वन अधिकारियों व माफियाओं की आपसी मिलीभगत से बढ़ रहे वन अपराध
लालबर्रा।
  जंगल से प्रवाहित होने वाले नालों से रेत माफिया दिनदहाड़े खनन कर ट्रैक्टरों से रेत का परिवहन कर रहे हैं जिसे शायद रोकने वाला कोई दिखाई नहीं देता,  वन विकास निगम लालबर्रा परी क्षेत्र के ग्राम कंजई में गुरुवार की सुबह  ट्रैक्टरों से रेत का परिवहन होते देखा गया, मीडिया द्वारा  रेत का परिवहन होते हुए ट्रैक्टर की तस्वीर कैमरे में  कैद की गई है हैरान करने वाली बात तो यह है प्रतिदिन सुबह जंगल सुनसान पड़ा रहता है वन विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी जंगलों की सुरक्षा में कहीं दिखाई नहीं देता, रेत के काले कारोबारी रोजाना जंगलों से  रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं रेत का खनन विभाग के नाक के नीचे हो रहा है फिर भी वन अधिकारी हाथ पर हाथ धरे अपने अपने घरों में आराम फरमा रहे हैं, उन्हें वन की सुरक्षा व वन संपदा  से क्या लेना देना, सवाल यह है कि बहुत भारी मात्रा में जंगल नालों से रेत की चोरी की जा रही है वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं रहा है।
जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि रेत माफियाओं और विभागीय सांठगांठ से ही रेत का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है जंगल से हो रही वन संपदा की लूट पर फिर कौन लगाम लगाएगा। वन परिक्षेत्र अधिकारी को मामला संज्ञान में लाए जाने के बाद भी अखिर परीक्षेत्र अधिकारी रेत माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रही है।
आखिर क्या वजह है जो रेत चोरी पर परीक्षेत्र अधिकारी गंभीर नहीं दिखाई दे रही है शासन ने उन्हें दायित्व सौंपा है कि वन और पर्यावरण को सुरक्षित रखें, वन संपदा को बचा कर रखें उनकी सुरक्षा करें निगरानी करें, पर लालबर्रा परी क्षेत्र में ऐसा होते  कहीं दिखाई नहीं दे रहा है खुलेआम जंगलों से इमारती लकडिय़ों की अवैध कटाई की जा रही है। दिनदहाड़े जंगल के नालो से रेत का गैर कानूनी तरीके से खनन कर परिवहन किया जा रहा है और इसे रोकने वन विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है जैसे इनकी अकल को सांप सूंघ गया हो, लालबर्रा परीक्षेत्र अंतर्गत जंगलों को वन माफियाओं ने खोखला कर दिया है दिनदहाड़े अवैध लकड़ी की कटाई, रेत की चोरी की जा रही है।
घर में आराम फरमाते है वन अधिकारी व कर्मचारी...
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विकास निगम लालबर्रा परी क्षेत्र में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं रोजाना जंगलों में दिखाई नहीं दे रहे बताया जा रहा है कि लालबर्रा परीक्षेत्र अधिकारी भी बालाघाट में निवास करती है वहीं डिप्टी रेंजर भी कोई लालबर्रा में तो कोई बालाघाट में निवास कर रहे है इनकी जिम्मेदारी क्या है कि अपने अपने मुख्यालय में निवास कर जंगलों की सुरक्षा करें पर जमीनी स्तर पर ऐसा होते दिखाई नहीं दे रहा है अधिकांश अधिकारी के रोजाना जंगल नहीं पहुंचने की वजह से वनसंपदा को लूटा जा रहा है सुबह से लेकर रात के अंधेरे में भी वन माफिया जंगलों में सक्रिय रहते हैं और रेत चोरी, इमारती लकडिय़ों की अवैध कटाई को अंजाम देते हैं वन विकास निगम के संभागीय प्रबंधक वह परिक्षेत्र अधिकारी वन अपराध को रोकने में विफल साबित हो रहे हैं।
क्या अधिकारियों को आराम फरमाने का वेतन मान दे रही है सरकार जो सवाल है।
इनका कहना है
जब उक्त गंभीर मामले पर वन विकास निगम बालाघाट की संभागीय प्रबंधक से दूरभाष पर चर्चा करनी चाही गई तो उन्होंने फिर एक बार जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए मीडिया का फोन रिसीव नहीं किया।
 सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार संभागीय प्रबंधक रेत चोरी के मामले को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है  बड़ी तादाद में जंगल नालो से रेत की चोरी हो रही है। रेत माफिया पर ठोस कार्रवाई हो।