभर भक्तों को तांता लगा रहा है। जहा भक्तो द्वारा शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक किया गया। वही शिवलिंगों को पुष्प, बेल पत्र, आंक, धतूरे से सजाकर महाआरती की गई। इस दौरान मंदिरों में घंटी, घडिय़ाल, शंख व झालर के बीच भोलेनाथ के उद्घोष से माहौल भक्तिमय बना रहा। भक्तिमय माहौल का यह नज़ारा नगर के शंकरघाट, बूढ़ी शिव मंदिर, भी शिव मंदिर, बैहर चौकी समीप स्थित शिव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में देखा गया।जहा इन सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। जहा कई श्रद्धालु भक्तो द्वारा पंडितों की मौजूदगी में शिव महाभिषेक, महामृत्युंजय के जाप,और रुद्राभिषेक किया। वही पंडितों के द्वारा शिव महापुराण पाठ कराकर रात्रि को भगवान भोले की भक्ति में जगराता किया गया।
भक्ति भाव के साथ जारी है कांवड़ यात्रा
सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का अलग ही महत्व है। जिसके चलते पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है।खासकर सावन के पवित्र महीने में पडऩे वाले  सोमवार और शिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में खासी भीड़ उमड़ती है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है।और भक्तो की मनमुराद पूरी करते है।शायद यही वजह है इस माह में कांवडिय़ों द्वारा जलाशयों से पानी कावड़ में ले जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर विशेष प्रथाएं की जाती है।जिसका एक नजारा पहले और दूसरे सावन सोमवार की तरह ही तीसरे सावन सोमवार को भी देखने को मिला। जहा बाबा भोलेनाथ के भक्त वैनगंगा नदी से जल लेकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते नजर आए तो कुछ भक्तो ने कावड़ धारण कर भोलेनाथ के दूर दराज मंदिरों के लिए कावड़ यात्रा शुरू की। जहां श्रद्धालु भक्त वैनगंगा या अन्य जलाशयों का पानी कावड़ में ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति में जुटे हुए है।
शिवालयों में नजर आई सुरक्षा व्यवस्था
सावन माह के तीसरे सोमवार होने और मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक भीड़ होने के चलते, नगर के तमाम शिव मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले। जहां किसी भी अनहोनी को रोकने और भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस व्यवस्था मुस्तैद नजर आई। जहां सभी मंदिरों में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी श्रद्धालु भक्तों को सुरक्षा प्रदान करते नजर आए।जिसके चलते भारी भीड़ होने के बावजूद भी शांतिपूर्ण तरीके से श्रद्धालु भक्तों द्वारा विशेष पूजा अर्चना कर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए।